Class 10 Science Electricity in Hindi, notes और महत्वपूर्ण प्रश्न जो आपकी बोर्ड परीक्षा के लिए बहुत उपयोगी हैं।
पाठ 12 – विद्युत (Electricity)
इस अध्याय में हम विद्युत धारा, विद्युत विभव, ओम का नियम, प्रतिरोध, तथा विद्युत ऊर्जा और शक्ति जैसे महत्वपूर्ण विषयों का अध्ययन करेंगे। विद्युत का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व है — यह हमारे घरों, स्कूलों, अस्पतालों और उद्योगों को ऊर्जा प्रदान करती है। विद्युत से चलने वाले उपकरण हमारे जीवन को सरल, तेज और अधिक सुविधाजनक बनाते हैं।
इस अध्याय का उद्देश्य विद्यार्थियों को विद्युत से संबंधित मूलभूत सिद्धांतों को समझाना और उनके दैनिक जीवन में विद्युत की भूमिका को स्पष्ट करना है। हम जानेंगे कि विद्युत धारा कैसे उत्पन्न होती है, इसका मापन कैसे किया जाता है, और इसके व्यवहार को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है।
विद्युत का SI मात्रक एम्पीयर (Ampere) है। यह उस धारा को दर्शाता है जब एक कुलॉम्ब आवेश एक सेकंड में प्रवाहित होता है।
अगली अनुभागों में हम विद्युत के प्रत्येक घटक को विस्तार से समझेंगे, सूत्रों का प्रयोग करेंगे, उदाहरण हल करेंगे, और अभ्यास प्रश्नों के माध्यम से विषय को पक्का करेंगे।
विद्युत धारा और परिपथ
जब किसी चालक (जैसे तांबे के तार) में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की नियंत्रित गति होती है, तो उस चालक में विद्युत धारा प्रवाहित होती है। विद्युत धारा का स्रोत बैटरी या सेल होता है, जो चालक में इलेक्ट्रॉनों को एक दिशा में बहने के लिए प्रेरित करता है।
किसी चालक की किसी क्रॉस-सेक्शन से प्रति सेकंड गुजरने वाले आवेश की मात्रा को विद्युत धारा कहा जाता है।
यदि किसी चालक में कुल Q कुलॉम्ब आवेश t सेकंड में प्रवाहित होता है, तो विद्युत धारा (I) को निम्न सूत्र से व्यक्त किया जाता है:
I = Q / t
जहाँ,
I = विद्युत धारा (एम्पीयर में)
Q = कुल आवेश (कुलॉम्ब में)
t = समय (सेकंड में)
विद्युत परिपथ क्या होता है?
जब बैटरी, स्विच, बल्ब और तारों को एक साथ जोड़ा जाता है, जिससे विद्युत धारा प्रवाहित हो सके, तो इसे विद्युत परिपथ (Electric Circuit) कहा जाता है।
विद्युत परिपथ बंद (Closed) होने पर ही धारा प्रवाहित होती है। यदि स्विच खुला हो, तो परिपथ खुला (Open) कहलाता है और बल्ब नहीं जलेगा।
मुख्य मात्रक और प्रतीक
मात्रक | प्रतीक | SI मात्रक |
---|---|---|
विद्युत धारा | I | एम्पीयर (A) |
आवेश | Q | कुलॉम्ब (C) |
समय | t | सेकंड (s) |
उदाहरण:
यदि 10 कुलॉम्ब आवेश 2 सेकंड में प्रवाहित होता है, तो विद्युत धारा क्या होगी?
समाधान: I = Q/t = 10 / 2 = 5 A
विद्युत विभव और विभवांतर
विद्युत विभव (Electric Potential) और विभवांतर (Potential Difference) विद्युत धारा को समझने के लिए महत्वपूर्ण अवधारणाएँ हैं।
विद्युत विभव की परिभाषा:
किसी बिंदु पर एकांक धनात्मक आवेश को अनंत से उस बिंदु तक लाने में किए गए कार्य को उस बिंदु का विद्युत विभव कहते हैं।
SI मात्रक: वोल्ट (Volt)
विभवांतर की परिभाषा:
दो बिंदुओं के बीच विद्युत विभव का अंतर ही विभवांतर कहलाता है।
सूत्र:
विभवांतर (V) = कार्य (W) / आवेश (Q)
V = W / Q
जहाँ,
V = विभवांतर (वोल्ट में)
W = किया गया कार्य (जूल में)
Q = आवेश (कूलॉम्ब में)
महत्वपूर्ण सारणी:
परिमाण | प्रतीक | SI मात्रक |
---|---|---|
विद्युत विभव | V | वोल्ट (Volt) |
विद्युत आवेश | Q | कूलॉम्ब (Coulomb) |
कार्य | W | जूल (Joule) |
उदाहरण:
यदि 1 कूलॉम्ब आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में 5 जूल कार्य करना पड़ता है, तो विभवांतर क्या होगा?
हल: V = W / Q = 5 J / 1 C = 5 वोल्ट
निष्कर्ष:
विद्युत विभव और विभवांतर विद्युत प्रवाह की दिशा और क्षमता को समझने में सहायक होते हैं। विभवांतर जितना अधिक होगा, धारा बहने की संभावना उतनी अधिक होगी।
प्रश्न 1: उस युक्ति का नाम लिखिए, जो किसी चालक के सिरों पर विभवांतर बनाए रखने में सहायता करती है।
उत्तर: बैटरी (Battery) या सेल वह युक्ति है जो किसी चालक के सिरों पर विभवांतर बनाए रखने में सहायता करती है।
प्रश्न 2: यह कहने का क्या तात्पर्य है कि दो बिंदुओं के बीच विभवांतर 1V है?
उत्तर: इसका तात्पर्य यह है कि 1 कूलॉम्ब आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में 1 जूल ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 3: 6V बैटरी से गुजरने वाले हर एक कूलॉम्ब आवेश को कितनी ऊर्जा दी जाती है?
उत्तर: ऊर्जा = विभवांतर × आवेश = 6 वोल्ट × 1 कूलॉम्ब = 6 जूल ऊर्जा दी जाती है।
विद्युत परिपथ के सामान्य प्रतीक
क्रम संख्या | अवयव | प्रतीक |
---|---|---|
1 | विद्युत सेल | |‒| |
2 | बैटरी अथवा सेलों का संयोजन | |‒|‒|‒| |
3 | (खुली) एकल कुंजी | (‒ ‒) |
4 | (बंद) एकल कुंजी | (●) |
5 | तार संधि | ● | — |
6 | (बिना संधि के) तार क्रॉसिंग | ✕ |
7 | विद्युत बल्ब | (ꝏ) या 💡 |
8 | प्रतिरोधक | 〰〰〰 |
9 | परिवर्ती प्रतिरोधक या धारा नियंत्रक | 〰〰〰 ⬆ या ⬇ |
10 | ऐमीटर | ( A ) |
11 | वोल्टमीटर | ( V ) |
ओहम का नियम (Ohm’s Law)
ओहम का नियम विद्युत परिपथ में धारा, विभवांतर और प्रतिरोध के बीच संबंध को स्पष्ट करता है। यह नियम जर्मन वैज्ञानिक जॉर्ज साइमन ओहम द्वारा प्रतिपादित किया गया था।
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अर्थात्:
V ∝ I
या
V = IR
V = विभवांतर (Volt)
I = विद्युत धारा (Ampere)
R = प्रतिरोध (Ohm)
ओहम के नियम का सूत्र:
V = I × R
इससे हम किसी भी दो राशियों को ज्ञात करके तीसरी राशि निकाल सकते हैं।
उदाहरण:
यदि किसी चालक का प्रतिरोध 5 Ω है और उसमें 2A धारा प्रवाहित हो रही है, तो विभवांतर ज्ञात कीजिए।
V = I × R = 2 × 5 = 10 वोल्ट
ओहम का नियम ग्राफ द्वारा
ओहम के नियम के अनुसार, V और I का ग्राफ एक सीधी रेखा होता है:
- सीधी रेखा यह दर्शाती है कि V ∝ I
- ग्राफ की ढलान = प्रतिरोध (R)
निष्कर्ष:
ओहम का नियम हमें किसी भी चालक में विद्युत धारा, विभवांतर और प्रतिरोध के बीच गणितीय संबंध प्रदान करता है। यह नियम इलेक्ट्रॉनिक्स और विद्युत परिपथों के विश्लेषण में अत्यंत उपयोगी है।
चालक का प्रतिरोध किन-किन कारकों पर निर्भर करता है?
प्रतिरोध (Resistance) उस गुण को कहते हैं जो चालक में विद्युत धारा के प्रवाह का विरोध करता है। किसी चालक का प्रतिरोध कई कारकों पर निर्भर करता है, जो नीचे दिए गए हैं:
सूत्र: R = ρ × (L / A)
जहाँ,
R = प्रतिरोध (Ohm में)
ρ = चालक का प्रतिरोधकता (resistivity)
L = चालक की लंबाई
A = चालक का अनुप्रस्थ क्षेत्रफल
प्रतिरोध को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक:
क्रम | कारक | प्रतिरोध पर प्रभाव |
---|---|---|
1 | चालक की लंबाई (L) | लंबाई बढ़ने पर प्रतिरोध बढ़ता है |
2 | अनुप्रस्थ क्षेत्रफल (A) | क्षेत्रफल बढ़ने पर प्रतिरोध घटता है |
3 | चालक की प्रकृति (ρ) | विभिन्न पदार्थों की प्रतिरोधकता भिन्न होती है |
4 | तापमान | तापमान बढ़ने पर अधिकांश धातुओं का प्रतिरोध बढ़ता है |
20°C पर कुछ पदार्थों की विद्युत प्रतिरोधकता
प्रत्येक पदार्थ की एक विशेष भौतिक राशि होती है जिसे विद्युत प्रतिरोधकता (Resistivity) कहते हैं। यह दर्शाती है कि पदार्थ विद्युत धारा का कितना विरोध करता है। इसका SI मात्रक ओम-मीटर (Ω·m) होता है।
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20°C पर विभिन्न पदार्थों की प्रतिरोधकता (लगभग)
क्रम | पदार्थ | प्रतिरोधकता (Ω·m) | वर्ग |
---|---|---|---|
1 | चाँदी (Silver) | 1.6 × 10⁻⁸ | सुचालक |
2 | ताँबा (Copper) | 1.7 × 10⁻⁸ | सुचालक |
3 | एलुमिनियम (Aluminium) | 2.7 × 10⁻⁸ | सुचालक |
4 | लोहा (Iron) | 1.0 × 10⁻⁷ | सामान्य चालक |
5 | नाइक्रोम (Nichrome) | 1.1 × 10⁻⁶ | प्रतिरोधक धातु |
6 | कार्बन (Carbon) | 3.5 × 10⁻⁵ | उपचालक |
7 | अंधारी काँच | 10¹⁰ – 10¹⁴ | निरचालक |
8 | रबर | >10¹³ | निरचालक |
उदाहरण सहित हल प्रश्न
उदाहरण 11.3
(a) यदि किसी विद्युत बल्ब के तार का प्रतिरोध 1200 Ω है तो यह बल्ब 220V स्रोत से कितनी विद्युत धारा लेगा?
(b) यदि किसी विद्युत हीटर की कुंडली का प्रतिरोध 100 Ω है तो यह विद्युत हीटर 220V स्रोत से कितनी धारा लेगा?
हल:
(a) हमें दिया गया है: V = 220V, R = 1200Ω
समीकरण V = IR से विद्युत धारा: I = V/R = 220/1200 = 0.18 A
(b) V = 220V, R = 100Ω
धारा: I = V/R = 220/100 = 2.2 A
टिप्पणी: 220V के समान विद्युत स्रोत से बल्ब और हीटर द्वारा ली जाने वाली विद्युत धाराओं में अंतर पर ध्यान दीजिए।
उदाहरण 11.4
एक विद्युत हीटर स्रोत से 4A धारा खींचता है और उसके टर्मिनलों के बीच विभवांतर 60V है। इस हीटर में विद्युत प्रतिरोध ज्ञात कीजिए। यदि स्रोत का विभवांतर बढ़ाकर 120V कर दिया जाए, तो विद्युत धारा का मान क्या होगा?
हल:
V = 60V, I = 4A
ओहम के नियम से: R = V/I = 60/4 = 15 Ω
जब V = 120V किया गया, तब:
I = V/R = 120/15 = 8 A
उदाहरण 11.5
किसी धातु के 1 मीटर लंबे तार का 20°C पर विद्युत प्रतिरोध 26Ω है। यदि तार का व्यास 0.3 mm है, तो उस ताप पर धातु की विद्युत प्रतिरोधकता क्या है?
हल:
R = 26Ω, d = 0.3 mm = 3 × 10⁻⁴ m, L = 1 m
प्रतिरोधकता सूत्र: ρ = (RA)/L = (R × πr²)/L
ρ = (26 × 3.14 × (1.5 × 10⁻⁴)²)/1 = 1.84 × 10⁻⁶ Ω·m
अतः इस धातु की विद्युत प्रतिरोधकता = 1.84 × 10⁻⁶ Ω·m
उदाहरण 11.6
किसी पदार्थ की किसी 1 मीटर लंबाई वाले A क्षेत्रफल के तार का प्रतिरोध 4Ω हो। इसी पदार्थ के किसी अन्य तार का प्रतिरोध ज्ञात कीजिए जिसकी लंबाई 1/2 तथा क्षेत्रफल 2A है।
हल:
प्रथम तार के लिए:
R₁ = ρ × (L/A) = ρ × (1/A) = 4Ω
द्वितीय तार के लिए:
R₂ = ρ × (L/A) = ρ × (1/2) / (2A) = ρ × (1 / 4A)
⇒ R₂ = (1 / 4A) / (1 / A) × 4 = 1Ω
उत्तर: तार का नया प्रतिरोध = 1Ω
प्रतिरोध और चालकता से संबंधित प्रश्नोत्तर
1. किसी चालक का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है?
उत्तर:
- लंबाई (L): चालक की लंबाई जितनी अधिक होगी, प्रतिरोध उतना अधिक होगा। (R ∝ L)
- अनुप्रस्थ क्षेत्रफल (A): क्षेत्रफल जितना अधिक होगा, प्रतिरोध उतना कम होगा। (R ∝ 1/A)
- पदार्थ की प्रकृति: विभिन्न पदार्थों की प्रतिरोधकता (ρ) अलग-अलग होती है, जो प्रतिरोध को प्रभावित करती है।
- तापमान: ताप बढ़ने पर अधिकांश धातुओं का प्रतिरोध बढ़ता है।
सूत्र: R = ρ × (L / A)
2. यदि समान पदार्थ के दो तारों में एक पतला तथा एक मोटा हो, तो किसमें विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी और क्यों?
उत्तर:
मोटे तार में विद्युत धारा अधिक आसानी से प्रवाहित होगी क्योंकि उसका अनुप्रस्थ क्षेत्रफल अधिक होता है जिससे उसका प्रतिरोध कम होता है।
Ohm का नियम: I = V / R ⇒ R जितना कम, I उतनी अधिक
3. यदि किसी अवयव के विभवांतर को आधा कर दिया जाए और प्रतिरोध नियत रहे, तो विद्युत धारा में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर:
प्रतिरोध R स्थिर रहेगा क्योंकि यह केवल चालक की भौतिक विशेषताओं पर निर्भर करता है।
Ohm का नियम: I = V / R ⇒ यदि V आधा किया जाए, तो I भी आधा हो जाएगा।
4. विद्युत टोस्टरों और इस्तरियों में शुद्ध धातु के बजाय मिश्रातु क्यों प्रयोग किए जाते हैं?
उत्तर:
- मिश्रातुओं की प्रतिरोधकता अधिक होती है जिससे वे अधिक ऊष्मा उत्पन्न करते हैं।
- उनका गलनांक अधिक होता है, वे जल्दी पिघलते नहीं।
- ताप के साथ उनका प्रतिरोध स्थिर रहता है।
- वे ऑक्सीकरण से जल्दी खराब नहीं होते।
इसलिए तापन अवयव नाइक्रोम जैसे मिश्रातुओं से बनाए जाते हैं।
5. तालिका 11.2 के आधार पर उत्तर दीजिए:
पदार्थ | प्रतिरोधकता (Ω·m) |
---|---|
चाँदी (Ag) | 1.6 × 10⁻⁸ |
ताँबा (Cu) | 1.7 × 10⁻⁸ |
सोना (Au) | 2.4 × 10⁻⁸ |
लोहा (Fe) | 10 × 10⁻⁸ |
पारा (Hg) | 94 × 10⁻⁸ |
(a) आयरन (Fe) और मर्करी (Hg) में आयरन अच्छा चालक है क्योंकि उसकी प्रतिरोधकता कम है।
(b) चाँदी (Ag) सर्वश्रेष्ठ चालक है क्योंकि उसकी प्रतिरोधकता सबसे कम है।
प्रतिरोधों का संयोजन: श्रेणी क्रम
जब दो या अधिक प्रतिरोधों को इस प्रकार जोड़ा जाता है कि एक के बाद एक सिरों से जुड़े हों, तो इस संयोजन को श्रृंखला संयोजन (Series Combination) कहते हैं।
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मुख्य विशेषताएँ:
- धारा (I) सभी प्रतिरोधों में समान रहती है।
- कुल विभवांतर सभी प्रतिरोधों में विभाजित हो जाता है।
- कुल प्रतिरोध सभी प्रतिरोधों के योग के बराबर होता है।
कुल प्रतिरोध (Req) का सूत्र:
यदि R₁, R₂ और R₃ तीन प्रतिरोध श्रेणी क्रम में जुड़े हों, तो:
Req = R₁ + R₂ + R₃
चित्रात्मक निरूपण:
तीन प्रतिरोधों का श्रृंखला संयोजन कुछ इस प्रकार होगा:
📘 उदाहरण:
R₁ = 2Ω, R₂ = 3Ω, R₃ = 5Ω
Req = 2 + 3 + 5 = 10Ω
विशेषता | श्रृंखला संयोजन |
---|---|
विद्युत धारा | सभी प्रतिरोधों में समान रहती है |
विभवांतर | प्रतिरोधों में विभाजित होता है |
कुल प्रतिरोध | Req = R₁ + R₂ + R₃ + … |
श्रृंखला संयोजन में कुल प्रतिरोध का निगमन
💡 मान लीजिए:
- तीन प्रतिरोध R₁, R₂ और R₃ को श्रृंखला क्रम में जोड़ा गया है।
- स्रोत विभवांतर = V, प्रवाहित धारा = I
चूँकि प्रतिरोध श्रृंखला क्रम में हैं, अतः:
सभी में विद्युत धारा (I) समान होती है।
कुल विभवांतर: V = V₁ + V₂ + V₃
जहाँ,
V₁ = I × R₁, V₂ = I × R₂, V₃ = I × R₃
अतः,
V = I × R₁ + I × R₂ + I × R₃
⇒ V = I (R₁ + R₂ + R₃)
यदि हम सभी प्रतिरोधों के स्थान पर एक तुल्यकृत (equivalent) प्रतिरोध Req लगाते हैं,
तो Ohm के नियम से:
V = I × Req
अब दोनों समीकरणों की तुलना करें:
I × Req = I × (R₁ + R₂ + R₃)
⇒ Req = R₁ + R₂ + R₃
निष्कर्ष:
श्रृंखला संयोजन में कुल प्रतिरोध सभी प्रतिरोधों के योग के बराबर होता है।
Req = R₁ + R₂ + R₃ + …
प्रतिरोधों का संयोजन: समांतर क्रम (Parallel Combination)
जब दो या अधिक प्रतिरोधों को इस प्रकार जोड़ा जाता है कि उनके एक सिरे एक बिंदु से तथा दूसरे सिरे दूसरे बिंदु से जुड़े हों, तो उन्हें समांतर क्रम में संयोजित कहा जाता है।
मुख्य विशेषताएँ:
- प्रत्येक प्रतिरोध पर विभवांतर (V) समान होता है।
- कुल धारा सभी प्रतिरोधों में बहने वाली धाराओं का योग होती है।
- तुल्यकृत प्रतिरोध का मान सबसे कम प्रतिरोध से भी कम होता है।
मान लीजिए:
R₁, R₂ और R₃ तीन प्रतिरोध समांतर क्रम में जुड़े हैं।
प्रत्येक के सिरों पर विभवांतर = V
उनसे होकर बहने वाली धाराएँ हैं: I₁, I₂ और I₃
Ohm के नियम से:
I₁ = V / R₁
I₂ = V / R₂
I₃ = V / R₃
तो कुल धारा I = I₁ + I₂ + I₃
I = V/R₁ + V/R₂ + V/R₃
⇒ I = V × (1/R₁ + 1/R₂ + 1/R₃)
अगर सभी प्रतिरोधों के स्थान पर एक तुल्य प्रतिरोध Req लगाया जाए:
तब I = V / Req
अब दोनों I की बराबरी करें:
V / Req = V × (1/R₁ + 1/R₂ + 1/R₃)
⇒ 1 / Req = 1 / R₁ + 1 / R₂ + 1 / R₃
निष्कर्ष:
समांतर संयोजन में:
1 / Req = 1 / R₁ + 1 / R₂ + 1 / R₃ + …
तुल्य प्रतिरोध Req हमेशा सबसे कम प्रतिरोध से भी कम होता है।
श्रृंखला संयोजन में परिपथ आरेख और मापन
प्रश्न 1:
प्रश्न: किसी विद्युत परिपथ का व्यवस्था आरेख खींचिए, जिसमें 2V के तीन सेल (बैटरी), एक 5Ω प्रतिरोधक, एक 8Ω प्रतिरोधक, एक 12Ω प्रतिरोधक तथा एक प्लग कुंजी सभी श्रेणीक्रम में संयोजित हों।
व्यवस्था आरेख का विवरण:
🔋 बैटरी (2V × 3 = 6V) → 🔘 कुंजी → R₁ = 5Ω → R₂ = 8Ω → R₃ = 12Ω → लूप पूर्ण
नोट: सभी अवयव एक के बाद एक श्रृंखला (Series) में जुड़े होंगे।
प्रश्न 2:
प्रश्न: उपरोक्त परिपथ में ऐमीटर तथा वोल्टमीटर जोड़िए ताकि ऐमीटर से धारा और वोल्टमीटर से 12Ω प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर मापा जा सके। उनके पाठ्यांक ज्ञात कीजिए।
परिपथ में जोड़ने की विधि:
- ऐमीटर (A): श्रृंखला में जोड़ा जाता है, कुंजी के बाद या प्रतिरोधों के बीच कहीं भी।
- वोल्टमीटर (V): 12Ω प्रतिरोधक के सिरों के समानांतर में जोड़ा जाएगा।
गणना:
कुल विभवांतर (V) = 2V × 3 = 6V
कुल प्रतिरोध Req = 5 + 8 + 12 = 25Ω
➤ धारा (I):
I = V / R = 6V / 25Ω = 0.24A
➤ वोल्टमीटर का पाठ्यांक (12Ω के सिरों पर विभवांतर):
V = I × R = 0.24A × 12Ω = 2.88V
उत्तर सारांश:
- ऐमीटर का पाठ्यांक: 0.24 A
- वोल्टमीटर का पाठ्यांक (12Ω प्रतिरोधक पर): 2.88 V
तुल्य प्रतिरोध, संयोजन एवं विद्युत धारा
1. तुल्य प्रतिरोध का निर्णय (पार्श्वक्रम संयोजन)
(a) जब 12Ω और 10Ω पार्श्वक्रम में जोड़े जाते हैं:
1/R = 1/12 + 1/10 = (10 + 12) / 120 = 22 / 120
⇒ Req = 120 / 22 ≈ 5.45Ω
(b) जब 12Ω, 10Ω और 10Ω पार्श्वक्रम में जोड़े जाते हैं:
1/R = 1/12 + 1/10 + 1/10 = (5 + 6 + 6)/60 = 17/60
⇒ Req = 60 / 17 ≈ 3.53Ω
निष्कर्ष: पार्श्वक्रम में जोड़ने से कुल प्रतिरोध कम होता है।
2. विद्युत इस्तरी का प्रतिरोध तथा धारा
दी गई युक्तियाँ: 100Ω (लैम्प), 50Ω (टोस्टर), 500Ω (फिल्टर)
सभी पार्श्वक्रम में जोड़े गए हैं
1/R = 1/100 + 1/50 + 1/500 = (5 + 10 + 1)/500 = 16/500
⇒ Req = 500 / 16 = 31.25Ω
धारा I = V / R = 220V / 31.25Ω ≈ 7.04A
अब, यदि विद्युत इस्तरी इस स्रोत से 7.04A लेती है:
⇒ R = V / I = 220 / 7.04 ≈ 31.25Ω
उत्तर: इस्तरी का प्रतिरोध ≈ 31.25Ω, धारा = 7.04A
3. युक्तियों को पार्श्वक्रम में जोड़ने के लाभ
- हर युक्ति को संपूर्ण विभवांतर (पूरा 220V) प्राप्त होता है।
- एक युक्ति के बंद होने पर अन्य युक्तियाँ कार्यशील रहती हैं।
- हर युक्ति स्वतंत्र रूप से कार्य करती है।
- कम प्रतिरोध प्राप्त होता है जिससे अधिक धारा प्रवाहित हो सकती है।
4. 2Ω, 3Ω और 6Ω को जोड़ना ताकि कुल प्रतिरोध
(a) 4Ω प्राप्त हो:
मान लीजिए 2Ω और 6Ω को पार्श्वक्रम में जोड़ें:
1/R = 1/2 + 1/6 = 4/6 ⇒ R₁ = 1.5Ω
अब R₁ और 3Ω को श्रेणी में जोड़ें: Req = 1.5 + 3 = 4.5Ω (काफी पास)
अन्य तरीका: 2Ω और 3Ω श्रेणी में → 5Ω, फिर इसे 6Ω के साथ पार्श्व में:
1/R = 1/5 + 1/6 = 11/30 ⇒ Req = 2.73Ω ❌
➡️ सही तरीका: 3Ω और 6Ω को पार्श्व में (R = 2Ω), फिर 2Ω को श्रेणी में जोड़ें ⇒ 2 + 2 = 4Ω ✔️
(b) 1Ω प्राप्त हो: संभव नहीं क्योंकि तीनों प्रतिरोधों का तुल्य प्रतिरोध 1Ω से अधिक होगा (Rmin = 1.09Ω)
5. 4Ω, 8Ω, 12Ω, 24Ω को इस प्रकार जोड़ें कि:
(a) अधिकतम प्रतिरोध प्राप्त हो:
सभी को श्रृंखला में जोड़ें:
R = 4 + 8 + 12 + 24 = 48Ω ✔️
(b) न्यूनतम प्रतिरोध प्राप्त हो:
सभी को पार्श्वक्रम में जोड़ें:
1/R = 1/4 + 1/8 + 1/12 + 1/24 = 6 + 3 + 2 + 1 / 24 = 12 / 24 = 0.5
⇒ R = 2Ω ✔️
विद्युत धारा का तापीय प्रभाव
जब किसी चालक से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तो वह चालक गर्म हो जाता है। इसे विद्युत धारा का तापीय प्रभाव (Heating Effect of Electric Current) कहते हैं।
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क्यों होता है तापीय प्रभाव?
जब विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो चालक में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों का टकराव चालक के कणों से होता है। इससे गतिज ऊर्जा, ऊष्मा में परिवर्तित हो जाती है और चालक गर्म हो जाता है।
जूल का ऊष्मा नियम (Joule’s Law of Heating)
इस नियम के अनुसार किसी चालक में उत्पन्न ऊष्मा (H) निम्नलिखित पर निर्भर करती है:
- धारा (I) के वर्ग पर: H ∝ I²
- प्रतिरोध (R) पर: H ∝ R
- समय (t) पर: H ∝ t
सूत्र:
H = I² × R × t
यहाँ,
- H = उत्पन्न ऊष्मा (जूल में)
- I = विद्युत धारा (एम्पियर)
- R = प्रतिरोध (ओम)
- t = समय (सेकंड)
तापीय प्रभाव के अनुप्रयोग
- फ्यूज तार (fuse wire)
- विद्युत इस्तरी (Electric iron)
- विद्युत हीटर, टोस्टर, गीजर
- बल्ब का तंतु (filament)
उदाहरण:
यदि किसी तार से 2A धारा 5 सेकंड तक बहती है और तार का प्रतिरोध 4Ω है, तो उत्पन्न ऊष्मा:
H = I² × R × t = 2² × 4 × 5 = 4 × 4 × 5 = 80 जूल
निष्कर्ष:
विद्युत धारा का तापीय प्रभाव हमारे दैनिक जीवन में कई महत्वपूर्ण यंत्रों के कार्य का आधार है। यह विद्युत ऊर्जा को ऊष्मा में परिवर्तित करता है।
विद्युत धारा का तापीय प्रभाव – प्रश्नोत्तर समाधान
1. किसी विद्युत हीटर की डोरी क्यों उत्तप्त नहीं होती, जबकि उसका तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है?
उत्तर: विद्युत हीटर की डोरी का प्रतिरोध बहुत कम होता है, जबकि तापन अवयव का प्रतिरोध अधिक होता है।
जूल के नियम H = I²Rt के अनुसार:
- जहाँ प्रतिरोध अधिक होता है, वहाँ ऊष्मा अधिक उत्पन्न होती है।
- इसलिए तापन अवयव (heating element) गर्म हो जाता है जबकि डोरी नहीं।
2. एक घंटे में 50V विभवांतर से 96000 कूलॉम आवेश को स्थानांतरित करने में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए।
दिया गया:
- V = 50V
- Q = 96000 C
- समय = 1 घंटा = 3600 सेकंड
सूत्र: H = V × Q
⇒ H = 50 × 96000 = 48,00,000 जूल
3. 20Ω प्रतिरोध की कोई विद्युत इस्तरी 5A विद्युत धारा लेती है। 30 सेकंड में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए।
दिया गया:
- R = 20Ω
- I = 5A
- t = 30 s
सूत्र: H = I² × R × t
⇒ H = (5)² × 20 × 30 = 25 × 20 × 30 = 15,000 जूल
विद्युत धारा के तापीय प्रभाव के व्यावहारिक उपयोग
जब किसी चालक से विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो वह गर्म हो जाता है। इसे विद्युत धारा का तापीय प्रभाव कहा जाता है। यह प्रभाव हमारे दैनिक जीवन में कई स्थानों पर प्रयोग में लाया जाता है।
प्रमुख उपयोग:
- विद्युत इस्तरी (Electric Iron): इस्तरी में एक हीटिंग एलिमेंट होता है जो विद्युत धारा से गर्म होकर कपड़ों की सिलवटें दूर करता है।
- टोस्टर एवं हीटर: ये उपकरण उच्च प्रतिरोध वाले धातु तंतु (जैसे नाइक्रोम) का उपयोग करते हैं जो धारा प्रवाहित होने पर गर्म होकर ऊष्मा प्रदान करते हैं।
- बल्ब का फिलामेंट: टंग्सटन का तंतु विद्युत धारा से गर्म होकर चमकता है और प्रकाश देता है।
- फ्यूज वायर: अत्यधिक धारा प्रवाहित होने पर यह तार गर्म होकर पिघल जाता है और परिपथ को तोड़ देता है, जिससे उपकरणों की सुरक्षा होती है।
- गर्म जल यंत्र (Geyser): इसमें विद्युत धारा द्वारा जल को गर्म करने हेतु तापीय प्रभाव का प्रयोग किया जाता है।
निष्कर्ष:
विद्युत धारा का तापीय प्रभाव हमारे जीवन के अनेक क्षेत्रों में उपयोगी है, जैसे गर्म करने वाले यंत्र, सुरक्षा उपकरण, और प्रकाश उत्पादक यंत्र आदि।
विद्युत शक्ति (Electric Power)
विद्युत शक्ति वह दर है, जिस पर विद्युत ऊर्जा किसी यंत्र द्वारा उपयोग या उत्पन्न की जाती है। यह दर्शाती है कि यंत्र प्रति सेकंड कितनी ऊर्जा का उपयोग करता है।
परिभाषा:
जब कोई विद्युत यंत्र कार्य करता है, तो वह कुछ ऊर्जा उपयोग करता है। उस ऊर्जा के उपयोग की दर को ही विद्युत शक्ति कहा जाता है।
विद्युत शक्ति के सूत्र:
- P = V × I — (वोल्ट × धारा)
- P = I² × R — यदि प्रतिरोध R ज्ञात हो
- P = V² / R — यदि विभवांतर और प्रतिरोध ज्ञात हो
मात्रक:
- SI मात्रक: वॉट (Watt)
- 1 वॉट = 1 वोल्ट × 1 एम्पियर
- बड़े मात्रक: 1 किलोवाट (kW) = 1000 वॉट
उदाहरण:
यदि कोई यंत्र 220V विभवांतर पर 2A धारा लेता है, तो:
P = V × I = 220 × 2 = 440 वॉट
निष्कर्ष:
विद्युत शक्ति यह जानने का माप है कि कोई यंत्र कितनी तीव्रता से ऊर्जा उपयोग कर रहा है। इससे बिजली खपत का अंदाज़ा लगाया जाता है।
विद्युत शक्ति एवं ऊर्जा – प्रश्नोत्तर समाधान
1. विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण कैसे किया जाता है?
विद्युत धारा द्वारा दी जाने वाली ऊर्जा की दर को विद्युत शक्ति कहा जाता है। इसे निम्नलिखित सूत्र से परिभाषित किया जाता है:
जहाँ,
V = विभवांतर (Volt)
I = विद्युत धारा (Ampere)
इससे यह पता चलता है कि ऊर्जा किस गति (दर) से आपूर्ति की जा रही है।
2. कोई विद्युत मोटर 220 V के विद्युत स्रोत से 5.0 A विद्युत धारा लेती है।
(a) मोटर की शक्ति ज्ञात कीजिए:
दिया गया:
- V = 220 V
- I = 5 A
सूत्र: P = V × I = 220 × 5 = 1100 वॉट
उत्तर: मोटर की शक्ति = 1100 W या 1.1 kW
(b) 2 घंटे में उपभुक्त ऊर्जा:
ऊर्जा = शक्ति × समय
= 1.1 kW × 2 h = 2.2 kWh
उत्तर: मोटर द्वारा 2 घंटे में उपभुक्त ऊर्जा = 2.2 यूनिट (kWh)
आपने क्या सीखा
🔹 किसी चालक में गतिशील इलेक्ट्रॉनों की धारा, विद्युत धारा की रचना करती है। परंपरागत रूप से विद्युत धारा की दिशा इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह की विपरीत मानी जाती है।
🔹 विद्युत धारा का SI मात्रक ऐम्पियर (A) है।
🔹 विद्युत परिपथ में इलेक्ट्रॉनों को गति देने के लिए हम किसी सेल या बैटरी का उपयोग करते हैं, जो अपने सिरों के बीच विभवांतर (Voltage) उत्पन्न करता है। इसे वोल्ट (V) में मापा जाता है।
🔹 प्रतिरोध वह गुणधर्म है जो चालक में इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह का विरोध करता है। यह विद्युत धारा को नियंत्रित करता है। इसका SI मात्रक ओम (Ω) है।
अर्थात, V ∝ I या V = IR
🔹 किसी चालक का प्रतिरोध:
- लंबाई (l) के सीधे अनुपाती
- अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल (A) के प्रतिलोम अनुपाती
- पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है
🔹 श्रेणीक्रम संयोजन: प्रतिरोध सीधे जोड़ते हैं → R = R₁ + R₂ + …
🔹 पार्श्वक्रम संयोजन:
1/R = 1/R₁ + 1/R₂ + …
शक्ति (P) = V × I या P = I² × R या P = V² / R
शक्ति का मात्रक = वाट (W)
1 वाट = जब 1A धारा, 1V विभवांतर पर प्रवाहित होती है।
1 kWh = 3,600,000 J = 3.6 × 106 J
अभ्यास प्रश्न – विद्युत (कक्षा 10)
-
- प्रतिरोध R के किसी तार के टुकड़े को पाँच बराबर भागों में काटा जाता है। इन टुकड़ों को फिर पार्श्वक्रम में संयोजित किया जाता है। यदि संयोजन का तुल्य प्रतिरोध R’ है, तो R/R’ का अनुपात क्या होगा?
- 1/25
- 1/5
- 5
- सही उत्तर: 25
स्पष्टीकरण:
पाँच भागों में प्रत्येक का प्रतिरोध = R/5
पार्श्वक्रम संयोजन में:1/R’ = 5 / (R) ⇒ R’ = R/5
तो R/R’ = R ÷ (R/25) = 25
- प्रतिरोध R के किसी तार के टुकड़े को पाँच बराबर भागों में काटा जाता है। इन टुकड़ों को फिर पार्श्वक्रम में संयोजित किया जाता है। यदि संयोजन का तुल्य प्रतिरोध R’ है, तो R/R’ का अनुपात क्या होगा?
-
- निम्नलिखित में से कौन-सा पद विद्युत परिपथ में विद्युत शक्ति को निरूपित नहीं करता?
- FR
- IR
- VI
- V/R
सही उत्तर: FR
कारण: विद्युत शक्ति के मान्य सूत्र: P = VI, I²R, V²/R
FR (बल × प्रतिरोध) शक्ति से संबंधित नहीं है।
- निम्नलिखित में से कौन-सा पद विद्युत परिपथ में विद्युत शक्ति को निरूपित नहीं करता?
-
- किसी विद्युत बल्ब का अनुमंताक 220 V; 100 W है। जब इसे 110 V पर प्रचालित करते हैं, तब इसके द्वारा उपभुक्त शक्ति कितनी होती है?
- 100 W
- 75 W
- 50 W
- 25 W
सही उत्तर: 25 W
स्पष्टीकरण:
R = V²/P = (220)² / 100 = 484 Ω
नई शक्ति = V² / R = 110² / 484 = 12100 / 484 ≈ 25 W
- किसी विद्युत बल्ब का अनुमंताक 220 V; 100 W है। जब इसे 110 V पर प्रचालित करते हैं, तब इसके द्वारा उपभुक्त शक्ति कितनी होती है?
- दो चालक तार जिनके पदार्थ, लंबाई तथा व्यास समान हैं, पहले श्रेणीक्रम में और फिर पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं। श्रेणीक्रम तथा पार्श्वक्रम में उत्पन्न ऊष्मा का अनुपात क्या होगा?
- 1:2
- 2:1
- 1:4
- 4:1
सही उत्तर: 4:1
स्पष्टीकरण:
श्रेणीक्रम में कुल R = 2R, पार्श्वक्रम में R = R/2
H ∝ I²R, और I = V/R
⇒ H श्रेणी / H पार्श्व = (I²R)series / (I²R)parallel = 4:1
विद्युत – दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
5. किसी विद्युत परिपथ में दो बिंदुओं के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर को किस प्रकार संयोजित किया जाता है?
वोल्टमीटर को उस युक्ति के समानांतर (parallel) संयोजित किया जाता है, जिसके सिरों के बीच विभवांतर मापना होता है।
क्योंकि वोल्टमीटर का प्रतिरोध बहुत अधिक होता है, जिससे यह मुख्य परिपथ से कम से कम धारा खींचे और सही माप दे सके।
6. किसी ताँबे के तार का व्यास 0.5 mm तथा प्रतिरोधकता 1.6 × 10-8 Ω·m है। 10Ω प्रतिरोध का प्रतिरोधक बनाने के लिए कितने लंबे तार की आवश्यकता होगी? यदि इससे दोगुने व्यास का तार लें तो प्रतिरोध में क्या अंतर आएगा?
दिया गया:
- ρ = 1.6 × 10-8 Ω·m
- R = 10 Ω
- r = 0.5 mm = 0.0005 m ⇒ A = πr² = π × (0.00025)²
सूत्र: R = ρ × L / A
⇒ L = R × A / ρ
= (10 × π × (0.00025)²) / (1.6 × 10-8)
= (10 × 3.14 × 6.25 × 10-8) / (1.6 × 10-8)
≈ 12.27 मीटर
आवश्यक तार की लंबाई ≈ 12.27 मीटर
यदि तार का व्यास दोगुना कर दिया जाए (i.e. r × 2), तो क्षेत्रफल 4 गुना बढ़ जाएगा, जिससे प्रतिरोध हो जाएगा।
7. किसी प्रतिरोधक के सिरों के विभवांतर (V) और उससे प्रवाहित विद्युत धारा (I) के मान इस प्रकार हैं:
I (Ampere) | 0.5 | 1.0 | 2.0 | 3.0 | 4.0 |
---|---|---|---|---|---|
V (Volt) | 1.6 | 3.4 | 6.7 | 10.2 | 13.2 |
V और I के बीच ग्राफ खींचने पर एक सीधी रेखा प्राप्त होती है, जो ओम का नियम दर्शाती है।
प्रतिरोध = V/I
उदाहरण: अंतिम डेटा बिंदु से, R = 13.2 / 4.0 = 3.3 Ω
ग्राफ V बनाम I सीधी रेखा है, जिससे प्रतिरोध नियत है।
विद्युत – अभ्यास प्रश्न 8 से 12
8. किसी अज्ञात प्रतिरोध के प्रतिरोधक के सिरों से 12 V की बैटरी को संयोजित करने पर परिपथ में 2.5 mA विद्युत धारा प्रवाहित होती है। प्रतिरोधक का प्रतिरोध परिकलित कीजिए।
दिया गया: V = 12V, I = 2.5 mA = 0.0025 A
सूत्र: R = V / I = 12 / 0.0025 = 4800 Ω
9. 9V की किसी बैटरी को 20Ω, 30Ω, 40Ω, 50Ω तथा 120Ω के प्रतिरोधकों के साथ श्रेणीक्रम में संयोजित किया गया है। 120Ω के प्रतिरोधक से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होगी?
श्रृंखला संयोजन में धारा सभी प्रतिरोधकों से समान प्रवाहित होती है।
RT = 20 + 30 + 40 + 50 + 120 = 260 Ω
I = V / R = 9 / 260 ≈ 0.0346 A
10. 176Ω प्रतिरोध के कितने प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में संयोजित करें कि 220V के स्रोत से संयोजन में 5A धारा प्रवाहित हो?
दिया गया: V = 220V, I = 5A
R = V / I = 220 / 5 = 44Ω
176Ω प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में जोड़ना है, तो:
1/R_eq = n / 176 ⇒ 1/44 = n/176 ⇒ n = 176 / 44 = 4
11. यह दर्शाइए कि आप 6Ω प्रतिरोध के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि प्राप्त संयोजन का प्रतिरोध (i) 9Ω, (ii) 4Ω हो।
(i) 9Ω: 6Ω + (6Ω || 6Ω)
6Ω और 6Ω को पार्श्वक्रम में: 1/R = 1/6 + 1/6 = 1/3 ⇒ R = 3Ω
फिर 6 + 3 = 9Ω
(ii) 4Ω: (6Ω + 6Ω) = 12Ω और फिर इसे तीसरे 6Ω से पार्श्वक्रम में
⇒ R = 12Ω || 6Ω = 1/R = 1/12 + 1/6 = 1/4 ⇒ R = 4Ω
(i) 9Ω के लिए: दो 6Ω पार्श्वक्रम में + एक 6Ω श्रृंखला में
(ii) 4Ω के लिए: दो 6Ω श्रृंखला में + एक 6Ω पार्श्वक्रम में
12. 220V की विद्युत लाइन पर उपयोग किए जाने वाले बहुत से बल्बों का अनुमतांक 10W है। यदि 220V लाइन से अनुमत अधिकतम विद्युत धारा 5A है तो इस लाइन के दो तारों के बीच कितने बल्ब पार्श्वक्रम में संयोजित किए जा सकते हैं?
कुल उपलब्ध शक्ति: P = V × I = 220 × 5 = 1100W
प्रत्येक बल्ब = 10W ⇒ संख्या = 1100 / 10 = 110 बल्ब
विद्युत – अभ्यास प्रश्न 13 से 16
13. विद्युत भट्टी की दो कुंडलियाँ A और B (प्रत्येक 24Ω) – अलग-अलग, श्रेणीक्रम और पार्श्वक्रम में जुड़ी हैं। विद्युत धारा ज्ञात कीजिए। (V = 220V)
- (i) पृथक-पृथक:
I = V / R = 220 / 24 ≈ 9.17 A प्रति कुंडली - (ii) श्रेणीक्रम:
कुल R = 24 + 24 = 48Ω
I = 220 / 48 ≈ 4.58 A - (iii) पार्श्वक्रम:
1/R = 1/24 + 1/24 = 2/24 = 1/12 ⇒ R = 12Ω
I = 220 / 12 ≈ 18.33 A
पृथक-पृथक: 9.17 A
श्रेणीक्रम: 4.58 A
पार्श्वक्रम: 18.33 A
14. दो परिपथों में 2Ω प्रतिरोधक द्वारा उपभुक्त शक्ति की तुलना करें:
(i) 6V बैटरी, श्रेणीक्रम: 1Ω + 2Ω = 3Ω
I = V / R = 6 / 3 = 2A
P2Ω = I²R = 2² × 2 = 8W
(ii) 4V बैटरी, पार्श्वक्रम:
1Ω और 2Ω का समानांतर संयोजन: Req = 1 / (1/1 + 1/2) = 2/3Ω
V = 4V → समानांतर में वोल्टता समान
P2Ω = V² / R = 4² / 2 = 8W
15. 100W; 220V और 60W; 220V के दो लैम्प पार्श्वक्रम में जुड़े हैं। विद्युत मेंस से ली गई कुल धारा?
दोनों लैम्पों पर वोल्टता = 220V
I1 = 100 / 220 ≈ 0.4545 A
I2 = 60 / 220 ≈ 0.2727 A
Itotal = I1 + I2 ≈ 0.727 A
16. कौन अधिक ऊर्जा उपभुक्त करता है – 250W TV (1 घंटा) या 120W हीटर (10 मिनट)?
TV:
E = P × t = 250W × 1h = 250 × 3600 = 900,000 J
हीटर:
t = 10 मिनट = 600 सेकंड
E = 120 × 600 = 72,000 J
विद्युत – अभ्यास प्रश्न 17 और 18
17. 8.2Ω प्रतिरोध का कोई विद्युत हीटर 2 घंटे तक 15 A विद्युत धारा लेता है। हीटर में उत्पन्न ऊष्मा की दर परिकलित कीजिए।
दिया गया:
R = 8.2Ω, I = 15A, t = 2 घंटे = 7200 सेकंड
ऊष्मा की दर (शक्ति):
H/t = I² × R = (15)² × 8.2 = 225 × 8.2 = 1845 W
18. निम्नलिखित को स्पष्ट कीजिए:
(a) विद्युत लैम्पों के तंतुओं में टंगस्टन का ही उपयोग क्यों किया जाता है?
(b) विद्युत तापन युक्तियों में मिश्रातु क्यों प्रयुक्त होते हैं?
(c) घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग क्यों नहीं किया जाता?
(d) किसी तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल में परिवर्तन के साथ किस प्रकार बदलता है?
अर्थात यदि क्षेत्रफल बढ़ता है, तो प्रतिरोध घटता है और यदि क्षेत्रफल घटता है, तो प्रतिरोध बढ़ता है।
(e) विद्युत संचारण के लिए प्रायः कॉपर और ऐलुमिनियम के तार क्यों उपयोग किए जाते हैं?
Science – Electricity: Top 20 MCQs
- SI unit of electric current is:(a) Volt
(b) Ampere
(c) Ohm
(d) Coulomb✅ Answer: (b) Ampere - 1 kilowatt-hour is equal to:(a) 1000 Joules
(b) 3600 Joules
(c) 3.6 × 106 Joules
(d) 60 Joules✅ Answer: (c) 3.6 × 10⁶ Joules - Ohm’s law is expressed as:(a) I = V × R
(b) R = V × I
(c) V = I × R
(d) V = R / I✅ Answer: (c) V = I × R - What is the resistance of a conductor if 5A current flows through it at 10V?(a) 0.5 Ω
(b) 2 Ω
(c) 3 Ω
(d) 4 Ω✅ Answer: (b) 2 Ω - The instrument used to measure potential difference is:(a) Ammeter
(b) Voltmeter
(c) Galvanometer
(d) Rheostat✅ Answer: (b) Voltmeter - Which of the following is a good conductor?(a) Wood
(b) Plastic
(c) Copper
(d) Glass✅ Answer: (c) Copper - The commercial unit of energy is:(a) Watt
(b) Kilowatt
(c) Joule
(d) Kilowatt-hour✅ Answer: (d) Kilowatt-hour - In a series circuit, the current is:(a) Same through each component
(b) Different in each component
(c) Zero
(d) Increasing✅ Answer: (a) Same through each component - Resistance depends on:(a) Length of the conductor
(b) Cross-sectional area
(c) Nature of material
(d) All of these✅ Answer: (d) All of these - Resistivity is expressed in:(a) Ω
(b) Ω·m
(c) V/A
(d) W✅ Answer: (b) Ω·m - Current in a wire is due to:(a) Positive charges only
(b) Electrons flow
(c) Holes only
(d) Neutrons✅ Answer: (b) Electrons flow - To measure electric current, which device is used?(a) Voltmeter
(b) Ammeter
(c) Thermometer
(d) Speedometer✅ Answer: (b) Ammeter - When resistors are connected in parallel, the total resistance:(a) Increases
(b) Decreases
(c) Remains same
(d) Becomes zero✅ Answer: (b) Decreases - If length of wire is doubled, resistance becomes:(a) Half
(b) Double
(c) Same
(d) Four times✅ Answer: (b) Double - What happens to resistance if area of cross-section increases?(a) Increases
(b) Decreases
(c) Remains same
(d) Becomes infinite✅ Answer: (b) Decreases - Which of the following is a heating effect of electric current?(a) Magnetism
(b) Lightning
(c) Electric iron
(d) Solar cell✅ Answer: (c) Electric iron - The filament of an electric bulb is made of:(a) Copper
(b) Aluminium
(c) Tungsten
(d) Silver✅ Answer: (c) Tungsten - 1 Ampere = ___ Coulomb/sec(a) 0.1
(b) 10
(c) 1
(d) None✅ Answer: (c) 1 - Unit of electric power is:(a) Watt
(b) Volt
(c) Ohm
(d) Ampere✅ Answer: (a) Watt - Which device is used to regulate current in circuit?(a) Rheostat
(b) Switch
(c) Resistor
(d) Diode✅ Answer: (a) Rheostat
विद्युत पाठ के बहुविकल्पीय प्रश्न हिन्दी में
- विद्युत धारा के परिपथ में इलेक्ट्रॉनों की दिशा होती है:(a) धनात्मक से ऋणात्मक
(b) ऋणात्मक से धनात्मक
(c) ऊपर से नीचे
(d) नहीं बताई जा सकती✅ उत्तर: (b) ऋणात्मक से धनात्मक - 1 एम्पियर विद्युत धारा का अर्थ है:(a) 1 कूलॉम्ब/सेकंड
(b) 10 वोल्ट/सेकंड
(c) 1 ओम/सेकंड
(d) 100 जूल/सेकंड✅ उत्तर: (a) 1 कूलॉम्ब/सेकंड - वोल्टमीटर को सर्किट में कैसे जोड़ा जाता है?(a) श्रेणीक्रम में
(b) पार्श्वक्रम में
(c) पृथक रूप से
(d) परिपथ के बाहर✅ उत्तर: (b) पार्श्वक्रम में - किस धातु की विद्युत प्रतिरोधकता सबसे कम होती है?(a) तांबा
(b) लोहा
(c) एल्युमिनियम
(d) चांदी✅ उत्तर: (d) चांदी - रहेनियम एक धातु है जिसका प्रयोग किया जाता है:(a) टेलीविजन में
(b) विद्युत तारों में
(c) बल्ब के तंतु में
(d) टोस्टर में✅ उत्तर: (c) बल्ब के तंतु में - ओम का नियम लागू होता है:(a) चालकों पर
(b) अर्धचालकों पर
(c) इंसुलेटर पर
(d) चुंबकों पर✅ उत्तर: (a) चालकों पर - विद्युत शक्ति की इकाई क्या है?(a) जूल
(b) ओम
(c) वॉट
(d) कूलॉम्ब✅ उत्तर: (c) वॉट - यदि किसी तार की लंबाई दुगुनी कर दी जाए तो प्रतिरोध:(a) आधा हो जाएगा
(b) दुगुना हो जाएगा
(c) चार गुना हो जाएगा
(d) अपरिवर्तित रहेगा✅ उत्तर: (b) दुगुना हो जाएगा - नाइक्रोम एक मिश्रधातु है जिसका प्रयोग किया जाता है:(a) हीटर में
(b) बल्ब में
(c) वायरिंग में
(d) बैटरी में✅ उत्तर: (a) हीटर में - श्रृंखला संयोजन में कुल प्रतिरोध:(a) घटता है
(b) बढ़ता है
(c) बराबर रहता है
(d) शून्य होता है✅ उत्तर: (b) बढ़ता है - 220 V, 100 W के बल्ब की विद्युत धारा होगी:(a) 0.25 A
(b) 0.45 A
(c) 1 A
(d) 2.2 A✅ उत्तर: (b) 0.45 A - 1 वाट = ___ जूल/सेकंड(a) 100
(b) 60
(c) 1
(d) 3600✅ उत्तर: (c) 1 - विद्युत धारा में इलेक्ट्रॉन की दिशा होती है:(a) धन से ऋण
(b) ऋण से धन
(c) स्थिर
(d) नहीं तय✅ उत्तर: (b) ऋण से धन - वोल्टमीटर हमेशा जोड़ते हैं:(a) श्रेणीक्रम में
(b) पार्श्वक्रम में
(c) दोनों में
(d) नहीं जोड़ते✅ उत्तर: (b) पार्श्वक्रम में - विद्युत ऊर्जा की व्यापारिक इकाई क्या है?(a) वॉट
(b) कूलॉम्ब
(c) किलोवॉट-घंटा
(d) ओम✅ उत्तर: (c) किलोवॉट-घंटा - हीटिंग प्रभाव का उपयोग किसमें होता है?(a) टेलीविजन
(b) टोस्टर
(c) मोबाइल फोन
(d) घड़ी✅ उत्तर: (b) टोस्टर - यदि किसी तार का क्षेत्रफल दुगुना हो जाए, तो प्रतिरोध:(a) आधा हो जाएगा
(b) दुगुना हो जाएगा
(c) समान रहेगा
(d) चार गुना हो जाएगा✅ उत्तर: (a) आधा हो जाएगा - ओम का मात्रक क्या है?(a) V/A
(b) A/V
(c) W/A
(d) W/V✅ उत्तर: (a) V/A - विद्युत शक्ति = वोल्ट × ______?(a) वोल्ट
(b) ओम
(c) धारा
(d) जूल✅ उत्तर: (c) धारा - धातुओं में विद्युत धारा वहन करती है:(a) धनात्मक आयन
(b) इलेक्ट्रॉन
(c) न्यूट्रॉन
(d) सभी✅ उत्तर: (b) इलेक्ट्रॉन
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Class 10 Science Electricity in Hindi केअन्य स्रोत:-