अम्ल क्षार एवं लवण NCERT – कक्षा 10 विज्ञान
परिचय: इस अध्याय में हम जानेंगे कि अम्ल (Acids), क्षार (Bases), और लवण (Salts) क्या होते हैं, ये कैसे अभिक्रिया करते हैं, तथा इनके क्या गुण एवं उपयोग हैं। अम्ल और क्षार हमारे दैनिक जीवन में कई रूपों में उपयोग होते हैं, जैसे – नींबू में साइट्रिक अम्ल, साबुन में क्षार, और सामान्य नमक एक लवण है। इस पाठ में हम इन तीनों के बारे में विस्तार से अध्ययन करेंगे।
💡 मुख्य बिंदु:
- अम्ल और क्षार की परिभाषा व उनके भौतिक गुण
- प्राकृतिक व कृत्रिम सूचक
- लवणों की उत्पत्ति और प्रकार
- पीएच स्केल की अवधारणा
- अम्ल वर्षा और उसके दुष्परिणाम
- घरेलू एवं औद्योगिक उपयोग
अम्ल (Acids) क्या होते हैं?
अम्ल वे पदार्थ होते हैं जो पानी में घुलने पर H⁺ आयन उत्पन्न करते हैं। ये खट्टे स्वाद वाले होते हैं और नीले लिटमस को लाल रंग में बदल देते हैं।
अम्ल | रासायनिक नाम | उदाहरण |
---|---|---|
साइट्रिक अम्ल | C₆H₈O₇ | नींबू, संतरा |
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल | HCl | मानव पेट |
फैक्ट बॉक्स:अम्ल + क्षार → लवण + जल यह अभिक्रिया न्यूट्रलाइजेशन कहलाती है।
क्षार (Bases) क्या होते हैं?
क्षार वे पदार्थ होते हैं जो पानी में घुलकर OH⁻ आयन बनाते हैं। ये स्वाद में कड़वे होते हैं और लाल लिटमस को नीले रंग में बदल देते हैं।
क्षार | रासायनिक नाम | उदाहरण |
---|---|---|
सोडियम हाइड्रॉक्साइड | NaOH | साबुन |
कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड | Ca(OH)₂ | सफ़ेद चूना |
टिप:यदि अम्ल और क्षार को एक साथ मिलाया जाए, तो वे न्यूट्रल हो जाते हैं – इसे हम उदासीनकरण अभिक्रिया कहते हैं।
महत्वपूर्ण अम्लों के नाम, सूत्र और उपयोग
क्रम संख्या | अम्ल का नाम | रासायनिक सूत्र | प्रमुख उपयोग |
---|---|---|---|
1 | हाइड्रोक्लोरिक अम्ल | HCl | मानव पेट में पाया जाता है |
2 | सल्फ्यूरिक अम्ल | H₂SO₄ | बैटरियों में उपयोग होता है |
3 | नाइट्रिक अम्ल | HNO₃ | विस्फोटक बनाने में |
4 | एसीटिक अम्ल | CH₃COOH | सिरके में पाया जाता है |
5 | कार्बोनिक अम्ल | H₂CO₃ | शीतल पेयों में |
6 | फॉर्मिक अम्ल | HCOOH | चींटी के डंक में |
7 | लैक्टिक अम्ल | C₃H₆O₃ | दही में |
8 | साइट्रिक अम्ल | C₆H₈O₇ | नींबू में |
9 | ऑक्सेलिक अम्ल | (COOH)₂ | पालक में |
10 | टारटरिक अम्ल | C₄H₆O₆ | इमली में |
11 | ब्यूटिरिक अम्ल | C₄H₈O₂ | बासी घी की गंध में |
12 | एसकॉर्बिक अम्ल | C₆H₈O₆ | विटामिन C, संतरे में |
13 | यूरिक अम्ल | C₅H₄N₄O₃ | मानव मूत्र में |
14 | ग्लूकोनिक अम्ल | C₆H₁₂O₇ | ग्लूकोज का ऑक्सीकरण उत्पाद |
15 | पिकरिक अम्ल | C₆H₂(NO₂)₃OH | विस्फोटक बनाने में |
महत्वपूर्ण क्षारों के नाम, सूत्र और उपयोग
क्रम संख्या | क्षार का नाम | रासायनिक सूत्र | प्रमुख उपयोग |
---|---|---|---|
1 | सोडियम हाइड्रॉक्साइड (कॉस्टिक सोडा) | NaOH | साबुन, कागज व कृत्रिम रेशे बनाने में |
2 | पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड | KOH | क्षारीय बैटरियों में |
3 | कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड (चूने का पानी) | Ca(OH)₂ | दीवारों की पुताई, मिट्टी की उर्वरता में |
4 | मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड | Mg(OH)₂ | एंटासिड (Acidity की दवा) में |
5 | एल्यूमिनियम हाइड्रॉक्साइड | Al(OH)₃ | Antacid दवाओं में |
6 | अमोनियम हाइड्रॉक्साइड | NH₄OH | घरेलू क्लीनर में |
7 | बैरियम हाइड्रॉक्साइड | Ba(OH)₂ | प्रयोगशाला परीक्षणों में |
8 | लिथियम हाइड्रॉक्साइड | LiOH | अंतरिक्ष यानों में CO₂ हटाने में |
9 | स्ट्रॉन्शियम हाइड्रॉक्साइड | Sr(OH)₂ | थर्मल इंजीनियरिंग में |
10 | जिंक हाइड्रॉक्साइड | Zn(OH)₂ | डिओड्रेंट, मरहम में |
11 | क्रोमियम हाइड्रॉक्साइड | Cr(OH)₃ | रंजक बनाने में |
12 | आयरन (II) हाइड्रॉक्साइड | Fe(OH)₂ | जल शोधन में |
13 | आयरन (III) हाइड्रॉक्साइड | Fe(OH)₃ | रंजक और दवा निर्माण में |
14 | निकेल हाइड्रॉक्साइड | Ni(OH)₂ | रिचार्जेबल बैटरियों में |
15 | कॉपर (II) हाइड्रॉक्साइड | Cu(OH)₂ | फंगीसाइड (Fungicide) में |
महत्वपूर्ण 15 लवण – रासायनिक नाम, सूत्र और उपयोग
क्रम संख्या | लवण का नाम | रासायनिक सूत्र | प्रमुख उपयोग |
---|---|---|---|
1 | सोडियम क्लोराइड (सामान्य नमक) | NaCl | खाद्य पदार्थों में स्वाद के लिए |
2 | सोडियम बाइकार्बोनेट (खाने का सोडा) | NaHCO₃ | बेकिंग में, एंटासिड के रूप में |
3 | सोडियम कार्बोनेट (वॉशिंग सोडा) | Na₂CO₃ | कपड़े धोने और पानी की कठोरता दूर करने में |
4 | कैल्शियम सल्फेट (प्लास्टर ऑफ पेरिस) | CaSO₄·½H₂O | चिकित्सा पट्टी, मूर्तियों में |
5 | कैल्शियम क्लोराइड | CaCl₂ | नमी सोखने में, डी-आइसिंग में |
6 | पोटैशियम नाइट्रेट | KNO₃ | फर्टिलाइज़र, आतिशबाजी में |
7 | पोटैशियम क्लोराइड | KCl | खाद्य पूरक (Supplement), उर्वरक में |
8 | अमोनियम क्लोराइड | NH₄Cl | बैटरियों, औषधियों में |
9 | मैग्नीशियम सल्फेट | MgSO₄ | दवाओं में, त्वचा उपचार में |
10 | क्यूपरिक सल्फेट (नीला थूथा) | CuSO₄ | कीटनाशक, विद्युत अपघटन में |
11 | जिंक सल्फेट | ZnSO₄ | विटामिन पूरक, त्वचा दवाओं में |
12 | एल्युमिनियम सल्फेट | Al₂(SO₄)₃ | जल शुद्धिकरण में |
13 | फेरस सल्फेट | FeSO₄ | खून की दवाओं में, रंजक बनाने में |
14 | सोडियम सल्फेट | Na₂SO₄ | कागज, डिटर्जेंट, रंग बनाने में |
15 | अमोनियम नाइट्रेट | NH₄NO₃ | खाद, विस्फोटक बनाने में |
अम्ल और क्षार सूचक (Indicators of Acids and Bases)
सूचक वे पदार्थ होते हैं जो किसी विलयन में अम्लीय या क्षारीय प्रकृति के आधार पर रंग परिवर्तन करते हैं। इनका उपयोग यह जानने के लिए किया जाता है कि कोई पदार्थ अम्ल है या क्षार।
सूचक रासायनिक यौगिक होते हैं जो अम्लीय माध्यम में एक रंग और क्षारीय माध्यम में दूसरा रंग दिखाते हैं।
सूचकों के प्रकार:
- प्राकृतिक सूचक: जैसे हल्दी, लाल गोभी का रस, फूलों का अर्क
- कृत्रिम सूचक: जैसे लिटमस, मेथिल ऑरेंज, फिनॉलफ्थेलेन
प्रमुख सूचकों में रंग परिवर्तन:
सूचक | अम्लीय माध्यम में रंग | क्षारीय माध्यम में रंग |
---|---|---|
लिटमस | नीला → लाल | लाल → नीला |
मेथिल ऑरेंज | नारंगी → लाल | नारंगी → पीला |
फिनॉलफ्थेलेन | रंगहीन | गुलाबी |
हल्दी | पीली रहती है | लाल/भूरी |
लाल गोभी का रस | लाल | हरा/नीला |
उपयोग:
- घरेलू उपायों से अम्ल और क्षार की पहचान करने के लिए।
- विज्ञान प्रयोगों और रासायनिक विश्लेषण में।
- शैक्षणिक प्रयोगशालाओं में अम्ल-क्षार परीक्षण में।
अम्लों के रासायनिक गुणधर्म (Chemical Properties of Acids)
अम्ल (Acids) वे रासायनिक यौगिक होते हैं जो जल में घुलकर H⁺ आयन प्रदान करते हैं। ये तीव्र स्वाद वाले, संक्षारक और रासायनिक अभिक्रियाओं में सक्रिय होते हैं।
सभी अम्ल समान रूप से सक्रिय नहीं होते। हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) और सल्फ्यूरिक अम्ल (H₂SO₄) जैसे खनिज अम्ल अत्यधिक सक्रिय होते हैं, जबकि साइट्रिक अम्ल जैसे कार्बनिक अम्ल अपेक्षाकृत कमजोर होते हैं।
प्रमुख रासायनिक गुणधर्म:
गुणधर्म | अभिक्रिया विवरण | उदाहरण |
---|---|---|
1. धातुओं के साथ अभिक्रिया | अम्ल धातुओं से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करते हैं। | Zn + H₂SO₄ → ZnSO₄ + H₂↑ |
2. धातु के कार्बोनेट व हाइड्रोजन कार्बोनेट से अभिक्रिया | अम्ल कार्बोनेट से अभिक्रिया करके CO₂ गैस उत्पन्न करते हैं। | Na₂CO₃ + 2HCl → 2NaCl + CO₂↑ + H₂O |
3. क्षारों के साथ अभिक्रिया | अम्ल + क्षार → लवण + जल (उदासीनीकरण अभिक्रिया) | HCl + NaOH → NaCl + H₂O |
4. धातु ऑक्साइड से अभिक्रिया | अम्ल + धातु ऑक्साइड → लवण + जल | 2HCl + CuO → CuCl₂ + H₂O |
5. संकेतक के साथ अभिक्रिया | अम्ल संकेतकों का रंग बदलते हैं। | लिटमस → नीला से लाल |
निष्कर्ष:
अम्ल रासायनिक रूप से प्रतिक्रियाशील होते हैं और कई प्रकार की अभिक्रियाओं में भाग लेते हैं। ये दैनिक जीवन में तथा औद्योगिक उपयोगों में अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं।
क्षारों के रासायनिक गुणधर्म (Chemical Properties of Bases)
क्षार (Bases) वे रासायनिक यौगिक होते हैं जो जल में घुलकर OH⁻ (हाइड्रॉक्साइड) आयन प्रदान करते हैं। जब ये जल में घुलते हैं और विद्युत प्रवाहित करते हैं, तब उन्हें क्षार (Alkali) कहा जाता है।
सभी क्षार क्षारक होते हैं, लेकिन सभी क्षारक क्षार नहीं होते। जैसे कि NaOH, KOH आदि क्षार हैं क्योंकि वे जल में घुलते हैं।
मुख्य रासायनिक गुणधर्म:
गुणधर्म | अभिक्रिया विवरण | उदाहरण |
---|---|---|
1. अम्लों के साथ अभिक्रिया | क्षार + अम्ल → लवण + जल (उदासीनीकरण अभिक्रिया) | NaOH + HCl → NaCl + H₂O |
2. धातु ऑक्साइड के साथ अभिक्रिया | कुछ क्षार धातु ऑक्साइड के साथ अभिक्रिया कर सकते हैं। | 2NaOH + ZnO → Na₂ZnO₂ + H₂O |
3. संकेतकों के साथ अभिक्रिया | क्षार संकेतकों का रंग बदलते हैं। | लिटमस → लाल से नीला |
4. अम्लीय ऑक्साइडों के साथ अभिक्रिया | क्षार अम्लीय ऑक्साइडों को उदासीन बनाते हैं। | 2NaOH + CO₂ → Na₂CO₃ + H₂O |
निष्कर्ष:
क्षार रासायनिक दृष्टि से सक्रिय होते हैं और विभिन्न अम्लों तथा ऑक्साइडों के साथ उदासीनीकरण या अन्य अभिक्रियाएँ करते हैं। दैनिक जीवन में इन्हें साबुन, सफाई द्रव, औद्योगिक अभिक्रियाओं आदि में प्रयोग किया जाता है।
अम्ल और क्षार की परस्पर अभिक्रिया
जब एक अम्ल (Acid) किसी क्षार (Base) से अभिक्रिया करता है, तो वह लवण (Salt) और जल (Water) बनाता है। इस अभिक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया (Neutralisation Reaction) कहा जाता है।
अम्ल + क्षार ⟶ लवण + जल
Acid + Base ⟶ Salt + Water
उदाहरण:
HCl (Hydrochloric Acid) + NaOH (Sodium Hydroxide)
⟶ NaCl (Sodium Chloride) + H2O (Water)
अभिक्रिया की विशेषताएँ:
- यह एक उदासीनीकरण अभिक्रिया होती है।
- इस अभिक्रिया में ताप उत्पन्न होता है (उष्माक्षेपी अभिक्रिया)।
- लवण किस प्रकार का बनेगा, यह प्रयोग में लिए गए अम्ल और क्षार पर निर्भर करता है।
जब पेट में अम्लता (Acidity) बढ़ जाती है, तब ऐंटासिड (Antacid) जैसे कि NaHCO₃ क्षार के रूप में कार्य करता है और पेट के अम्ल HCl से मिलकर उदासीनीकरण करता है।
दैनिक जीवन में उपयोग:
- पेट की अम्लता के उपचार में
- मिट्टी की अम्लता या क्षारता संतुलित करने में
- सिरका या नींबू के असर को बेअसर करने में
महत्त्वपूर्ण तथ्य:
- अम्ल H⁺ आयन उत्पन्न करते हैं।
- क्षार OH⁻ आयन उत्पन्न करते हैं।
- इनकी अभिक्रिया: H⁺ + OH⁻ ⟶ H₂O
अम्लों के साथ धात्विक ऑक्साइड की अभिक्रिया
धात्विक ऑक्साइड (Metal Oxide) आमतौर पर क्षारीय प्रकृति के होते हैं। जब ये अम्लों के साथ अभिक्रिया करते हैं, तो वे लवण (Salt) और जल (Water) बनाते हैं।
धात्विक ऑक्साइड + अम्ल ⟶ लवण + जल
Metal Oxide + Acid ⟶ Salt + Water
उदाहरण:
CuO (Copper(II) Oxide) + HCl (Hydrochloric Acid)
⟶ CuCl2 (Copper Chloride) + H2O (Water)
अभिक्रिया की व्याख्या:
- CuO एक काले रंग का ठोस धात्विक ऑक्साइड है।
- HCl एक अम्ल है जो H+ आयन प्रदान करता है।
- ये दोनों मिलकर तटस्थीकरण जैसी अभिक्रिया करते हैं और एक लवण तथा जल का निर्माण होता है।
धात्विक ऑक्साइड, जैसे Na2O, CaO, और MgO क्षारीय होते हैं और अम्लों को तटस्थ करने की क्षमता रखते हैं। इसलिए उन्हें क्षारीय ऑक्साइड कहा जाता है।
निष्कर्ष:
- धात्विक ऑक्साइड + अम्ल ⟶ लवण + जल
- यह अभिक्रिया भी एक प्रकार की उदासीनीकरण अभिक्रिया होती है।
- धात्विक ऑक्साइड, अम्ल के साथ प्रतिक्रिया कर क्षारीय व्यवहार प्रदर्शित करते हैं।
अम्ल और क्षारक में समानताएँ
हालाँकि अम्ल (Acids) और क्षारक (Bases) रासायनिक रूप से एक-दूसरे के विपरीत होते हैं, फिर भी इनमें कुछ उल्लेखनीय समानताएँ पाई जाती हैं।
सामान्य समानताएँ:
- दोनों जल में घुल सकते हैं।
- दोनों विद्युत का प्रवाह कर सकते हैं (electrolytes)।
- दोनों रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेते हैं।
- दोनों सूचक (indicators) के साथ रंग परिवर्तन कर सकते हैं।
- दोनों की प्रकृति तेज होती है और त्वचा के संपर्क में आने पर हानिकारक हो सकते हैं।
तुलनात्मक टेबल
क्र. | समानता | व्याख्या |
---|---|---|
1 | जल में घुलनशीलता | अम्ल व क्षार दोनों जल में घुल सकते हैं और आयन प्रदान करते हैं। |
2 | विद्युत चालकता | दोनों विद्युत का प्रवाह कर सकते हैं क्योंकि वे आयनों में टूटते हैं। |
3 | सूचक के साथ अभिक्रिया | दोनों ही सूचक जैसे लिटमस के रंग को परिवर्तित करते हैं। |
4 | उदासीनीकरण अभिक्रिया | अम्ल और क्षार आपस में अभिक्रिया कर लवण और जल बनाते हैं। |
5 | सावधानी आवश्यक | दोनों ही त्वचा को हानि पहुँचा सकते हैं, अतः सुरक्षा आवश्यक है। |
अम्ल H+ आयन तथा क्षार OH− आयन प्रदान करते हैं, जिससे उनकी रासायनिक क्रियाएँ उत्पन्न होती हैं।
जलीय विलयन में अम्ल और क्षारक का व्यवहार
जब अम्ल (Acid) और क्षारक (Base) जल में घुलते हैं, तो वे आयनों में विघटित होते हैं। इन आयनों के कारण ही अम्ल और क्षारक के गुण दिखाई देते हैं, जैसे कि खट्टा स्वाद, लिटमस पेपर पर रंग परिवर्तन, या विद्युत चालकता।
मुख्य तथ्य:
- अम्ल जल में घुलकर H+ (हाइड्रोजन आयन) उत्पन्न करते हैं।
- क्षारक जल में घुलकर OH− (हाइड्रॉक्साइड आयन) उत्पन्न करते हैं।
- यही आयन अम्लों और क्षारकों को विद्युत चालक बनाते हैं।
- सूचक जैसे लिटमस, मेथिल ऑरेंज, फिनोल्फ्थेलीन इन्हीं आयनों की उपस्थिति से रंग बदलते हैं।
अम्ल और क्षारक का जलीय घोल में आयनन
पदार्थ | रासायनिक अभिक्रिया | उत्पन्न आयन |
---|---|---|
HCl (हाइड्रोक्लोरिक अम्ल) | HCl + H2O → H+ + Cl− | H+, Cl− |
H2SO4 (सल्फ्यूरिक अम्ल) | H2SO4 → 2H+ + SO42− | H+, SO42− |
NaOH (सोडियम हाइड्रॉक्साइड) | NaOH + H2O → Na+ + OH− | Na+, OH− |
Ca(OH)2 (कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड) | Ca(OH)2 → Ca2+ + 2OH− | Ca2+, OH− |
अम्ल और क्षारक तभी अपना गुण दिखाते हैं जब वे जल में आयन उत्पन्न करें। शुष्क अवस्था में (dry form) ये गुण नहीं दिखते, जैसे शुष्क HCl गैस लिटमस को प्रभावित नहीं करती।
अम्ल और क्षारक कितने प्रबल हैं – pH मान
किसी अम्ल या क्षार की **प्रबलता (strength)** यह निर्धारित करती है कि वह जल में घुलकर कितने हाइड्रोजन (H+) या हाइड्रॉक्साइड (OH−) आयन उत्पन्न करता है। इसे मापने के लिए pH स्केल का उपयोग किया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य:
- pH स्केल 0 से 14 तक होती है।
- pH 7 से कम हो तो वह अम्ल होता है।
- pH 7 से अधिक हो तो वह क्षार होता है।
- pH = 7 न्यूट्रल होता है (जैसे – शुद्ध जल)।
- pH जितना कम, उतना ही तेज अम्ल; pH जितना अधिक, उतना ही तेज क्षार।
सामान्य पदार्थों के pH मान
पदार्थ | pH मान | प्रकृति |
---|---|---|
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) | 1 | प्रबल अम्ल |
नींबू का रस | 2–3 | मध्यम अम्ल |
शुद्ध जल | 7 | न्यूट्रल |
सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) | 13–14 | प्रबल क्षार |
दूध | 6.5 | थोड़ा अम्लीय |
pH स्केल यह दर्शाती है कि कोई अम्ल या क्षार कितना शक्तिशाली या मंद है।
यह वैज्ञानिक और चिकित्सा दोनों क्षेत्रों में उपयोगी माप है, जैसे – मृदा की गुणवत्ता, शरीर की अम्लता या जल की शुद्धता।
pH स्केल क्या है?
pH स्केल 0 से 14 तक होती है, जो किसी पदार्थ की अम्लीयता या क्षारीयता को दर्शाती है। यह स्केल यह बताती है कि कोई विलयन कितना अम्लीय या क्षारीय है। नीचे दी गई रंगीन स्केल आपको इसका सरल दृश्य रूप दिखाती है:
pH स्केल (0 – 14) | ||||||||||||||
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
0 | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 (उदासीन) | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 |
अम्लीय | क्षारीय |
उदाहरण:
- pH 1-2: हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, अत्यधिक अम्लीय
- pH 3-5: सिरका, नींबू रस
- pH 7: शुद्ध जल
- pH 8-9: बेकिंग सोडा
- pH 13-14: सोडियम हाइड्रॉक्साइड, अत्यधिक क्षारीय
विभिन्न पदार्थों के pH मान
pH मान यह दर्शाता है कि कोई पदार्थ अम्लीय है, क्षारीय है या उदासीन है। नीचे दिए गए टेबल में कुछ सामान्य पदार्थों के pH मान दर्शाए गए हैं:
पदार्थ | pH मान | प्रकृति |
---|---|---|
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) | 1 | तीव्र अम्लीय |
नींबू का रस | 2 | अम्लीय |
सिरका (Acetic Acid) | 3 | अम्लीय |
टमाटर का रस | 4.5 | मृदु अम्लीय |
मानव लार | 6.5 | लगभग उदासीन |
शुद्ध जल | 7 | उदासीन |
बेकिंग सोडा | 8.5 | मृदु क्षारीय |
साबुन का घोल | 9.5 | क्षारीय |
टूथपेस्ट | 9–10 | मध्यम क्षारीय |
दूध का मैग्नेशिया | 10.5 | क्षारीय |
अमोनिया घोल | 11.5 | तीव्र क्षारीय |
सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) | 14 | तीव्र क्षारीय |
pH मान पर आधारित विभिन्न विलयनों का विश्लेषण
क्रम संख्या | विलयन | pH पत्र का रंग | लगभग pH मान | पदार्थ की प्रकृति |
---|---|---|---|---|
1 | लार (खाना खाने के पहले) | हरा | 7.0 | उदासीन |
2 | लार (खाना खाने के बाद) | हल्का पीला | 6.5 | मृदु अम्लीय |
3 | नींबू का रस | गहरा लाल | 2.5 | तीव्र अम्लीय |
4 | रंगहीन वातित पेय | नारंगी | 3.5 | अम्लीय |
5 | गाजर का रस | हरा | 6.8 | लगभग उदासीन |
6 | कॉफी | हल्का पीला-नारंगी | 5.0 | अम्लीय |
7 | टमाटर का रस | नारंगी | 4.2 | अम्लीय |
8 | नल का जल | हरा | 7.0 | उदासीन |
9 | 1M NaOH | गहरा नीला | 14 | तीव्र क्षारीय |
10 | 1M HCl | लाल | 1 | तीव्र अम्लीय |
दैनिक जीवन में pH का महत्व
pH मापन हमारे चारों ओर के जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित करता है। मानव शरीर, कृषि, उद्योग, चिकित्सा तथा पर्यावरण में pH का सटीक संतुलन अत्यंत आवश्यक होता है। pH स्केल 0 से 14 के बीच होता है, जिसमें 7 को उदासीन, 7 से कम को अम्लीय और 7 से अधिक को क्षारीय माना जाता है।
1. मानव शरीर में pH संतुलन
हमारे शरीर का pH सामान्यतः 7.35–7.45 के बीच होता है। यदि यह सीमा बहुत अधिक घटती या बढ़ती है, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। अम्लीय या क्षारीय रक्त असंतुलन “Acidosis” या “Alkalosis” कहलाते हैं।
2. दांतों की सुरक्षा
भोजन करने के बाद, मुंह में बनने वाला अम्ल दांतों के इनेमल को क्षति पहुँचा सकता है। जब pH 5.5 से कम हो जाता है, तब दांतों का क्षरण शुरू होता है। टूथपेस्ट का क्षारीय स्वभाव इन अम्लों को न्यूट्रल करता है।
3. कीटदंश का उपचार
मधुमक्खी के डंक में अम्ल (फॉर्मिक अम्ल) होता है, जिससे जलन होती है। इसका उपचार क्षार जैसे बेकिंग सोडा (NaHCO₃) से किया जाता है। वहीं, ततैया के डंक में क्षार होता है, जिसका उपचार सिरका जैसे अम्ल से किया जाता है।
4. मृदा का pH और कृषि
फसलों की वृद्धि के लिए उचित pH आवश्यक होता है। मृदा अधिक अम्लीय हो तो उसमें चूना (CaCO₃) मिलाया जाता है। क्षारीय मृदा में जिप्सम डाला जाता है। किसान pH मापक द्वारा यह जांचते हैं कि कौन-सी खाद डालनी चाहिए।
5. जल स्रोतों की गुणवत्ता
नदियों और झीलों का pH यदि 6.5 से कम हो जाए, तो यह जलीय जीवों के लिए हानिकारक हो सकता है। प्रदूषण के कारण जल का pH बदल सकता है, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र असंतुलित होता है।
6. औद्योगिक उपयोग
साबुन, डिटर्जेंट, ब्लीच, खाद्य प्रसंस्करण, चमड़ा उद्योग आदि में pH को नियंत्रित रखना बहुत आवश्यक होता है। गलत pH के कारण उत्पाद की गुणवत्ता या सुरक्षा प्रभावित हो सकती है।
प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले महत्वपूर्ण अम्ल
क्रम संख्या | अम्ल का नाम | उत्सर्जन स्रोत / पाया जाता है |
---|---|---|
1 | साइट्रिक अम्ल | नींबू, संतरा, मौसमी |
2 | टारट्रिक अम्ल | इमली, अंगूर |
3 | लैक्टिक अम्ल | दही, छाछ |
4 | एसिटिक अम्ल | सिरका |
5 | ऑक्जैलिक अम्ल | पालक, टमाटर |
6 | मैलिक अम्ल | सेब |
7 | फॉर्मिक अम्ल | चींटी का डंक |
8 | ब्यूट्रिक अम्ल | बासी घी, मक्खन |
9 | एसकॉर्बिक अम्ल (Vitamin C) | आंवला, संतरा |
10 | यूरिक अम्ल | मानव शरीर में पेशाब के साथ उत्सर्जित |
सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH)
अन्य नाम: कॉस्टिक सोडा (Caustic Soda)
प्रकृति: एक प्रबल क्षार (Strong Base)
निर्माण विधि:
सोडियम हाइड्रोक्साइड का निर्माण मुख्यतः **नमक के जलविघटन** (Electrolysis of Brine – NaCl solution) द्वारा किया जाता है। इसे क्लोर-क्षार विधि (Chlor-Alkali Process) कहते हैं।
2NaCl(aq) + 2H₂O(l) → 2NaOH(aq) + Cl₂(g) + H₂(g)
यह प्रतिक्रिया विद्युत प्रवाहित करके की जाती है।
रासायनिक गुणधर्म:
- यह एक प्रबल क्षार है, जो जल में घुलकर OH⁻ आयन देता है।
- यह अम्लों के साथ त्वरित अभिक्रिया करता है और लवण व जल बनाता है।
- यह CO₂ के साथ अभिक्रिया कर के सोडियम कार्बोनेट (Na₂CO₃) बनाता है।
- यह प्रोटीन और वसा को तोड़ सकता है, इसलिए इसे साबुन बनाने में प्रयोग करते हैं।
- यह धातुओं के ऑक्साइड के साथ भी अभिक्रिया करता है।
उपयोग:
- साबुन और डिटर्जेंट के निर्माण में
- कागज उद्योग में (पेपर पल्पिंग)
- पेट्रोलियम उत्पादों को शुद्ध करने में
- कपड़ा उद्योग में कपड़े की सफाई और रंग हटाने हेतु
- रेशा (फाइबर) निर्माण में
- पानी को मुलायम बनाने में
- लेबोरेटरी में अम्लता को न्यूट्रल करने के लिए
- एलुमिनियम शोधन और रासायनिक उद्योग में
विरंजक चूर्ण (Bleaching Powder)
रासायनिक सूत्र: Ca(OCl)2
प्रकृति: सफेद, हल्की गंध वाला चूर्ण
निर्माण विधि:
विरंजक चूर्ण को स्लैकेड लाइम (Ca(OH)2) पर क्लोरीन गैस प्रवाहित करके तैयार किया जाता है।
Ca(OH)₂ + Cl₂ → Ca(OCl)₂ + H₂O
रासायनिक गुणधर्म:
- यह जल में घुलकर क्लोरीन मुक्त करता है जो एक शक्तिशाली ऑक्सीकारक है।
- यह एक हल्का क्षारीय पदार्थ है।
- यह वायु में नमी के प्रभाव से धीरे-धीरे विघटित होता है।
उपयोग:
- कपड़े, कागज और पेपर उद्योग में विरंजन (Bleaching) हेतु
- जल शुद्धिकरण में (ड्रिंकिंग वाटर ट्रीटमेंट)
- नालियों और गटरों की सफाई में
- कीटाणुनाशक के रूप में (Disinfectant)
- क्लोरीन की आपूर्ति हेतु
- खाद्य पदार्थों के संरक्षण में (विनियमित उपयोग में)
बेकिंग सोडा (Baking Soda)
रासायनिक सूत्र: NaHCO₃
अन्य नाम: खाना सोडा / कुकिंग सोडा
प्रकृति: क्षारीय (Mild Base)
निर्माण विधि:
बेकिंग सोडा का निर्माण सोडियम क्लोराइड (NaCl) से **सॉल्वे विधि (Solvay Process)** द्वारा किया जाता है।
NaCl + H₂O + CO₂ + NH₃ → NaHCO₃ + NH₄Cl
यह प्रतिक्रिया ठंडी स्थिति में होती है।
रासायनिक गुणधर्म:
- यह एक क्षारीय लवण है जो जल में घुलने पर OH⁻ आयन उत्पन्न करता है।
- गर्म करने पर यह विघटित होकर CO₂ गैस मुक्त करता है।
- यह खट्टे पदार्थों से प्रतिक्रिया करके बुलबुले (बबल्स) बनाता है।
उपयोग:
- खाद्य उद्योग में बेकिंग पाउडर के रूप में
- अपच (indigestion) की दवा में — पेट की अम्लता कम करने हेतु
- साफ-सफाई में — गंध हटाने और सतहों की सफाई में
- कीटनाशक और दांत साफ करने वाले पेस्ट में
- CO₂ गैस की आपूर्ति हेतु प्रयोगशालाओं में
महत्वपूर्ण तथ्य (Fact Box):
बेकिंग सोडा को गर्म करने पर यह सोडियम कार्बोनेट (Na₂CO₃), जल और कार्बन डाइऑक्साइड गैस में विघटित हो जाता है।
2NaHCO₃ → Na₂CO₃ + H₂O + CO₂
धोने का सोडा (Washing Soda)
रासायनिक सूत्र: Na₂CO₃·10H₂O
प्रकृति: क्षारीय लवण, सफेद क्रिस्टलीय ठोस
निर्माण विधि:
धोने का सोडा, बेकिंग सोडा (NaHCO₃) को गर्म करके सोडियम कार्बोनेट प्राप्त किया जाता है, फिर इसे जल में घोलकर क्रिस्टलीकरण करके Na₂CO₃·10H₂O (धोने का सोडा) तैयार किया जाता है।
2NaHCO₃ → Na₂CO₃ + H₂O + CO₂
Na₂CO₃ + 10H₂O → Na₂CO₃·10H₂O
रासायनिक गुणधर्म:
- यह जल में आसानी से घुलने वाला क्षारीय पदार्थ है।
- यह जल को मुलायम बनाता है (Hard Water को Soft बनाता है)।
- यह एक अच्छा साफ-सफाई एजेंट (cleaning agent) है।
- यह अम्लों से क्रिया करके CO₂ गैस उत्सर्जित करता है।
उपयोग:
- कपड़े धोने के लिए साबुन और डिटर्जेंट में
- काँच, कागज और रसायन उद्योग में
- जल की कठोरता दूर करने में
- धातुओं और तेलयुक्त वस्तुओं की सफाई में
- अम्लीयता को नियंत्रित करने के लिए
महत्वपूर्ण तथ्य (Fact Box):
Plaster of Paris (POP) – प्लास्टर ऑफ पेरिस
रासायनिक सूत्र: CaSO₄·½H₂O
लोकप्रिय नाम: POP (प्लास्टर ऑफ पेरिस)
निर्माण विधि:
प्लास्टर ऑफ पेरिस को **जिप्सम (CaSO₄·2H₂O)** को लगभग 150°C पर गर्म करके तैयार किया जाता है। इसमें से जल के अणु निकल जाते हैं और यह हेमीहाइड्रेट रूप में बदल जाता है।
CaSO₄·2H₂O →(Heat 150°C)→ CaSO₄·½H₂O + 1½H₂O↑
POP का पानी के साथ व्यवहार:
POP को जब पानी के साथ मिलाया जाता है, तो यह जल्दी जम जाता है और **कैल्शियम सल्फेट डाइहाइड्रेट (जिप्सम)** में बदल जाता है।
CaSO₄·½H₂O + 1½H₂O → CaSO₄·2H₂O
(तेज़ी से जमने की क्रिया)
उपयोग:
- टूटी हड्डियों को स्थिर करने के लिए (कास्ट बनाना)
- दीवारों और छतों की सजावट में (False Ceiling)
- मूर्तियाँ, सजावटी वस्तुएं और मोल्ड्स बनाने में
- फुटपाथ और साइनबोर्ड मरम्मत में
- दीवारों की दरारों को भरने में
महत्वपूर्ण तथ्य (Fact Box):
अम्ल क्षार एवं लवण ncert कक्षा 10 नोट्स और पाठयपुस्तक से प्रश्न उत्तर। यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर।
अध्याय 2- अम्ल क्षार एवं लवण
क्रियाकलाप आधारित प्रश्नों के उत्तर
प्रश्न:1
अम्ल, क्षार एवं लवण को समझने के लिए आपको तीन परखनलियाँ दी गई हैं। इनमें से एक में आसवित जल है एवं शेष दो में से एक में अम्लीय विलयन तथा दूसरे में क्षारीय विलयन है। यदि आपको केवल लाल लिटमस पत्र दिया जाता है तो आप प्रत्येक परखनली में रखे गए पदार्थों की पहचान कैसे करेंगे?
उत्तर:
इस प्रयोग में हमें तीन परखनलियों की पहचान करनी है। हमारे पास केवल लाल लिटमस पत्र है, जो हमें अम्लीय या क्षारीय विलयन की पहचान करने में मदद करेगा:
- यदि लाल लिटमस पत्र नीला हो जाता है, तो वह परखनली क्षारीय विलयन वाली है।
- यदि लाल लिटमस में कोई परिवर्तन नहीं होता, तो वह या तो अम्लीय विलयन है या आसवित जल।
जिस परखनली में लिटमस नीला हो गया, वह क्षारीय है। अब जो दो परखनलियाँ बचीं:
- जिसमें कोई प्रतिक्रिया नहीं और कोई गंध/झाग नहीं — वह आसवित जल है।
- शेष — अम्लीय विलयन होगी, क्योंकि उसमें भी लाल लिटमस पर कोई प्रभाव नहीं होता।
अम्ल क्षार एवं लवण ncert के नोट्स अपनी नोटबुक पर लिखकर को बार बार रिवाइज करें।
परिणाम सारणी:
परखनली क्रमांक | लाल लिटमस पत्र की प्रतिक्रिया | परखनली में उपस्थित द्रव |
---|---|---|
1 | लाल से नीला | क्षारीय विलयन |
2 | कोई परिवर्तन नहीं | आसवित जल |
3 | कोई परिवर्तन नहीं | अम्लीय विलयन |
धातु, अम्ल एवं गैस अभिक्रिया से संबंधित प्रश्न-उत्तर
1. पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए?
दही एवं खट्टे पदार्थों में अम्ल होते हैं जो ताँबे या पीतल से अभिक्रिया करके विषैले लवण बना सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।
2. धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौन सी गैस निकलती है? एक उदाहरण द्वारा समझाइए।
धातु और अम्ल की अभिक्रिया से सामान्यतः हाइड्रोजन गैस (H₂) निकलती है।
Zn + 2HCl → ZnCl₂ + H₂ ↑
3. इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे?
हाइड्रोजन गैस को जलती मोमबत्ती के पास ले जाने पर ‘पॉप’ की आवाज़ आती है या मोमबत्ती बुझ जाती है, जिससे इसकी पुष्टि होती है।
4. कोई धातु यौगिक ‘A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती है। इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है। यदि उत्पन्न यौगिकों में एक से कैल्सियम क्लोराइड हैं, तो इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
यहाँ धातु ‘A’ = कैल्सियम है।
Ca + 2HCl → CaCl₂ + H₂ ↑
अम्ल, क्षार और विद्युत चालकता से संबंधित प्रश्न-उत्तर
1. HCl, HNO₃ आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि एल्कोहल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं?
क्योंकि HCl और HNO₃ जल में आयनित होकर H⁺ (या H₃O⁺) आयन उत्पन्न करते हैं, जबकि एल्कोहल एवं ग्लूकोज ऐसा नहीं करते।
2. अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालन करता है?
क्योंकि यह आयनों (H⁺ एवं ऋणायनों) में विभाजित होता है, जो विद्युत का संचार करते हैं।
3. शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को क्यों नहीं बदलती है?
क्योंकि शुष्क HCl गैस जल में घुलने पर ही आयनित होती है। जल न होने पर यह H⁺ आयन नहीं देती और कोई रंग परिवर्तन नहीं होता।
4. अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित किया जाता है कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए, न कि जल को अम्ल में?
क्योंकि जल अधिक होता है और ऊष्मा को अवशोषित कर सकता है, जिससे दुर्घटना की संभावना कम होती है।
5. अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (H₃O⁺) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है?
हाइड्रोनियम आयनों की सांद्रता घट जाती है।
6. जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में अधिक क्षारक मिलाते हैं, तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH⁻) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है?
OH⁻ आयनों की सांद्रता बढ़ जाती है।
pH, अम्लता, क्षारकता और मृदा सुधार से संबंधित प्रश्न–उत्तर
1. आपके पास दो विलयन ‘A’ एवं ‘B’ हैं। विलयन ‘A’ के pH का मान 6 है एवं विलयन ‘B’ के pH का मान 8 है। किस विलयन में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता अधिक है? इनमें से कौन अम्लीय है तथा कौन क्षारकीय?
विलयन ‘A’ में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता अधिक है, इसलिए यह अम्लीय है। विलयन ‘B’ क्षारकीय है।
2. H⁺ (aq) आयन की सांद्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है?
H⁺ आयन की अधिकता से विलयन अम्लीय बनता है जबकि कम होने पर और OH⁻ की प्रधानता में क्षारकीय बनता है।
3. क्या क्षारकीय विलयन में H⁺ (aq) आयन होते हैं? अगर हाँ, तो यह क्षारकीय क्यों कहलाता है?
हाँ, होते हैं। लेकिन OH⁻ आयन अधिक मात्रा में होते हैं, इसलिए वह विलयन क्षारकीय कहलाता है।
4. कोई किसान खेत की मृदा की किस परिस्थिति में बिना बुझा हुआ चूना (CaO), बुझा हुआ चूना (Ca(OH)₂) या चाँक (CaCO₃) का उपयोग करेगा?
जब मृदा अम्लीय हो जाती है (pH कम होता है), तब किसान इनमें से किसी एक क्षारकीय पदार्थ का उपयोग मृदा की अम्लता को कम करने के लिए करता है।
अम्ल क्षार एवं लवण ncert की पाठयपुस्तक को पढ़ना अति आवश्यक है।
सामान्य रासायनिक यौगिकों से संबंधित प्रश्न–उत्तर
1. Ca(ClO)₂ यौगिक का प्रचलित नाम क्या है?
इसका नाम है: विरंजक चूर्ण (Bleaching Powder)
2. उस पदार्थ का नाम बताइए जो क्लोरीन से क्रिया करके विरंजक चूर्ण बनाता है।
बुझा हुआ चूना (Calcium Hydroxide – Ca(OH)₂)
3. कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग किया जाता है?
सोडियम कार्बोनेट (Na₂CO₃)
4. सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर क्या होगा? इस अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
सोडियम कार्बोनेट, जल और कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनती है।
5. प्लास्टर ऑफ पेरिस की जल के साथ अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
यह अभिक्रिया जिप्सम के निर्माण में सहायक होती है:
CaSO₄·½H₂O + 1½H₂O → CaSO₄·2H₂O
अम्ल, क्षार, लवण और pH आधारित प्रश्न-उत्तर
1. कोई विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है, इसका pH संभवतः क्या होगा?
उत्तर: विकल्प (d) 10। यह क्षारकीय विलयन है।
2. कोई विलयन अंडे के पिसे हुए कवच से अभिक्रिया कर एक गैस उत्पन्न करता है, जो चूने के पानी को दूधिया कर देती है। इस विलयन में क्या होगा?
उत्तर: विकल्प (b) HCl। यह अम्ल कैल्शियम कार्बोनेट से CO₂ गैस उत्पन्न करता है।
3. NaOH का 10 mL. विलयन, HCl के 8 mL. विलयन से पूर्णतः उदासीन हो जाता है। यदि NaOH का 20 mL लिया जाए तो HCl की कितनी मात्रा लगेगी?
उत्तर: विकल्प (d) 16 mL। मात्रा दोगुनी करने पर HCl की आवश्यकता भी दोगुनी होगी।
4. अपच का उपचार करने के लिए किस औषधि का उपयोग होता है?
उत्तर: विकल्प (c) ऐन्टैसिड। यह अतिरिक्त अम्लता को कम करता है।
5. निम्नलिखित अभिक्रियाओं के शब्द-समीकरण एवं संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए:
(a) दानेदार जिंक + तनु सल्फ्यूरिक अम्ल → जिंक सल्फेट + हाइड्रोजन गैस
(b) मैग्नीशियम पट्टी + तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल → मैग्नीशियम क्लोराइड + हाइड्रोजन गैस
(c) एल्युमिनियम चूर्ण + तनु सल्फ्यूरिक अम्ल → एल्युमिनियम सल्फेट + हाइड्रोजन गैस
(d) लौह रेतन + तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल → लौह क्लोराइड + हाइड्रोजन गैस
6. एल्कोहल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिकों में हाइड्रोजन होते हैं, परंतु अम्लीय लक्षण नहीं दिखाते – इसे कैसे सिद्ध करेंगे?
उत्तर: लाल/नीले लिटमस पत्र में कोई परिवर्तन नहीं होता। इसका अर्थ है कि ये यौगिक H⁺ आयन नहीं छोड़ते।
7. आसवित जल विद्युत का चालक क्यों नहीं होता, जबकि वर्षा जल होता है?
उत्तर: आसवित जल शुद्ध होता है, उसमें आयन नहीं होते, जबकि वर्षा जल में घुले CO₂ और अन्य लवणों के कारण आयन उपस्थित रहते हैं।
8. जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता है?
उत्तर: अम्ल जल में घुलकर H⁺ या H₃O⁺ आयन उत्पन्न करता है। जल के बिना आयन नहीं बनते, इसलिए अम्लीय गुण नहीं दिखते।
9. 5 विलयनों A, B, C, D, E के pH हैं: 4, 1, 11, 7, 9
- (a) उदासीन: D (pH 7)
- (b) प्रबल क्षारीय: C (pH 11)
- (c) प्रबल अम्लीय: B (pH 1)
- (d) दुर्बल अम्लीय: A (pH 4)
- (e) दुर्बल क्षारीय: E (pH 9)
- H⁺ आयन की सांद्रता का आरोही क्रम: C < E < D < A < B
10. दो परखनलियों A (HCl) व B (CH₃COOH) में Mg की पट्टी डालें। किसमें अधिक बुदबुदाहट होगी?
उत्तर: परखनली A (HCl) में। क्योंकि HCl एक प्रबल अम्ल है जो तेजी से हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करता है।
11. ताजे दूध का pH = 6 होता है। दही बनने पर pH में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर: pH और घट जाएगा क्योंकि दही में लैक्टिक अम्ल बनता है जो अम्लीयता बढ़ाता है।
12. एक ग्वाला ताजे दूध में बेकिंग सोडा मिलाता है:
(a) बेकिंग सोडा क्षारकीय है, इसलिए pH बढ़ाकर दूध को अधिक क्षारकीय बनाता है।
(b) क्षारकीयता अम्ल निर्माण को धीमा कर देती है, जिससे दही बनने में अधिक समय लगता है।
13. प्लास्टर ऑफ पेरिस को एयर टाइट बर्तन में क्यों रखा जाता है?
उत्तर: क्योंकि यह वायुमंडलीय जलवाष्प के संपर्क में आकर जिप्सम में बदल जाता है और कठोर हो जाता है।
14. उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है? दो उदाहरण दें।
उत्तर: जब अम्ल और क्षार समान मात्रा में मिलते हैं और लवण व जल बनता है, तो इसे उदासीनीकरण कहते हैं।
15. धोने का सोडा और बेकिंग सोडा के दो-दो प्रमुख उपयोग बताइए:
धोने का सोडा (Na₂CO₃·10H₂O):
- कठोर जल को मृदु बनाने में
- कपड़े धोने के पाउडर में
बेकिंग सोडा (NaHCO₃):
- बेकरी उद्योग में फुलाने वाले एजेंट के रूप में
अपच की दवा (एंटैसिड) के रूप में
अम्ल, क्षार, लवण और pH आधारित वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQ)
1. निम्न में से कौन-सा विलयन लाल लिटमस को नीला करता है?
2. pH स्केल की किस सीमा में अम्लीय विलयन आते हैं?
3. प्लास्टर ऑफ पेरिस का रासायनिक सूत्र क्या है?
4. अपच के इलाज में किसका उपयोग किया जाता है?
5. वर्षा जल विद्युत का चालक क्यों होता है?
6. निम्न में से कौन-सा यौगिक बेकिंग सोडा है?
7. अम्ल और क्षार के मेल से क्या बनता है?
8. HCl एक:
9. सोडियम हाइड्रॉक्साइड का pH मान कैसा होता है?
10. लाल लिटमस पत्र नीला हो गया, इसका मतलब है:
11. कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड को सामान्यतः क्या कहते हैं?
12. अम्ल का pH मान जितना कम, वह उतना ही:
13. क्षार का pH मान 7 से:
14. कौन-सा यौगिक कैल्सियम कार्बोनेट से CO₂ उत्पन्न करता है?
15. जिप्सम का रासायनिक सूत्र क्या है?
16. वर्षा जल pH स्केल में सामान्यतः क्या होता है?
17. अम्ल+क्षार → लवण + ?
18. दूध के दही बनने पर pH:
19. H₂ गैस की उपस्थिति को कैसे पहचाना जाता है?
20. बेकिंग सोडा को गर्म करने पर कौन-सी गैस निकलती है?
अम्ल क्षार एवं लवण ncert
NCERT CLASS 10 SCIENCE NOTES
पाठ 1- रासायनिक अभिक्रियाएं एवं समीकरण
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