अध्याय 6: ऊतक (Tissues) – कक्षा 9 विज्ञान
जब एक जैसे कोशिकाएँ एक साथ मिलकर कोई विशिष्ट कार्य करती हैं, तो उन्हें “ऊतक” कहा जाता है। यह अध्याय हमें बताता है कि जंतु और पादप कोशिकाएँ कैसे समूह बनाकर शरीर में कार्य करती हैं। पादप ऊतक संरचना प्रदान करते हैं जबकि जंतु ऊतक गति और अन्य कार्यों में सहायक होते हैं। इस अध्याय में आप विभिन्न प्रकार के पादप और जंतु ऊतकों की संरचना, प्रकार और कार्यों को विस्तार से समझेंगे।
पादप ऊतक (Plant Tissues)
पादप ऊतक वे ऊतक होते हैं जो केवल पौधों में पाए जाते हैं। पौधों में कोशिकाएँ स्थिर होती हैं, इस कारण इनमें विभेदन (differentiation) एक स्थायी विशेषता होती है। पादप ऊतकों को दो मुख्य वर्गों में बाँटा जाता है:
1. मेरिस्टेम ऊतक (Meristematic Tissue)
2. स्थायी ऊतक (Permanent Tissue)
1. मेरिस्टेम ऊतक (Meristematic Tissues)
ये ऊतक वे हैं जिनकी कोशिकाएँ लगातार विभाजित होती रहती हैं और नई कोशिकाएँ बनाती हैं।
प्रकार | स्थिति | कार्य |
---|---|---|
अपेक्स मेरिस्टेम | जड़ और तना के सिरों पर | लंबाई में वृद्धि |
अंतरकाल मेरिस्टेम | गांठों के बीच | गांठों के बीच लंबाई में वृद्धि |
पार्श्व मेरिस्टेम | पार्श्व भागों पर | मोटाई में वृद्धि |
मेरिस्टेम ऊतक की कोशिकाएं छोटी, गोल और बड़ी नाभिक वाली होती हैं। इनमें रिक्तिकाएँ नहीं होतीं।

2. स्थायी ऊतक (Permanent Tissue)
जब मेरिस्टेम ऊतक की कोशिकाएं विभाजित होना बंद कर देती हैं, तो वे विशेष कार्यों के लिए विभेदित होकर स्थायी ऊतक बनाती हैं।
प्रकार | उदाहरण | कार्य |
---|---|---|
सरल स्थायी ऊतक | पैरेन्काइमा, कॉलेंकाइमा, स्क्लेरेन्काइमा | संरचना और भंडारण |
जटिल स्थायी ऊतक | जाइलम और फ्लोएम | पोषक तत्त्वों का परिवहन |
फ्लोएम का मुख्य कार्य पौधे के पत्तों से भोजन को अन्य भागों तक पहुँचाना है, जबकि जाइलम जल का परिवहन करता है।
1. ऊतक क्या है?
समान संरचना और कार्य वाले कोशिकाओं के समूह को ऊतक (Tissue) कहते हैं। ये कोशिकाएँ मिलकर किसी विशेष कार्य को कुशलता से संपन्न करती हैं।
2. बहुकोशिकीय जीवों में ऊतकों का क्या उपयोग है?
बहुकोशिकीय जीवों में ऊतक विभिन्न कार्यों को बांट कर कार्य करते हैं। इससे कार्य कुशलता बढ़ती है और ऊर्जा की बचत होती है। जैसे –
- पादपों में परिवहन, सहारा, भोजन संग्रहण के लिए अलग-अलग ऊतक होते हैं।
- जंतुओं में गति, रक्त परिसंचरण, संदेश संचार आदि कार्यों के लिए विभिन्न ऊतक होते हैं।
विभाज्योतक (Meristematic Tissue)
विभाज्योतक वे ऊतक होते हैं जिनकी कोशिकाएँ निरंतर विभाजित होती रहती हैं और नए ऊतक बनाती हैं। ये ऊतक पौधे की वृद्धि के लिए जिम्मेदार होते हैं।
मुख्य विशेषताएँ:
- इनकी कोशिकाएँ लगातार विभाजित होती हैं।
- कोशिकाओं की दीवार पतली होती है।
- इनमें रिक्तिका (vacuole) नहीं होती या बहुत छोटी होती है।
- कोशिकाएँ गीली और घनी साइटोप्लाज्म वाली होती हैं।
विभाज्योतक के प्रकार:
प्रकार | स्थान | कार्य |
---|---|---|
विकासी मेरिस्टीम (Apical Meristem) |
जड़ और तने की शीर्ष (tip) पर | लंबाई में वृद्धि करता है |
अंतरकल मेरिस्टीम (Intercalary Meristem) |
पत्तियों के आधार और ग्रासेस के नोड्स में | पौधे की लंबाई में अस्थायी वृद्धि करता है |
पार्श्व मेरिस्टीम (Lateral Meristem) |
तने और जड़ों के किनारों पर | मोटाई (गैirth) में वृद्धि करता है |
क्या पौधे और जंतु एक ही तरह के ऊतक से बने होते हैं?
उत्तर: नहीं, पौधे और जंतु एक ही तरह के ऊतक से नहीं बने होते हैं।
- पादप ऊतक: पौधों में स्थायी ऊतक (जैसे परवर्द्धित, काष्ठीय) एवं विभाज्योतक ऊतक होते हैं जो वृद्धि में सहायता करते हैं। पौधों की कोशिकाएँ सामान्यतः कठोर भित्ति वाली होती हैं।
- जंतु ऊतक: जंतुओं में स्नायु ऊतक, स्नायु पेशीय ऊतक, संचारी ऊतक आदि होते हैं, जो अधिक गतिशीलता एवं कार्यात्मक विविधता प्रदान करते हैं।
इसलिए पौधे और जंतु अपने कार्यों के अनुसार अलग-अलग प्रकार के ऊतकों से बने होते हैं।
स्थायी ऊतक (Permanent Tissue)
वे ऊतक जो विभाजन की क्षमता खो चुके होते हैं और विशिष्ट कार्यों के लिए विशिष्ट रूप से बन जाते हैं, उन्हें स्थायी ऊतक कहते हैं। ये ऊतक विभाज्योतक ऊतकों के विभाजन के बाद बनते हैं और पौधे की संरचना, संचालन और संरक्षण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
स्थायी ऊतकों के प्रकार
स्थायी ऊतक दो प्रकार के होते हैं:
- सरल स्थायी ऊतक (Simple Permanent Tissue)
- जटिल स्थायी ऊतक (Complex Permanent Tissue)
सरल स्थायी ऊतक
ऊतक | लक्षण | कार्य |
---|---|---|
पैरेंकाइमा | जीवित, पतली भित्तियाँ, रिक्तस्थान अधिक | भोजन संचय, प्रकाश संश्लेषण (यदि क्लोरोप्लास्ट हो) |
कोलेंकाइमा | जीवित, कोनों पर मोटी भित्तियाँ | पौधों को लचीलापन एवं सहारा प्रदान करना |
स्क्लेरेंकाइमा | मृत, मोटी लिग्निनयुक्त भित्तियाँ | कठोरता और मजबूती प्रदान करना |
जटिल स्थायी ऊतक
जटिल ऊतक ऐसे ऊतक होते हैं जो विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बने होते हैं और मिलकर एक कार्य करते हैं। पौधों में दो प्रमुख जटिल ऊतक हैं:
- जाइलम (Xylem): जल और खनिजों का परिवहन
- फ्लोएम (Phloem): भोजन का परिवहन
सरल स्थायी ऊतक (Simple Permanent Tissue)
सरल स्थायी ऊतक वे ऊतक होते हैं जो समान प्रकार की कोशिकाओं से बने होते हैं और जिनकी संरचना एवं कार्य एक जैसे होते हैं। ये कोशिकाएँ विभाजन क्षमता खो चुकी होती हैं।
सरल स्थायी ऊतक के प्रकार:
ऊतक | विशेषताएँ | कार्य |
---|---|---|
पैरेन्काइमा (Parenchyma) | सजीव, पतली भित्ति, कोशिकाओं में अंतराल | भंडारण, प्रकाश-संश्लेषण, वातायन |
कोलेंकाइमा (Collenchyma) | सजीव, कोशिका भित्ति मोटी, कोनों पर मोटापन | मेकैनिकल समर्थन और लचीलापन |
स्क्लेरेंकाइमा (Sclerenchyma) | निर्जीव, मोटी और लिग्निन से युक्त भित्ति | सख्ती एवं मजबूती प्रदान करता है |
कॉलेन्काइमा एवं स्क्लेरेन्काइमा (Collenchyma and Sclerenchyma)
सरल स्थाई ऊतक तीन प्रकार के होते हैं – पेरेंकाइमा, कॉलेंकाइमा और स्क्लेरेन्काइमा।
1. कॉलेंकाइमा (Collenchyma)
- यह यांत्रिक शक्ति देने वाला जीवित ऊतक है।
- मुख्यतः पत्तियों, डंठलों और फूलों के भागों में पाया जाता है।
- इन कोशिकाओं की भित्तियाँ सेलूलोज, हेमीसेलूलोज और पेक्टिन की बनी होती हैं।
- कोशिका भित्तियों के कोनों पर मोटाई पाई जाती है।
- यह पौधे के लचीलेपन में सहायक होता है।
- इनमें रिक्तस्थान (intercellular spaces) कम या नहीं होते।
2. स्क्लेरेन्काइमा (Sclerenchyma)
- यह मृत स्थाई ऊतक है।
- कोशिकाओं की भित्तियाँ अत्यंत मोटी होती हैं, जो लिग्निन से युक्त होती हैं।
- कोशिकाओं में प्रोटोप्लाज्म नहीं होता (मृत होती हैं)।
- रिक्तस्थान नहीं होते – कोशिकाएं सघन होती हैं।
- यह पौधों को कठोरता और मजबूती देता है।
- यह मुख्यतः तनों, बीजों की कोट, नारियल के कवच आदि में पाया जाता है।
तुलनात्मक सारणी
लक्षण | कॉलेन्काइमा | स्क्लेरेन्काइमा |
---|---|---|
कोशिकाएं | जीवित | मृत |
कोशिका भित्ती | सेलूलोज एवं पेक्टिन से मोटी | लिग्निन से अत्यंत मोटी |
कार्य | लचीलापन व सहारा | मजबूती व कठोरता |
पाया जाता है | पत्तियाँ, फूल, डंठल | तना, बीज कोट, नारियल कवच |
Stomata (रंध्र) और द्वार कोशिकाएं
Stomata पौधों की पत्तियों एवं हरे तनों की बाह्यत्वचा (epidermis) में पाए जाने वाले सूक्ष्म छिद्र होते हैं। ये पौधों में गैसों के आदान-प्रदान और जल के वाष्पोत्सर्जन (transpiration) के लिए आवश्यक होते हैं।
• Stomata की संख्या पत्तियों की निचली सतह पर अधिक होती है।
• इनका आकार और संख्या पौधे की प्रजाति, पर्यावरण और स्थिति पर निर्भर करती है।
• प्रत्येक रंध्र दो द्वार कोशिकाओं (guard cells) द्वारा नियंत्रित होता है।
द्वार कोशिकाएं (Guard Cells)
द्वार कोशिकाएं Stomata को घेरने वाली विशेष प्रकार की संवहनी (epidermal) कोशिकाएं होती हैं। इनका कार्य रंध्र को खोलना और बंद करना होता है।
विशेषता | विवरण |
---|---|
संरचना | दो अर्धचंद्राकार कोशिकाएं जिनके बीच में रंध्र (stomatal pore) होता है। |
कार्य | रंध्र को खोलना और बंद करना, जिससे गैसों का आदान-प्रदान होता है। |
गठन में विशेषता | इनमें क्लोरोप्लास्ट होते हैं जो इन्हें प्रकाश में संवेदी बनाते हैं। |
खुलने की प्रक्रिया | जल के प्रवेश से द्वार कोशिकाएं फूलती हैं, जिससे रंध्र खुलता है। |
बंद होने की प्रक्रिया | जल की कमी से द्वार कोशिकाएं सिकुड़ती हैं, जिससे रंध्र बंद हो जाता है। |
जटिल स्थायी ऊतक (Complex Permanent Tissue)
परिभाषा: जटिल स्थायी ऊतक वे ऊतक होते हैं जिनमें विभिन्न प्रकार की कोशिकाएं मिलकर एक साथ कार्य करती हैं। ये ऊतक मुख्य रूप से पौधों में पदार्थों के परिवहन का कार्य करते हैं।
फैक्ट बॉक्स:
1.जटिल स्थायी ऊतक में सभी कोशिकाएं एक जैसी नहीं होतीं, लेकिन वे मिलकर एक ही कार्य करती हैं।
2.यह केवल पौधों में पाया जाता है।
मुख्य दो प्रकार:
ऊतक | कार्य | घटक कोशिकाएं |
---|---|---|
जाइलम (Xylem) | जल एवं खनिजों का मूल से पौधे के अन्य भागों तक परिवहन करता है। | ट्रैकेरी, वाहिकाएं (Vessels), जाइलम पैरेंकाइमा, जाइलम रेशे |
फ्लोएम (Phloem) | पत्तियों से अन्य भागों तक खाद्य पदार्थों का परिवहन करता है। | सीव ट्यूब, सहायक कोशिकाएं, फ्लोएम पैरेंकाइमा, फ्लोएम रेशे |
1. जाइलम की संरचना:
- ट्रैकेरी – लंबी नलीनुमा मृत कोशिकाएं जो जल का परिवहन करती हैं।
- वाहिकाएं (Vessels) – संलग्न नली जैसी संरचनाएं, अधिक कुशल जल परिवहन में सहायक।
- जाइलम पैरेंकाइमा – जीवित कोशिकाएं जो खाद्य भंडारण करती हैं।
- जाइलम रेशे – मृत रेशेदार कोशिकाएं जो सहारा प्रदान करती हैं।
2. फ्लोएम की संरचना:
- सीव ट्यूब – जीवित लेकिन नाभिक रहित कोशिकाएं जो खाद्य पदार्थों का संचालन करती हैं।
- सहायक कोशिकाएं – सीव ट्यूब के कार्य में सहायता करती हैं।
- फ्लोएम पैरेंकाइमा – जीवित कोशिकाएं जो पोषक तत्व संग्रहण करती हैं।
- फ्लोएम रेशे – मृत रेशेदार कोशिकाएं जो सहारा देती हैं।
निष्कर्ष:
जटिल स्थायी ऊतक पौधों में विशेष कार्यों को संपन्न करने हेतु विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं का समन्वय है, जो पौधों की वृद्धि, पोषण, जल और खाद्य परिवहन में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
प्रश्नोत्तर: जटिल स्थायी ऊतक
सरल स्थायी ऊतक तीन प्रकार के होते हैं:
1. पेरेंकाइमा
2. कॉलेंकाइमा
3. स्क्लेरेन्काइमा
प्ररोह का शीर्षस्थ विभज्योतक तने या शाखा के शिखर (tip) पर पाया जाता है। यह विभज्योतक पौधे की लंबाई में वृद्धि करता है।
नारियल का रेशा स्क्लेरेन्काइमा ऊतक से बना होता है। इसे स्क्लेरेनकाइमस फाइबर कहा जाता है जो कठोर और मजबूत होता है।
फ़्लोएम के चार प्रमुख संघटक होते हैं:
- सिव ट्यूब (Sieve tubes)
- साथी कोशिकाएं (Companion cells)
- फ्लोएम तंतु (Phloem fibres)
- फ्लोएम परिवेशी (Phloem parenchyma)
जंतु ऊतक (Animal Tissues)
जंतु ऊतक वे ऊतक होते हैं जो जंतुओं के शरीर में विशिष्ट कार्यों जैसे गति, समर्थन, परिवहन और नियंत्रण को पूरा करने के लिए विशेषीकृत होते हैं। मानव और अन्य जंतुओं में चार प्रमुख प्रकार के ऊतक पाए जाते हैं।
1. एपीथीलियल ऊतक (Epithelium Tissue) – आवरण प्रदान करते हैं
2. स्नायु ऊतक (Muscular Tissue) – गति कराते हैं
3. संयोजी ऊतक (Connective Tissue) – जोड़ने, समर्थन देने और संरक्षण का कार्य
4. तंत्रिका ऊतक (Nervous Tissue) – संदेशों का संचार करते हैं
1. एपीथीलियल ऊतक
यह ऊतक शरीर की बाहरी और आंतरिक सतह को ढकते हैं। यह ऊतक कोशिकाओं से बना होता है जो आपस में घनिष्ठ रूप से जुड़े होते हैं।
– स्क्वैमस एपिथीलियम (Squamous)
– क्यूबॉइडल एपिथीलियम (Cuboidal)
– कॉलमर एपिथीलियम (Columnar)
– सिलियेटेड और ग्रंथीय एपिथीलियम
2. स्नायु ऊतक
यह ऊतक संकुचन और शिथिलन द्वारा शरीर को गति प्रदान करता है।
– कंकाल स्नायु (Skeletal muscles)
– मृदु स्नायु (Smooth muscles)
– हृदय स्नायु (Cardiac muscles)
3. संयोजी ऊतक
यह ऊतक शरीर के विभिन्न भागों को जोड़ता और समर्थन देता है। यह कोशिकाओं और अंतराकोशिकीय पदार्थ से बना होता है।
– रक्त (Blood)
– अस्थि (Bone)
– कंडरा (Tendon)
– रज्जु (Ligament)
– वसा ऊतक (Adipose tissue)
– उपास्थि (Cartilage)
4. तंत्रिका ऊतक
यह ऊतक शरीर में संदेशों को संप्रेषित करता है। यह न्यूरॉन नामक कोशिकाओं से बना होता है।
– तंत्रिका कोशिकाएं लंबी होती हैं
– यह ऊतक विद्युत-संकेतों को उत्पन्न और संचारित करता है
– मस्तिष्क, रीढ़, और तंत्रिकाएं इसका भाग हैं
एपिथिलियम ऊतक (Epithelium Tissue)
एपिथिलियल ऊतक जंतुओं में वह ऊतक होता है जो शरीर की बाहरी सतहों को ढकता है, अंगों के आंतरिक अस्तर को बनाता है, तथा ग्रंथियों का निर्माण करता है। यह ऊतक कोशिकाओं की एक सतत परत के रूप में पाया जाता है और इसके बीच में कोई अंतर्कोशिकीय स्थान नहीं होता है।
एपिथिलियम ऊतक की कोशिकाएँ बहुत पास-पास होती हैं और इनके बीच कोई रक्त वाहिकाएँ नहीं होतीं। पोषण आस-पास के ऊतकों से विसरण द्वारा मिलता है।
एपिथिलियम ऊतक के प्रकार:
क्रम | प्रकार | विशेषता | उदाहरण |
---|---|---|---|
1 | सरल एपिथिलियम | एक परत में कोशिकाएँ | गुर्दों की नलिकाएँ, रक्त कोशिकाओं की आंतरिक परत |
2 | स्तरीकृत एपिथिलियम | एक से अधिक परतों में कोशिकाएँ | त्वचा की बाहरी परत |
3 | क्यूबॉयडल एपिथिलियम | घनाकार कोशिकाएँ | ग्रंथियों की नलिकाएँ |
4 | स्तम्भीय एपिथिलियम | लंबी और स्तम्भ जैसी कोशिकाएँ | आंत्र की आंतरिक परत |
5 | कशाभिकावयुक्त एपिथिलियम | कोशिकाओं पर बालनुमा संरचनाएँ होती हैं | श्वासनलिका |
संयोजी ऊतक (Connective Tissue)
संयोजी ऊतक शरीर के विभिन्न अंगों और ऊतकों को आपस में जोड़ने, सहारा देने और संरक्षित करने का कार्य करता है। यह ऊतक कोशिकाओं, रेशों और आधारभूत द्रव्य (matrix) से मिलकर बना होता है।
संयोजी ऊतक के प्रकार
प्रकार | विशेषताएँ | उदाहरण |
---|---|---|
अरीय संयोजी ऊतक (Areolar) | अंगों को जोड़ने का कार्य करता है | त्वचा के नीचे |
वसीय ऊतक (Adipose) | वसा संचय करता है, ऊष्मा की रक्षा करता है | त्वचा के नीचे वसीय परत |
तंतु संयोजी ऊतक (Fibrous) | मजबूत रेशों से युक्त, अंगों को मजबूती देता है | कण्डरा (tendons), स्नायुबंधन (ligaments) |
स्थि संयोजी ऊतक (Cartilage) | लचीला परंतु मजबूत | नाक, कान, वायुनली |
हड्डी (Bone) | कठोर एवं खनिजों से युक्त | कंकाल |
रक्त (Blood) | तरल संयोजी ऊतक, परिवहन कार्य करता है | रक्त वाहिकाएँ |
संयोजी ऊतक की प्रमुख भूमिकाएँ
- शरीर की संरचना को सहारा देना
- ऊतकों और अंगों को जोड़ना
- वसा और ऊर्जा का भंडारण
- रोगाणुओं से सुरक्षा
- पोषक तत्वों, गैसों एवं अपशिष्ट पदार्थों का परिवहन (रक्त द्वारा)
पेशीय ऊतक (Muscular Tissue)
पेशीय ऊतक शरीर में गति प्रदान करने के लिए उत्तरदायी होता है। यह ऊतक पेशियों को बनाता है जो संकुचन और शिथिलन (contraction & relaxation) द्वारा अंगों की गति सुनिश्चित करता है।
पेशीय ऊतक के प्रकार:
प्रकार | विशेषताएँ | उदाहरण |
---|---|---|
कंकाल पेशी (Skeletal Muscles) | स्वेच्छिक, बहुकेंद्रित, धारियों वाली (striated) पेशियाँ | भुजाएँ, टांगें, गर्दन |
मृदु पेशी (Smooth Muscles) | अस्वेच्छिक, एक केंद्रक, धारियाँ नहीं होती | आंतों की दीवार, रक्त वाहिकाएँ |
हृदय पेशी (Cardiac Muscles) | अस्वेच्छिक, एक या दो केंद्रक, शाखित और धारियाँ होती हैं | हृदय की दीवार |
तंत्रिका ऊतक (Nervous Tissue)
तंत्रिका ऊतक शरीर के संचार तंत्र का मुख्य घटक होता है। यह ऊतक मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और नसों में पाया जाता है तथा यह शरीर के विभिन्न भागों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान करता है।
तंत्रिका ऊतक की मूल इकाई न्यूरॉन होती है, जो विद्युत आवेगों द्वारा संकेतों का संचार करता है।
न्यूरॉन की संरचना
संरचना | कार्य |
---|---|
सेल बॉडी (Cell Body) | न्यूरॉन का मुख्य भाग, जिसमें नाभिक होता है। |
डेंड्राइट्स (Dendrites) | संदेश प्राप्त करते हैं और सेल बॉडी की ओर ले जाते हैं। |
एक्सॉन (Axon) | संदेश को दूर स्थित ऊतक या न्यूरॉन तक पहुँचाता है। |
तंत्रिका ऊतक के कार्य
- बाह्य एवं आंतरिक परिवर्तनों को महसूस करना
- संकेतों को मस्तिष्क तक पहुँचाना
- प्रतिक्रिया उत्पन्न करना
1. उस ऊतक का नाम बताएँ जो हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी है।
2. न्यूरॉन देखने में कैसा लगता है?
3. हृदय पेशी के तीन लक्षणों को बताएँ।
उत्तर:
- हृदय पेशियाँ अनुच्छदित (striated) होती हैं।
- ये पेशियाँ स्वतः संकुचित होती हैं (involuntary)।
- ये पेशियाँ केवल हृदय की दीवार में पाई जाती हैं और जीवन भर लगातार कार्य करती हैं।
4. एरिओलर ऊतक के क्या कार्य हैं?
उत्तर: एरिओलर ऊतक एक ढीला संयोजी ऊतक है जो:
- त्वचा और अंगों को जोड़ने का कार्य करता है,
- ऊतकों के बीच स्थान भरता है,
- सूक्ष्म आघातों से अंगों की रक्षा करता है,
- पोषण तत्वों और अपशिष्ट पदार्थों के आदान-प्रदान में सहायता करता है।
आपने क्या सीखा?
- ऊतक कोशिकाओं का समूह होता है जिसमें कोशिकाओं की संरचना तथा कार्य एकसमान होते हैं।
- पौधों के ऊतक (पादप ऊतक) दो प्रकार के होते हैं: विभज्योतक तथा स्थायी ऊतक।
- विभज्योतक ऊतक एक विभाज्य ऊतक है जो पौधों के वृद्धि वाले क्षेत्रों में पाया जाता है।
- स्थायी ऊतक विभज्योतक से बनते हैं, जो विभाजन की क्षमता खो देते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं: सरल और जटिल ऊतक।
- पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा और स्क्लेरेन्काइमा सरल स्थायी ऊतकों के तीन प्रकार हैं।
- जाइलम और फ्लोएम जटिल स्थायी ऊतकों के उदाहरण हैं।
- जंतु ऊतक चार प्रकार के होते हैं: एपिथीलियम, पेशीय, संयोजी और तंत्रिका ऊतक।
- एपिथीलियम ऊतक को आकृति और कार्य के आधार पर शल्की, घनाकार, स्तंभाकार, रोमीय एवं ग्रंथिल श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है।
- संयोजी ऊतकों के उदाहरण हैं: एरिओलर, एडीपोज़, अस्थि, उपास्थि, कंडरा, स्नायु और रुधिर।
- पेशीय ऊतक के प्रकार हैं: रेखित पेशी, आरेखित पेशी और हृदयक पेशी।
- तंत्रिका ऊतक न्यूरॉन से बना होता है, जो संवेदना को ग्रहण और संचरित करता है।
अभ्यास : प्रश्नोत्तर (ऊतक)
उत्तर: जब एक जैसी संरचना और कार्य वाली कोशिकाएँ मिलकर एक विशेष कार्य करती हैं, तो उनके समूह को ऊतक (Tissue) कहते हैं। ऊतक जीवधारियों के शरीर में कार्यों को सुचारु रूप से संपन्न करने में सहायक होते हैं।
उत्तर: जाइलम ऊतक चार प्रकार के तत्वों से मिलकर बना होता है:
- जाइलम वाहिकाएँ (Tracheae)
- जाइलम तंतु (Xylem fibres)
- जाइलम के रेखिकाय (Xylem parenchyma)
- जाइलम ट्रैकिड्स (Tracheids)
उत्तर:
मापदंड | सरल ऊतक | जटिल ऊतक |
---|---|---|
घटक | एक ही प्रकार की कोशिकाएँ | विभिन्न प्रकार की कोशिकाएँ |
कार्य | मुख्यतः संरक्षण और समर्थन | संवहन (परिवहन) |
उदाहरण | पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा, स्क्लेरेन्काइमा | जाइलम, फ्लोएम |
उत्तर:
ऊतक | कोशिका भित्ति की विशेषता |
---|---|
पैरेन्काइमा | पतली, सेल्युलोज युक्त भित्ति |
कॉलेन्काइमा | सेल्युलोज व पेक्टिन की मोटी भित्ति, कोनों पर मोटी |
स्क्लेरेन्काइमा | घनी लिग्निनयुक्त मोटी भित्ति |
अध्याय – ऊतक | Class 9 Science Chapter: Tissues (Q&A)
इस अध्याय में आप जानेंगे: ऊतक की परिभाषा, पौधों व जंतुओं के ऊतकों के प्रकार, उनके कार्य, चित्र और विभिन्न प्रश्नों के उत्तर। यह HTML फॉर्मेट WordPress और मोबाइल के लिए अनुकूल है।
प्रश्न 1: उस ऊतक का नाम बताएँ जो हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी है।
उत्तर: पेशीय ऊतक (Muscular tissue)।
प्रश्न 2: न्यूरॉन देखने में कैसा लगता है?
उत्तर: न्यूरॉन एक लंबी और शाखित संरचना होती है, जिसमें एक कोशिका शरीर, डेंड्राइट्स और लंबा अक्षतंतु (Axon) होता है।
प्रश्न 3: हृदय पेशी के तीन लक्षणों को बताएँ।
- ये पेशियाँ अनैच्छिक होती हैं।
- इनमें रेखाएं होती हैं और ये एक-दूसरे से जुड़ी रहती हैं।
- ये थकती नहीं हैं और लगातार संकुचन करती हैं।
प्रश्न 4: एरिओलर ऊतक के क्या कार्य हैं?
- यह अंगों को आपस में जोड़ने का कार्य करता है।
- यह त्वचा और अंगों के बीच स्थान भरता है।
- यह शरीर को लचीलेपन और सुरक्षा प्रदान करता है।
आपने क्या सीखा
- ऊतक समान प्रकार की कोशिकाओं का समूह है।
- पादप ऊतक दो प्रकार के होते हैं: विभज्योतक और स्थायी।
- जटिल ऊतक जैसे जाइलम और फ्लोएम जल और पोषण का संवहन करते हैं।
- जंतु ऊतक चार प्रकार के होते हैं: एपिथीलियम, संयोजी, पेशीय और तंत्रिका ऊतक।
अभ्यास प्रश्नावली :भाग 2
प्रश्न 1: ऊतक को परिभाषित करें।
उत्तर: ऊतक एक जैसे कोशिकाओं का समूह होता है जो समान कार्य करते हैं।
प्रश्न 2: कितने प्रकार के तत्व मिलकर जाइलम ऊतक का निर्माण करते हैं? उनके नाम बताएँ।
उत्तर: चार प्रकार के तत्व मिलकर जाइलम बनाते हैं: ट्रेकिड्स, जाइलम वाहिकाएँ, जाइलम तंतु, और जाइलम पैरेंकाइमा।
प्रश्न 3: पौधों में सरल ऊतक जटिल ऊतक से किस प्रकार भिन्न होते हैं?
उत्तर: सरल ऊतक एक ही प्रकार की कोशिकाओं से बने होते हैं जबकि जटिल ऊतक विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं से बने होते हैं।
प्रश्न 4: कोशिका भित्ति के आधार पर पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा और स्क्लेरेन्काइमा के बीच भेद स्पष्ट करें।
ऊतक | कोशिका भित्ति | लक्षण |
---|---|---|
पैरेन्काइमा | पतली सेल्यूलोज भित्ति | सजीव कोशिकाएँ, भंडारण और प्रकाश संश्लेषण में सहायक |
कॉलेन्काइमा | सेल्यूलोज + पेक्टिन युक्त मोटी भित्ति | सजीव कोशिकाएँ, सहारा प्रदान करता है |
स्क्लेरेन्काइमा | मोटे लिग्निन युक्त | मृत कोशिकाएँ, कड़ा समर्थन देती हैं |
प्रश्न 5: रंध्र के क्या कार्य हैं?
उत्तर: रंध्र वाष्पोत्सर्जन और गैसों के आदान-प्रदान में सहायता करते हैं।
प्रश्न 6: तीनों प्रकार के पेशीय रेशों में चित्र बनाकर अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर: निम्न तालिका में अंतर:
पेशी प्रकार | संरचना | स्थान | कार्य |
---|---|---|---|
रेखित | लंबी, बेलनाकार, रेखांकित | हड्डियों से जुड़ी | शरीर की गति |
अरेखित | पतली, बिना रेखाओं के | आंत, नली, रक्तवाहिकाएँ | अनैच्छिक गतिविधियाँ |
हृदयक | शाखित, रेखांकित | हृदय की दीवार | हृदय संकुचन |
प्रश्न 7: कार्डिक पेशी का विशेष कार्य क्या है?
उत्तर: यह हृदय की दीवारों में पाई जाती है और अनैच्छिक रूप से लगातार संकुचन कर हृदय को स्पंदित करती है।
प्रश्न 8: रेखित, अरेखित तथा कार्डिक पेशियों में कार्य और स्थान के आधार पर अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर ऊपर की तालिका में देखें।
प्रश्न 9: न्यूरॉन का एक चिह्नित चित्र बनाएँ।
उत्तर: नीचे दिया गया चित्र न्यूरॉन की संरचना को दर्शाता है।
पाठ 6: जीवन की मौलिक इकाई – अभ्यास प्रश्नोत्तर (भाग 3)
प्रश्न 10: निम्नलिखित के नाम लिखें:
- (a) ऊतक जो मुँह के भीतरी अस्तर का निर्माण करता है – स्क्वैमस एपिथिलियम
- (b) ऊतक जो मनुष्य में पेशियों को अस्थि से जोड़ता है – टेंडन
- (c) ऊतक जो पौधों में भोजन का संवहन करता है – फ्लोएम
- (d) ऊतक जो हमारे शरीर में वसा का संचय करता है – एडिपोज ऊतक
- (e) तरल आधात्री सहित संयोजी ऊतक – रक्त (Blood)
- (f) मस्तिष्क में स्थित ऊतक – तंत्रिका ऊतक (Nervous Tissue)
प्रश्न 11: निम्नलिखित में ऊतक के प्रकार की पहचान करें:
- त्वचा – एपिथिलियल ऊतक
- पौधे का वल्क – रक्षक ऊतक (प्रकाष्ठ ऊतक / कॉर्क)
- अस्थि – संयोजी ऊतक (Connective Tissue)
- वृक्कीय नलिका अस्तर – घनाभी एपिथिलियम
- संवहन बंडल – जटिल स्थायी ऊतक (जाइलम और फ्लोएम)
उत्तर: पैरेन्काइमा ऊतक पौधों की मुलायम भागों में स्थित होते हैं जैसे – पत्तियाँ, डंठल, जड़, फल और बीज की बाहरी परत।
उत्तर: एपिडर्मिस पौधों की बाहरी परत होती है जो पौधों को रोगाणुओं, चोटों, अधिक जल हानि तथा अन्य हानिकारक प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करती है। यह रंध्रों के माध्यम से गैसों के आदान-प्रदान को भी नियंत्रित करती है।
उत्तर: छाल (कॉर्क) पौधे की बाहरी मृत ऊतक परत होती है जो जलरोधी होती है। यह आंतरिक ऊतकों की रक्षा करती है और जल की हानि को कम करती है। इसमें सुबेरिन नामक मोमीय पदार्थ पाया जाता है जो जल और गैसों के प्रवेश को रोकता है।
15. स्थायी ऊतक की तालिका
स्थायी ऊतक | |||
सरल | जटिल | ||
पैरेन्काइमा | कॉलेन्काइमा | जाइलम | फ्लोएम |
स्थायी ऊतक पर आधारित MCQs
- स्थायी ऊतक का मुख्य कार्य होता है –
- A. कोशिका विभाजन
- B. वृद्धि
- C. संरचना और कार्य का निर्वहन
- D. जड़ बनाना
उत्तर: C
- सरल स्थायी ऊतक में शामिल हैं –
- A. जैलम
- B. फ्लोएम
- C. कॉलेंकाइमा, पेरेंकाइमा, स्क्लेरेंकाइमा
- D. एपिडर्मिस
उत्तर: C
- पारदर्शी, जीवित और पतली कोशिकाओं वाला ऊतक है –
- A. स्क्लेरेंकाइमा
- B. कॉलेंकाइमा
- C. पेरेंकाइमा
- D. फ्लोएम
उत्तर: C
- कॉलेंकाइमा की विशेषता है –
- A. मोटी कोशिका भित्ति जिसमें लिग्निन होता है
- B. पतली दीवार और मृत कोशिकाएं
- C. कोनों पर सेल्यूलोज जमा
- D. जल संचयन
उत्तर: C
- मृत स्थायी ऊतक है –
- A. पेरेंकाइमा
- B. कॉलेंकाइमा
- C. स्क्लेरेंकाइमा
- D. फ्लोएम
उत्तर: C
- पानी और खनिजों का परिवहन करता है –
- A. फ्लोएम
- B. स्क्लेरेंकाइमा
- C. जैलम
- D. पेरेंकाइमा
उत्तर: C
- फ्लोएम में कौन सा जीवित घटक होता है?
- A. ट्रेकिड्स
- B. सिरिव ट्यूब
- C. वेसल्स
- D. फाइबर
उत्तर: B
- पेरेंकाइमा कोशिकाएं किस प्रकार की होती हैं?
- A. जीवित
- B. मृत
- C. अर्धमृत
- D. कोई नहीं
उत्तर: A
- जल को संचित करने वाला ऊतक कौन सा है?
- A. कॉलेंकाइमा
- B. स्क्लेरेंकाइमा
- C. पेरेंकाइमा
- D. फ्लोएम
उत्तर: C
- कठोर ऊतक कौन सा होता है?
- A. स्क्लेरेंकाइमा
- B. पेरेंकाइमा
- C. कॉलेंकाइमा
- D. फ्लोएम
उत्तर: A
- जैलम का कौन-सा घटक पानी का संचालन करता है?
- A. स्क्लेरॉइड
- B. ट्रेकिड्स और वेसल्स
- C. पेरेंकाइमा
- D. कोलेंकाइमा
उत्तर: B
- जैलम में कौन-सा घटक जीवित होता है?
- A. ट्रेकिड्स
- B. वेसल्स
- C. स्क्लेरेंकाइमा
- D. पेरेंकाइमा
उत्तर: D
- फ्लोएम का कार्य है –
- A. जल परिवहन
- B. खनिज परिवहन
- C. खाद्य का स्थानांतरण
- D. वायु का आदान-प्रदान
उत्तर: C
- स्क्लेरेंकाइमा कोशिकाओं की दीवार में पाया जाता है –
- A. सेल्यूलोज
- B. पेक्टिन
- C. लिग्निन
- D. स्टार्च
उत्तर: C
- सरल स्थायी ऊतक का उदाहरण है –
- A. फ्लोएम
- B. जैलम
- C. पेरेंकाइमा
- D. सिरिव ट्यूब
उत्तर: C
- कठोर संरचना प्रदान करने वाला ऊतक है –
- A. पेरेंकाइमा
- B. स्क्लेरेंकाइमा
- C. कॉलेंकाइमा
- D. फ्लोएम
उत्तर: B
- फ्लोएम फाइबर होता है –
- A. जीवित
- B. मृत
- C. अर्धमृत
- D. अविकसित
उत्तर: B
- सिरिव ट्यूब में भोजन का परिवहन किसके द्वारा होता है?
- A. सहायक कोशिका
- B. ट्रेकिड्स
- C. वेसल्स
- D. फ्लोएम फाइबर
उत्तर: A
- जल को अवशोषित करने वाले ऊतक की कोशिकाएं होती हैं –
- A. पेरेंकाइमा
- B. ट्रेकिड्स
- C. फ्लोएम
- D. स्क्लेरेंकाइमा
उत्तर: A
- जैलम और फ्लोएम मिलकर बनाते हैं –
- A. सरल ऊतक
- B. संयोजी ऊतक
- C. जटिल ऊतक
- D. तंतु
उत्तर: C
Answer: विशिष्ट कार्यों को करना
Answer: त्वचा ऊतक
Answer: जीवित और खिंचाव योग्य
Answer: सरल स्थायी ऊतक
Answer: जल और खनिजों का परिवहन
Answer: सिव ट्यूब्स, साथी कोशिकाएं, फ्लोएम रेशे, फ्लोएम पैरेंकाइमा
Answer: एक दिशा में (नीचे से ऊपर)
Answer: भोजन का परिवहन
Answer: मोटी और लिग्निन युक्त
Answer: विभाजन रहित अवस्था
Answer: विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं से
Answer: पैरेंकाइमा, कोलेन्काइमा, स्क्लेरेंकाइमा
Answer: इनमें जीवद्रव्य नहीं होता
Answer: जाइलम पैरेंकाइमा
Answer: फ्लोएम रेशे
Answer: भोजन का संग्रहण और संश्लेषण
Answer: मेरिस्टीम ऊतक
Answer: कोलेन्काइमा और स्क्लेरेंकाइमा
Answer: लंबी, संकीर्ण और मोटी भित्तियों वाली
Answer: जो दो या अधिक प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बना हो
कक्षा 9 विज्ञान – अध्यायवार सूची (2025-26)
- हमारे आस-पास के पदार्थ
- क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं?
- परमाणु एवं अणु
- परमाणु की संरचना
- जीवन की मौलिक इकाई
- ऊतक
- गति
- बल तथा गति के नियम
- गुरुत्वाकर्षण
- कार्य तथा ऊर्जा
- ध्वनि
- खाद्य संसाधनों में सुधार
कक्षा 9 विज्ञान के सभी अध्याय – NCERT आधारित
यहाँ आपको कक्षा 9 के विज्ञान विषय के सभी अध्याय मिलेंगे जो NCERT सिलेबस पर आधारित हैं। ये अध्याय UP Board, CBSE और Bihar Board सहित सभी प्रमुख भारतीय शैक्षणिक बोर्डों के विद्यार्थियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। हर अध्याय के साथ सरल भाषा में सारांश, प्रश्नोत्तर, MCQ, और महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किए गए हैं, ताकि विद्यार्थी परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकें।
विशेषताएं:
- पूरी तरह NCERT आधारित कंटेंट है।
- CBSE, UP Board, Bihar Board के लिए उपयुक्त हैं।
- प्रत्येक अध्याय के लिए प्रश्नोत्तर, MCQs और संक्षिप्त नोट्स हैं।
- परीक्षा उपयोगी और सरल भाषा में लिखा गया है।
किस-किस बोर्ड के लिए उपयोगी?
यह कंटेंट विशेष रूप से उन छात्रों के लिए बनाया गया है जो CBSE, UP Board और Bihar Board के छात्र हैं। पाठ्यक्रम पूरी तरह से NCERT किताबों पर आधारित है। ये सभी अध्याय भारत के प्रमुख बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में मददगार हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1: क्या यह सभी पाठ कक्षा 9 के पूरे सिलेबस को कवर करते हैं?
हाँ, ये सभी अध्याय NCERT कक्षा 9 विज्ञान की पुस्तक से लिए गए हैं और पूरी पुस्तक को कवर करते हैं।
Q2: क्या यह UP Board और Bihar Board के लिए भी मान्य है?
बिलकुल, क्योंकि UP Board और Bihar Board भी NCERT आधारित पाठ्यक्रम को ही फॉलो करते हैं।
Q3: क्या इसमें Objective (MCQ) Questions भी मिलेंगे?
हाँ, प्रत्येक अध्याय के अंत में आपको MCQs और अन्य अभ्यास प्रश्न भी मिलेंगे।
कक्षा 9 विज्ञान – सभी अध्यायों का सारांश (NCERT आधारित)
कक्षा 9 विज्ञान का पाठ्यक्रम छात्रों को वैज्ञानिक सोच विकसित करने और जीवन से जुड़ी बुनियादी अवधारणाओं को समझने में मदद करता है। इसमें विभिन्न विषयों जैसे रसायन, भौतिकी और जीवविज्ञान को संतुलित रूप से शामिल किया गया है।
अध्याय “हमारे आस-पास के पदार्थ” में पदार्थों की भौतिक अवस्थाओं, विशेषताओं और परिवर्तनशीलता की जानकारी दी गई है। इसके बाद “क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं?” में मिश्रण, विलयन, मिश्रधातु, और पृथक्करण तकनीकों जैसे छानना, वाष्पीकरण, और क्रिस्टलीकरण की विधियाँ समझाई गई हैं।
“परमाणु एवं अणु” अध्याय में पदार्थ के निर्माण में आने वाले कणों जैसे परमाणु, अणु, अणुभार, रासायनिक सूत्र आदि की जानकारी दी गई है। फिर “परमाणु की संरचना” में थॉमसन, रदरफोर्ड और बोहर के परमाणु मॉडल, तथा इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की खोज और स्थान का अध्ययन कराया गया है।
“जीवन की मौलिक इकाई” अध्याय कोशिका की संरचना, प्रकार (पशु और पौधों की कोशिका), अंगकों जैसे न्यूक्लियस, माइटोकॉन्ड्रिया आदि की भूमिका पर केंद्रित है। “ऊतक” में पौधों और जन्तुओं के ऊतकों जैसे स्थायी और जलीय ऊतक, पेशीय ऊतक, तंत्रिका ऊतक का अध्ययन किया गया है।
“गति” अध्याय में चाल, वेग, त्वरण, गति के ग्राफ और समीकरणों की मदद से वस्तुओं की गति को समझाया गया है। “बल तथा गति के नियम” में न्यूटन के गति के तीन नियम, बल, संवेग और उनके परस्पर संबंधों को उदाहरणों सहित समझाया गया है।
“गुरुत्वाकर्षण” में पृथ्वी का आकर्षण बल, वस्तुओं का भार और द्रव्यमान, तैरती वस्तुएँ, तथा आर्किमिडीज का सिद्धांत बताया गया है। “कार्य तथा ऊर्जा” में कार्य के प्रकार, ऊर्जा के रूप, गतिज और स्थितिज ऊर्जा, ऊर्जा संरक्षण और पावर की गणनाओं को शामिल किया गया है।
“ध्वनि” अध्याय में ध्वनि की उत्पत्ति, संचरण, गुण, पिच, प्रतिध्वनि और श्रवण सीमा को सरल भाषा में समझाया गया है। अंत में “खाद्य संसाधनों में सुधार” में कृषि, पशुपालन, फसल सुधार, खाद्य संरक्षण और खाद्य सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं।
🌐 बाहरी उपयोगी लिंक (External Useful Links)
- NCERT Official Website – Textbooks PDF Download
- DIKSHA Portal – Digital Learning Resources (by Government of India)
- CBSE Official Website – Curriculum and Updates
- UPMSP (UP Board) Official Website
- Bihar School Examination Board (BSEB) Official Website
- ePathshala – Free NCERT eBooks and Resources
- NCERTHelp.com – Solutions, Notes and Practice Papers