अध्याय 4: चुम्बकों को जानें
परिचय:
क्या आपने कभी लोहे की कील को किसी वस्तु से स्वतः चिपकते देखा है? या कंपास की सुई को एक ही दिशा में टिके हुए? यह सब संभव होता है एक अद्भुत वस्तु की वजह से – चुम्बक। चुम्बक केवल विज्ञान प्रयोगशाला की चीज़ नहीं है, बल्कि हमारे रोजमर्रा के जीवन में भी इसका महत्वपूर्ण उपयोग होता है – जैसे तिजोरी के लॉक, कंपास, बिजली के उपकरणों और बहुत कुछ में। इस अध्याय में हम जानेंगे कि चुम्बक क्या होते हैं, ये कैसे काम करते हैं और इनका उपयोग किस प्रकार किया जाता है।
रोचक तथ्य:
- पहला प्राकृतिक चुम्बक “लौडस्टोन” था जिसे ग्रीस के मैग्नीशिया नामक स्थान पर पाया गया था।
- चुम्बक केवल लोहे, निकल और कोबाल्ट जैसे विशेष धातुओं को आकर्षित करते हैं।
- प्रत्येक चुम्बक में दो ध्रुव होते हैं – उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव।
- एक जैसे ध्रुव एक-दूसरे को प्रतिकर्षित (repel) करते हैं, जबकि विपरीत ध्रुव आकर्षित (attract) करते हैं।
दिशा सूचक (Compass)
दिशा सूचक एक ऐसा उपकरण है जो हमें दिशाओं का पता लगाने में सहायता करता है। इसका उपयोग विशेष रूप से नाविकों, सैनिकों और यात्रियों द्वारा किया जाता है। दिशा सूचक में एक छोटी चुंबकीय सुई लगी होती है, जो हमेशा उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर संकेत करती है।
यह सुई पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में कार्य करती है। जब दिशा सूचक को एक समतल सतह पर रखा जाता है, तो उसकी सुई स्वतः ही उत्तर और दक्षिण की दिशा में स्थिर हो जाती है। इसका उपयोग करके हम पूर्व और पश्चिम दिशा का भी अनुमान लगा सकते हैं।
ध्यान देने योग्य तथ्य:
- दिशा सूचक की चुंबकीय सुई हमेशा उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर इंगित करती है।
- यह एक सरल लेकिन अत्यंत उपयोगी उपकरण है जो दिशा निर्धारण में सहायक होता है।
- पृथ्वी स्वयं एक विशाल चुंबक की तरह व्यवहार करती है, जिससे यह उपकरण कार्य करता है।
कुछ सामान्य वस्तुएं जिनमें चुंबक लगे होते हैं
हमारे दैनिक जीवन में कई ऐसी वस्तुएं हैं जिनमें चुंबकों का उपयोग किया जाता है। ये चुंबक किसी यांत्रिक क्रिया में सहायता करते हैं या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के कार्य को आसान बनाते हैं।
सामान्य वस्तुएं जिनमें चुंबक पाए जाते हैं:
- रेफ्रिजरेटर के दरवाजे (चुंबक दरवाजे को बंद रखने में सहायता करते हैं)
- स्पीकर और हेडफोन
- कम्पास (दिशा सूचक)
- इलेक्ट्रिक मोटर और जनरेटर
- मैग्नेटिक क्लिप और पिन होल्डर
- मोबाइल फोन और लैपटॉप के कुछ हिस्सों में
- मैग्नेटिक बेल्ट्स और चिपकने वाले स्टिकर
- टॉय कारें और ब्लॉक गेम्स
- क्रेडिट कार्ड (मैग्नेटिक स्ट्रिप में)
विभिन्न आकार के चुंबक
चुंबक कई आकारों और रूपों में उपलब्ध होते हैं, ताकि वे विभिन्न कार्यों में उपयोग किए जा सकें। हर आकार का चुंबक अलग-अलग प्रयोगों के लिए उपयुक्त होता है।
सामान्य रूप से पाए जाने वाले चुंबकों के आकार:
- दंड चुंबक (Bar Magnet) – यह एक सीधा आयताकार चुंबक होता है जो सबसे आम प्रकार है।
- घोड़ा-नाल चुंबक (Horseshoe Magnet) – यह U आकार का चुंबक होता है और इसकी पकड़ मजबूत होती है।
- चक्राकार चुंबक (Ring Magnet) – यह गोलाकार होता है और केंद्र में छेद होता है।
- बटन चुंबक (Button Magnet) – यह छोटा, गोल और चपटा चुंबक होता है।
- डिस्क चुंबक (Disk Magnet) – यह पतले, गोल और चपटी डिस्क की तरह होता है।
- सिलेंडर चुंबक (Cylinder Magnet) – बेलनाकार चुंबक, छोटे यंत्रों में उपयोग होता है।
- गोलाकार चुंबक (Spherical Magnet) – गोल आकार के चुंबक जो खिलौनों में अक्सर प्रयोग होते हैं।
क्या चुंबक केवल कुछ विशेष प्रकार की बनी वस्तुओं पर ही चिपकते हैं?
जी हाँ, चुंबक सभी वस्तुओं पर नहीं चिपकते। वे केवल कुछ विशेष धातुओं से बनी वस्तुओं को ही आकर्षित करते हैं।

चुंबक किन वस्तुओं को आकर्षित करते हैं?
- चुंबक लोहे (Iron), कोबाल्ट (Cobalt) और निकल (Nickel) जैसी धातुओं को आकर्षित करते हैं।
- इन्हीं धातुओं से बनी वस्तुएँ जैसे – कील, स्क्रू, कंचे, स्टील के उपकरण चुंबक से चिपकते हैं।
- काँच, प्लास्टिक, लकड़ी, कपड़ा, रबर आदि पर चुंबक का कोई प्रभाव नहीं होता।
इसलिए चुंबक का प्रयोग उन्हीं स्थानों पर किया जाता है जहाँ ये विशेष धातुएँ मौजूद होती हैं।
चुंबकीय और अचुंबकीय पदार्थ
हमारे चारों ओर कई प्रकार की वस्तुएँ होती हैं। जब हम इन पर चुंबक लाते हैं, तो कुछ वस्तुएँ चुंबक से चिपक जाती हैं जबकि कुछ नहीं। इसी आधार पर हम वस्तुओं को दो भागों में बाँट सकते हैं:
परिभाषा
चुंबकीय पदार्थ: वे पदार्थ जो चुंबक द्वारा आकर्षित होते हैं।
अचुंबकीय पदार्थ: वे पदार्थ जो चुंबक द्वारा आकर्षित नहीं होते हैं।
चुंबकीय पदार्थों के उदाहरण:
पदार्थ | प्रयोग |
---|---|
लोहा (Iron) | ताले, चाबियाँ, औजार |
निकल (Nickel) | बैटरियों और विद्युत उपकरणों में |
कोबाल्ट (Cobalt) | चुंबक बनाने में |
अचुंबकीय पदार्थों के उदाहरण:
पदार्थ | विशेषता |
---|---|
प्लास्टिक | हल्का और लचीला |
लकड़ी | प्राकृतिक पदार्थ, आसानी से उपलब्ध |
कागज | लिखने-पढ़ने के लिए उपयोगी |
निष्कर्ष:
हमने देखा कि केवल कुछ विशेष धातुएँ जैसे लोहा, निकेल और कोबाल्ट ही चुंबक से आकर्षित होती हैं। ये चुंबकीय पदार्थ कहलाती हैं। बाकी सभी वस्तुएँ जिन्हें चुंबक आकर्षित नहीं करता, अचुंबकीय पदार्थ कहलाती हैं।
चुंबक द्वारा आकर्षित होने वाले पदार्थों का पता लगाना
वस्तु का नाम | पदार्थ जिससे वह वस्तु बनी है (प्लास्टिक / लकड़ी / काँच / लोहा / अन्य) | चुंबक द्वारा आकर्षित होती है? | पूर्वानुमान | अवलोकन |
---|---|---|---|---|
पेंसिल | लकड़ी | नहीं | नहीं | नहीं |
इरेज़र (बड़ा) | रबर | नहीं | नहीं | नहीं |
लोहे की कील | लोहा | हाँ | हाँ | हाँ |
स्टील चम्मच | स्टील | हाँ | हाँ | हाँ |
काँच की बोतल | काँच | नहीं | नहीं | नहीं |
प्लास्टिक की बोतल | प्लास्टिक | नहीं | नहीं | नहीं |
क्या चुंबक के सभी भाग चुंबकीय पदार्थों को समान रूप से आकर्षित करते हैं?
नहीं, चुंबक के सभी भाग चुंबकीय पदार्थों को समान रूप से आकर्षित नहीं करते हैं।
यदि हम चुंबक को लोहे की कीलों या स्टील के पिन में लाएं, तो हम देखेंगे कि अधिकतर कीलें चुंबक के सिरों पर चिपकती हैं जबकि बीच के हिस्से में कम या कोई नहीं। इसका कारण यह है कि चुंबकीय बल चुंबक के सिरों (ध्रुवों) पर सबसे अधिक होता है।
एक गतिविधि:
- एक छड़ चुंबक लें।
- लोहे की कीलों या स्टील पिनों का ढेर बनाएं।
- चुंबक को धीरे-धीरे पिनों के पास लाएं और ध्यान दें कि चुंबक के किन हिस्सों में सबसे अधिक पिन चिपकते हैं।
आप पाएंगे कि सबसे अधिक पिन चुंबक के सिरों पर चिपकते हैं। यह दर्शाता है कि चुंबक के सिरों पर चुंबकीय बल सबसे अधिक होता है।
चुंबक के ध्रुव (Poles of a Magnet)
चुंबक के सिरों को चुंबकीय ध्रुव कहा जाता है। ये वे स्थान होते हैं जहाँ चुंबकीय बल सबसे अधिक होता है। आमतौर पर, हर चुंबक में दो ध्रुव होते हैं:
- उत्तर ध्रुव (North Pole)
- दक्षिण ध्रुव (South Pole)
ध्रुवों की विशेषताएँ:
गुण | उत्तर ध्रुव | दक्षिण ध्रुव |
---|---|---|
दिशा | उत्तर दिशा की ओर इंगित करता है | दक्षिण दिशा की ओर इंगित करता है |
क्रिया | दूसरे चुंबक के दक्षिण ध्रुव को आकर्षित करता है | दूसरे चुंबक के उत्तर ध्रुव को आकर्षित करता है |
समान ध्रुवों की क्रिया | समान ध्रुव एक-दूसरे को प्रतिकर्षित (repel) करते हैं | |
विपरीत ध्रुवों की क्रिया | विपरीत ध्रुव एक-दूसरे को आकर्षित (attract) करते हैं |
महत्वपूर्ण बातें:
- चुंबकीय ध्रुवों को एक-दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता।
- यदि चुंबक को दो भागों में तोड़ा जाए, तो दोनों टुकड़ों में फिर से उत्तर और दक्षिण ध्रुव बन जाते हैं।
- पृथ्वी स्वयं एक विशाल चुंबक की तरह कार्य करती है, जिसके पास भी उत्तर और दक्षिण चुंबकीय ध्रुव होते हैं।
(Like poles repel, unlike poles attract)
क्या हम एक ध्रुव वाला चुंबक प्राप्त कर सकते हैं?
प्राकृतिक या कृत्रिम रूप से बनाए गए सभी स्थायी चुंबकों में दो ध्रुव होते हैं — एक उत्तर (North) और दूसरा दक्षिण (South) ध्रुव। यह एक मूलभूत गुण है चुंबकों का।
जब हम किसी चुंबक को दो टुकड़ों में तोड़ते हैं, तब भी प्रत्येक टुकड़े में दो ध्रुव (उत्तर और दक्षिण) होते हैं। इस प्रकार, एकध्रुवीय (monopole) चुंबक को प्राप्त करना संभव नहीं है।
यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध है कि चुंबक हमेशा डायपोल (dipole) रूप में ही पाए जाते हैं। अब तक किसी भी प्रयोग या खोज में ऐसा कोई चुंबक नहीं पाया गया है जिसमें केवल एक ही ध्रुव हो।
उदाहरण:
- यदि आप किसी बार मैगनेट को बीच से दो भागों में तोड़ते हैं, तो हर भाग के पास फिर से उत्तर और दक्षिण ध्रुव बन जाते हैं।
- कोई भी चुंबक — चाहे वह बेलनाकार हो, U-आकार का हो या छल्ला — उसमें हमेशा दो ध्रुव होंगे।
चुंबक को किसी भी प्रकार से विभाजित करने पर भी, एकध्रुवीय चुंबक प्राप्त नहीं किया जा सकता। यह चुंबकों की मौलिक विशेषता है।
दिशाएं ज्ञात करना
प्राचीन समय से ही मनुष्य दिशा जानने के लिए प्राकृतिक संकेतों जैसे सूर्य, चंद्रमा और तारों का प्रयोग करता रहा है। लेकिन आज के समय में दिशा जानने के लिए चुंबकीय कम्पास का उपयोग किया जाता है।
चुंबक को यदि किसी धागे से लटका दिया जाए, तो वह स्वतः उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर संरेखित हो जाता है। इस गुण का उपयोग दिशा सूचक यंत्र (कम्पास) में किया जाता है।
कम्पास क्या है?
कम्पास एक ऐसा उपकरण है जिसमें एक पतला चुंबक एक अक्ष पर स्वतंत्र रूप से घूम सकता है। यह चुंबक सदैव उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर इशारा करता है।
कैसे कार्य करता है कम्पास?
- पृथ्वी स्वयं एक विशाल चुंबक की तरह व्यवहार करती है।
- कम्पास में मौजूद चुंबकीय सुई पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में आकर उत्तर-दक्षिण दिशा में स्थिर हो जाती है।
- इस सुई की सहायता से अन्य दिशाओं जैसे पूर्व और पश्चिम का भी पता लगाया जा सकता है।
दिशा जानने की प्रक्रिया:
- कम्पास को समतल सतह पर रखें।
- जब इसकी सुई स्थिर हो जाए तो वह जिस दिशा में संकेत कर रही हो, वह उत्तर (North) दिशा होगी।
- उसके ठीक विपरीत दिशा दक्षिण (South) होगी।
- उत्तर और दक्षिण के बीच की बाईं दिशा पश्चिम (West) और दाईं दिशा पूर्व (East) होगी।
एक पतले आयरन के टुकड़े को चुंबक से रगड़ें और फिर उसे धागे से लटकाएं। जब वह स्थिर हो जाए, तो वह उत्तर-दक्षिण दिशा में मुड़ जाएगा।
आइए, निर्माण करें
इस गतिविधि में हम सीखेंगे कि कैसे एक सरल दिशासूचक यंत्र (डायरेक्शन फाइंडर) बनाया जा सकता है।
आवश्यक वस्तुएं:
- कॉर्क का टुकड़ा
- सिलाई के काम आने वाली लोहे की सुई
- एक स्थायी चुंबक
- एक कॉंच का कटोरा
- पानी
चरणबद्ध विधि:
- सुई को लकड़ी की मेज पर रखें।
- चुंबक को सुई की लंबाई की दिशा में एक सिरे से दूसरे सिरे तक रगड़ें ।
- बिना चुंबक के ध्रुव बदले इस प्रक्रिया को 30–40 बार दोहराएं।
- अब देखें कि क्या सुई चुंबकीय हो गई है – जाँच के लिए सुई को स्टील की पिन के पास लाएं। अगर पिन आकर्षित होती है तो सुई चुंबक बन चुकी है।
- अब सुई को कॉर्क में फंसाएं और उसे पानी से भरे कटोरे में रखें ताकि सुई तैरती रहे ।
- कॉर्क को धीरे से घुमाएं और देखें कि जब वह रुकता है तो सुई हमेशा एक ही दिशा इंगित करती है।
अब आपकी सुई एक सरल दिशासूचक यंत्र बन चुकी है। यह हमेशा उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर इशारा करेगी।
चुम्बकों के बीच आकर्षण और प्रतिकर्षण
जब हम दो चुम्बकों को एक-दूसरे के पास लाते हैं, तो वे या तो एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं या दूर हट जाते हैं। यह चुम्बक के ध्रुवों पर निर्भर करता है। यदि समान ध्रुव आमने-सामने आते हैं, तो वे एक-दूसरे को धकेलते हैं (प्रतिकर्षण)। जबकि विपरीत ध्रुव एक-दूसरे को खींचते हैं (आकर्षण)।
चुम्बकों के बीच का आकर्षण और प्रतिकर्षण बल अदृश्य होते हैं, लेकिन इनका प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। यह बल हवा, कागज या प्लास्टिक जैसी वस्तुओं के आर-पार भी कार्य कर सकता है।
मुख्य बातें:
- चुम्बक के दो ध्रुव होते हैं – उत्तरी ध्रुव (North Pole) और दक्षिणी ध्रुव (South Pole)।
- समान ध्रुव एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं (जैसे, उत्तर-उत्तर या दक्षिण-दक्षिण)।
- विपरीत ध्रुव एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं (जैसे, उत्तर-दक्षिण)।
- यह गुण चुंबकीय ध्रुवों की प्रकृति के कारण होता है।
- प्रयोगों द्वारा यह सिद्ध किया जा सकता है कि कौन-से ध्रुव आपस में आकर्षित होंगे और कौन-से नहीं।
उदाहरण:
यदि आप दो छड़ी आकार के चुम्बकों को पास लाते हैं और उनके उत्तरी ध्रुव एक-दूसरे की ओर रखते हैं, तो वे एक-दूसरे से दूर हटेंगे। लेकिन यदि आप एक का उत्तरी ध्रुव और दूसरे का दक्षिणी ध्रुव पास लाते हैं, तो वे एक-दूसरे को खींच लेंगे।
चुंबक के साथ मनोरंजन
चुंबक केवल वैज्ञानिक प्रयोगों में ही उपयोगी नहीं होते, बल्कि इनके साथ खेलना भी बहुत मजेदार हो सकता है। बच्चे चुंबकों से विभिन्न प्रकार के खेल और गतिविधियाँ कर सकते हैं, जिससे उनका वैज्ञानिक सोचने का नजरिया और जिज्ञासा दोनों बढ़ती है।
मजेदार गतिविधियाँ:
- कागज के नीचे चुंबक को रखकर उसके ऊपर क्लिप या पिन को हिलाना
- दो अलग-अलग ध्रुवों वाले चुंबकों को एक-दूसरे की ओर लाना और उनके बीच की प्रतिक्रिया देखना
- चुंबकीय खोज खेल – बच्चों को घर या कक्षा में चुंबकीय वस्तुएं ढूँढने देना
- मछली पकड़ने का खेल – चुंबकीय मछलियों को कागज से काटकर, धागे के सिरे पर चुंबक बांधकर पकड़ना
वैज्ञानिक सोच:इन गतिविधियों से बच्चे यह समझते हैं कि चुंबक किन वस्तुओं पर काम करता है, चुंबक के ध्रुवों का क्या असर होता है और चुंबक की शक्ति को कैसे देखा जा सकता है।
चुंबक को सुरक्षित कैसे रखें
चुंबक यदि ठीक प्रकार से न संभाले जाएँ, तो उनकी चुंबकीय शक्ति कम हो सकती है या समाप्त भी हो सकती है। इसलिए चुंबकों को सुरक्षित रखना बहुत जरूरी होता है।
चुंबक को सुरक्षित रखने के उपाय:
- चुंबकों को आपस में जोर से टकराने न दें।
- चुंबकों को बहुत अधिक गर्मी से दूर रखें, क्योंकि गर्मी चुंबकीय शक्ति को नष्ट कर सकती है।
- चुंबकों को लोहे की वस्तुओं के बहुत पास लंबे समय तक न रखें।
- बार चुंबकों को हमेशा कीपर (keeper) नामक लोहे की पट्टी के साथ रखें।
- घोड़े की नाल चुंबक को स्टील के पट्टियों से जोड़कर सुरक्षित रखें।
- चुंबकों को सूखे और साफ स्थान पर रखें।
ध्यान देने योग्य बातें:
- चुंबकों को मोबाइल, कंप्यूटर या टेलीविजन जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के पास न रखें।
- अगर चुंबक की शक्ति कम हो जाए तो उसे फिर से चुंबकित करना पड़ता है।
प्रमुख शब्द – चुम्बकों को जानें
सारांश
- चुंबक के दो ध्रुव होते हैं — उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव।
- चुंबकीय ध्रुव हमेशा उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के जोड़े में रहते हैं। केवल उत्तरी या केवल दक्षिणी ध्रुव का अस्तित्व नहीं होता।
- चुंबकीय पदार्थ वे होते हैं, जो चुंबक की ओर आकर्षित होते हैं।
- अचुंबकीय पदार्थ वे होते हैं, जो चुंबक की ओर आकर्षित नहीं होते।
- समान ध्रुव एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं, जबकि विपरीत ध्रुव एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।
- चुंबक की सुई हमेशा उत्तर-दक्षिण दिशा में स्थिर होती है।
- दो चुंबकों को पास लाने पर उनके ध्रुव एक-दूसरे को आकर्षित या प्रतिकर्षित करते हैं।
आइए और अधिक सीखें
- रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
- दो चुंबकों के विपरीत ध्रुव एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं, जबकि समान ध्रुव एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं।
- वे पदार्थ जो चुंबक की ओर आकर्षित होते हैं, चुंबकीय कहलाते हैं।
- चुंबकीय दिक्सूचक की सुई उत्तर-दक्षिण दिशा में ही ठहरती है।
- चुंबक में दो ध्रुव होते हैं।
- निम्नलिखित कथन सत्य (✓) या असत्य (✗) हैं:
- [✗] किसी चुंबक को टुकड़ों में तोड़कर एक ध्रुव प्राप्त किया जा सकता है।
- [✓] चुंबक के समान ध्रुव एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं।
- [✗] केवल लोहे से बनी वस्तुएँ ही चुंबक द्वारा आकर्षित होती हैं।
- [✓] स्वतंत्र रूप से निलंबित चुंबक हमेशा उत्तर-दक्षिण दिशा में ही स्थिर होता है।
- प्रयोग: स्टील की विभिन्न सुइयों को रगड़कर चुंबक बनाना और उनका दिशा सूचक प्रयोग देखना।उत्तर: प्रयोग की पुष्टि करता है कि रगड़ने से सुई चुंबकीय हो जाती है और उत्तर-दक्षिण दिशा में स्थिर होती है।
आकर्षण और प्रतिकर्षण – तालिका
स्तंभ I | स्तंभ II |
---|---|
N – N | प्रतिकर्षण |
N – S | आकर्षण |
S – N | आकर्षण |
S – S | प्रतिकर्षण |
अतिरिक्त प्रश्न (प्रश्न 4)
अर्थव ने एक प्रयोग किया जिसमें उसने छड़ चुंबक लिया और उसे स्टील की सुइयों के पास रखा।
- स्टील की सुइयाँ चुंबक की ओर आकर्षित होती हैं।
- यह सिद्ध करता है कि स्टील एक चुंबकीय पदार्थ है।
प्रश्न 4:
अर्थव ने एक प्रयोग किया जिसमें उसने एक छड़ चुंबक लिया और उसे स्टील की पिनों के ढेर पर घुमाया।
तालिका 4.3 के अनुसार सबसे संभव अवलोकन कौन-सा है?
स्थिति ‘क’ | स्थिति ‘ख’ | स्थिति ‘ग’ |
---|---|---|
10 | 2 | 10 |
सही उत्तर: विकल्प (i)
कारण: चुंबक के सिरों (स्थिति ‘क’ और ‘ग’) में पिनों को आकर्षित करने की शक्ति अधिक होती है, जबकि बीच का भाग (स्थिति ‘ख’) कमजोर चुंबकीय क्षेत्र वाला होता है।
प्रश्न 5:
रेशमा ने तीन एकसमान धातु की छड़ें खरीदीं जिनमें से दो चुंबक थीं और एक साधारण लोहे की छड़। बिना किसी अन्य सामग्री का उपयोग किए वह यह कैसे पहचानेगी कि कौन-सी छड़ें चुंबक हैं?
उत्तर:
- रेशमा तीनों छड़ों को एक-दूसरे के संपर्क में लाएगी।
- अगर कोई छड़ सिरों से आकर्षण दिखाती है और बीच से नहीं, तो वह चुंबक है।
- चुंबक लोहे की छड़ को उसकी पूरी लंबाई पर आकर्षित कर सकती है, परंतु लोहे की छड़ स्वयं कोई वस्तु को आकर्षित नहीं करेगी।
- इस प्रकार, जो छड़ अन्य को आकर्षित नहीं करती, वही लोहे की छड़ है।
प्रश्न 6:
आपको एक चुंबक दिया गया है जिस पर ध्रुवों की पहचान अंकित नहीं है। आप किसी अन्य चुंबक की सहायता से दिए गए चुंबक के ध्रुवों को कैसे पहचानेंगे?
उत्तर:
- एक ज्ञात ध्रुव वाला चुंबक लें (जैसे N ध्रुव अंकित हो)।
- उसे बिना संपर्क के नए चुंबक के एक सिरे के पास लाएँ।
- अगर दोनों सिरों में आकर्षण होता है तो वह विपरीत ध्रुव है।
- अगर प्रतिकर्षण होता है तो दोनों एक ही प्रकार के ध्रुव हैं।
- इसी प्रकार, दूसरे सिरे की भी जांच करें। इस तरह आप दोनों सिरों की ध्रुवीयता (N या S) पहचान सकते हैं।
चुंबकत्व के प्रश्नों का हल
7. एक छड़ चुंबक पर उसके ध्रुवों को दर्शाने के लिए कोई चिह्न अंकित नहीं है। आप किसी अन्य चुंबक का उपयोग किए बिना यह कैसे पता लगाएंगे कि उसका उत्तरी ध्रुव किस छोर पर स्थित है?
एक छड़ चुंबक को बिना किसी अन्य चुंबक के उपयोग के उसके ध्रुवों का पता लगाने के लिए, हम उसे एक धागे से उसके केंद्र से लटका सकते हैं ताकि वह स्वतंत्रतापूर्वक घूम सके। जब चुंबक स्थिर हो जाता है, तो उसका उत्तरी ध्रुव पृथ्वी के भौगोलिक उत्तर की ओर इंगित करेगा और उसका दक्षिणी ध्रुव पृथ्वी के भौगोलिक दक्षिण की ओर इंगित करेगा। यह पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के कारण होता है।
8. यदि पृथ्वी स्वयं एक चुंबक है तो क्या आप चुंबकीय दिक्सूचक से दिशा देखकर पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुवों का अनुमान लगा सकते हैं?
हाँ, यदि पृथ्वी स्वयं एक चुंबक है, तो हम एक चुंबकीय दिक्सूचक (कंपास) से दिशा देखकर पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुवों का अनुमान लगा सकते हैं। एक कंपास की सुई स्वयं एक छोटा चुंबक होती है जो पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के साथ संरेखित होती है। कंपास की उत्तरी ध्रुव पृथ्वी के चुंबकीय दक्षिणी ध्रुव (जो भौगोलिक उत्तरी ध्रुव के पास स्थित है) की ओर इंगित करेगा, और कंपास की दक्षिणी ध्रुव पृथ्वी के चुंबकीय उत्तरी ध्रुव (जो भौगोलिक दक्षिणी ध्रुव के पास स्थित है) की ओर इंगित करेगा।
9. एक मिस्त्री पेचकस की सहायता से एक यंत्र की मरम्मत कर रहा था लेकिन स्टील के पेंच बार-बार नीचे गिर रहे थे। इस अध्याय में आपने जो सीखा है, उसके आधार पर मिस्त्री की समस्या को हल करने का उपाय सुझाइए।
मिस्त्री की समस्या का समाधान करने के लिए, वह पेचकस को चुंबकीय कर सकता है। ऐसा करने के लिए, वह एक मजबूत चुंबक को पेचकस के ब्लेड पर एक ही दिशा में कई बार रगड़ सकता है। इससे पेचकस में अस्थायी चुंबकत्व आ जाएगा और वह छोटे स्टील के पेंचों को अपनी नोक पर चिपका पाएगा, जिससे उन्हें गिरने से बचाया जा सकेगा।
10. दो वलय चुंबक, ‘क’ और ‘ख’, चित्र 4.16 में दर्शाए अनुसार व्यवस्थित है। यह देखा गया है कि चुंबक ‘क’ नीचे की ओर नहीं जाता है। इसका संभावित कारण क्या हो सकता है? किसी भी चुंबक को बिना धकेले चुंबक ‘क’ को चुंबक ‘ख’ के संपर्क में लाने का उपाय सुझाइए।
चित्र 4.16—दो वलय चुंबक
चुंबक ‘क’ के नीचे की ओर न जाने का संभावित कारण यह है कि चुंबक ‘क’ और चुंबक ‘ख’ के समान ध्रुव एक दूसरे के सामने हैं, जिससे प्रतिकर्षण बल उत्पन्न हो रहा है। उदाहरण के लिए, यदि चुंबक ‘ख’ का उत्तरी ध्रुव ऊपर की ओर है, तो चुंबक ‘क’ का उत्तरी ध्रुव भी नीचे की ओर होगा, जिससे वे एक दूसरे को प्रतिकर्षित करेंगे और ‘क’ को ‘ख’ से दूर रखेंगे।
किसी भी चुंबक को बिना धकेले चुंबक ‘क’ को चुंबक ‘ख’ के संपर्क में लाने के लिए, हमें उनमें से किसी एक चुंबक को पलटना होगा ताकि उनके विपरीत ध्रुव एक दूसरे के सामने आएं। उदाहरण के लिए, यदि ‘ख’ का उत्तरी ध्रुव ऊपर है, तो ‘क’ को पलटना होगा ताकि उसका दक्षिणी ध्रुव नीचे हो। विपरीत ध्रुवों के बीच आकर्षण बल ‘क’ को ‘ख’ की ओर खींच लेगा, जिससे वे संपर्क में आ जाएंगे।
11. तीन छड़ चुंबकों को चित्र 4.17 में दर्शाए अनुसार एक मेज पर व्यवस्थित किया गया है। एक सिरे (5) की ध्रुवता आपको दी गई है। अब आप बताइए कि चुंबकों के सिरों 1, 2, 3, 4 और 6 पर ध्रुवता N या S में से क्या है?
चित्र 4.17—तीन छड़ चुंबक
यह जानते हुए कि विपरीत ध्रुव आकर्षित होते हैं और समान ध्रुव प्रतिकर्षित होते हैं, और सिरे 5 पर ‘N’ (उत्तरी ध्रुव) है:
- सिरा 5 ‘N’ है।
- सिरा 4 सिरे 5 से जुड़ा हुआ है, इसलिए सिरा 4 ‘S’ (दक्षिणी ध्रुव) होना चाहिए।
- सिरा 3 सिरे 4 के साथ प्रतिकर्षित होगा (चित्र में व्यवस्था के अनुसार), इसलिए सिरा 3 ‘S’ होना चाहिए।
- सिरा 2 सिरे 3 से जुड़ा हुआ है, इसलिए सिरा 2 ‘N’ होना चाहिए।
- सिरा 1 सिरे 2 के साथ जुड़ा हुआ है, इसलिए सिरा 1 ‘S’ होना चाहिए।
- सिरा 6 सिरे 4 के साथ प्रतिकर्षित हो रहा है, इसलिए सिरा 6 ‘S’ होना चाहिए।
अतः, ध्रुवताएँ हैं:
-
- सिरा 1: S
- सिरा 2: N
- सिरा 3: S
- सिरा 4: S
- सिरा 6: S
चुम्बकों से संबंधित कुछ रोचक तथ्य
- 1. सबसे पहला चुंबक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला मैग्नेटाइट खनिज था।
- 2. एक चुंबक को अगर बार-बार गिराया जाए या गर्म किया जाए तो उसकी चुंबकीय शक्ति कम हो सकती है।
- 3. पृथ्वी स्वयं एक विशाल चुंबक की तरह कार्य करती है।
- 4. एक चुंबक को दो भागों में काटने पर वह दो नए चुंबकों में बदल जाता है, और प्रत्येक में उत्तर तथा दक्षिण ध्रुव होते हैं।
- 5. चुंबक केवल लोहा, निकेल और कोबाल्ट जैसे विशेष धातुओं को ही आकर्षित करते हैं।
- 6. चुंबकों का उपयोग कंपास, क्रेन्स, इलेक्ट्रिक मोटर, स्पीकर, MRI मशीन आदि में किया जाता है।
- 7. चुम्बक की शक्ति ध्रुवों के पास अधिक होती है और मध्य भाग में कम।
- 8. एक चुंबक के विपरीत ध्रुव एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं जबकि समान ध्रुव प्रतिकर्षित करते हैं।
कक्षा 6 विज्ञान: चुम्बकों को जानें – बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
कागज
लकड़ी
लोहा
रबर
तांबा
मैग्नेटाइट
चूना
अभ्रक
बीच का भाग
ध्रुव
ऊपरी सतह
पीछे का भाग
ध्वनि तरंगों पर
जल की दिशा पर
चुंबकीय क्षेत्र पर
गुरुत्वाकर्षण बल पर
प्लास्टिक
स्टील
रबर
कपड़ा
तांबा
लोहा
स्टील
निकेल
यूनानी चरवाहे ने
न्यूटन ने
गैलीलियो ने
टेस्ला ने
दक्षिणी ध्रुव
उत्तरी ध्रुव
पूर्वी ध्रुव
कोई नहीं
खिलौनों में
विज्ञान प्रयोगों में
गहनों में
चॉकलेट बनाने में
केवल उत्तरी ध्रुव मिलेगा
केवल दक्षिणी ध्रुव मिलेगा
दोनों ध्रुव फिर बन जाएंगे
कोई ध्रुव नहीं बचेगा
छड़, वलय, यू आकार
केवल वलय
केवल यू आकार
केवल छड़
लोहे के बॉक्स में
प्लास्टिक बैग में
खुली जगह में
जल में
गिराना या गरम करना
ठंडा करना
पानी में डालना
छाया में रखना
एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं
आकर्षित करते हैं
निष्क्रिय रहते हैं
टूट जाते हैं
खेल में
गहनों में
विज्ञान और चिकित्सा में
खाना बनाने में
उसे फ्रीज में रखना
उसे धूप में रखना
किसी लोहे को मजबूत चुंबक से रगड़ना
उसे धोना
सुई चुंबक
यू चुंबक
वलय चुंबक
छड़ चुंबक
गाना
वस्तुएं खोजना, ध्रुव पहचानना
चित्र बनाना
नाचना
इलेक्ट्रोमैग्नेट
वलय चुंबक
स्थायी चुंबक
छड़ चुंबक
MRI मशीन में
ताप मापने में
पानी गर्म करने में
सर्जरी में काटने में
संबंधित अध्याय (Internal Links)
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