क्या हमारे आसपास के पदार्थ शुद्ध हैं? | Class 9 Science Chapter 2 Notes in Hindi

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अध्याय 2: क्या हमारे आसपास के पदार्थ शुद्ध हैं?

एनसीईआरटी कक्षा 9 विज्ञान का यह अध्याय हमें हमारे चारों ओर मौजूद पदार्थों की प्रकृति को समझने में मदद करता है। आमतौर पर हम “शुद्ध” शब्द का इस्तेमाल बहुत सी चीजों के लिए करते हैं जैसे शुद्ध दूध, शुद्ध पानी या शुद्ध सोना। लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से क्या ये सभी सच में शुद्ध होते हैं? इसी प्रश्न का उत्तर यह अध्याय खोजता है।

क्या हमारे आसपास के पदार्थ शुद्ध हैं

मुख्य बातें:

  • शुद्ध पदार्थ (Pure Substances) और मिश्रण (Mixtures) के बीच अंतर
  • होमोजीनियस और हेटरोजीनियस मिश्रण
  • घोल, कोलॉइड और निलंबन की समझ
  • पदार्थों को अलग करने की विधियाँ

यह अध्याय विज्ञान की उस मूलभूत अवधारणा को स्पष्ट करता है कि किसी पदार्थ की शुद्धता क्या होती है और हम उसे कैसे परख सकते हैं। यह न केवल शैक्षणिक परीक्षाओं के लिए उपयोगी है, बल्कि दैनिक जीवन में प्रयोग होने वाली वस्तुओं की गुणवत्ता को समझने में भी सहायक है।

टिप: इस अध्याय के अभ्यास प्रश्न, MCQ, परिभाषाएँ और आंतरिक-एवं बाह्य-लिंक नीचे दिए गए सेक्शनों में उपलब्ध हैं।

मिश्रण क्या है?

जब दो या दो से अधिक पदार्थ इस तरह एक साथ मिलते हैं कि वे रासायनिक रूप से संयोजित नहीं होते, तो उसे मिश्रण कहा जाता है।

परिभाषा:
दो या दो से अधिक पदार्थों का ऐसा भौतिक संयोजन जिसमें प्रत्येक पदार्थ अपनी विशेषताओं को बनाए रखता है, उसे मिश्रण कहते हैं।

🔹 मिश्रण की विशेषताएँ:

  • मिश्रण में पदार्थों का अनुपात निश्चित नहीं होता।
  • घटक रासायनिक रूप से संयोजित नहीं होते।
  • भौतिक विधियों से घटकों को अलग किया जा सकता है।
  • हर पदार्थ अपनी विशेषता बनाए रखता है।

उदाहरण:

  • चाय = पानी + दूध + चीनी + चायपत्ती
  • वायु = नाइट्रोजन + ऑक्सीजन + CO2 आदि
  • नमक का पानी = नमक + पानी
जानिए:
मिश्रण को दो मुख्य भागों में बाँटा जाता है:

  • समान प्रकार का मिश्रण (Homogeneous)
  • विषम प्रकार का मिश्रण (Heterogeneous)

 

मिश्रण के प्रकार (Types of Mixtures)

मिश्रण दो या दो से अधिक पदार्थों का भौतिक संघटन होता है, जिनमें प्रत्येक पदार्थ अपनी-अपनी विशेषताएं बनाए रखता है। मिश्रण को मुख्यतः दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:

1. विषमांगी मिश्रण (Heterogeneous Mixture)

ऐसे मिश्रण जिनमें सभी संघटक पदार्थ स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं और असमान रूप से फैले होते हैं, उन्हें विषमांगी मिश्रण कहा जाता है।

  • संघटक अलग-अलग देखे जा सकते हैं।
  • भिन्न-भिन्न परतें या कण दिखाई देते हैं।
  • उदाहरण: तेल और पानी, रेत और लोहे के बुरादे का मिश्रण।

2. समांगी मिश्रण (Homogeneous Mixture)

ऐसे मिश्रण जिनमें सभी संघटक पदार्थ समान रूप से फैले होते हैं और अलग-अलग पहचाने नहीं जा सकते, उन्हें समांगी मिश्रण कहा जाता है।

  • एक समान रूप से फैले हुए कण।
  • दिखने में एकरूपता होती है।
  • उदाहरण: चीनी का घोल, नमक का घोल, हवा।

1. पदार्थ से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: पदार्थ वह है जिससे कोई वस्तु बनी होती है और जिसका द्रव्यमान होता है एवं जो स्थान घेरता है। यह हमारी आसपास की हर वस्तु में पाया जाता है, जैसे—हवा, जल, लकड़ी, लोहा, दूध आदि।

  • पदार्थ को रासायनिक संरचना के आधार पर शुद्ध पदार्थ और मिश्रण में बाँटा जाता है।
  • पदार्थों की तीन अवस्थाएँ होती हैं: ठोस, द्रव और गैस।

2. समांगी और विषमांगी मिश्रणों में अंतर बताएँ।

बिंदु समांगी मिश्रण विषमांगी मिश्रण
1. परिभाषा जिस मिश्रण में सभी घटक एकसमान रूप से मिश्रित होते हैं। जिस मिश्रण में घटक असमान रूप से मिश्रित होते हैं।
2. घटकों की पहचान घटक अलग से दिखाई नहीं देते। घटक आसानी से पहचाने जा सकते हैं।
3. उदाहरण नमक का घोल, चीनी का घोल, हवा तेल और पानी, रेत और लोहे का बुरादा

विलयन क्या है?

विलयन एक समांगी मिश्रण होता है जिसमें दो या दो से अधिक पदार्थ इस प्रकार मिलाए जाते हैं कि वे एकसार प्रतीत होते हैं। इसमें एक विलायक (Solvent) और एक या अधिक विलेय (Solute) होते हैं।

तथ्य: पानी में नमक या चीनी घुल जाने पर जो मिश्रण बनता है, वह एक विलयन होता है।

विलयन के घटक:

  • विलेय (Solute): वह पदार्थ जो घुलता है। जैसे – नमक
  • विलायक (Solvent): वह पदार्थ जिसमें विलेय घुलता है। जैसे – पानी

विलयन की विशेषताएँ:

  • यह समांगी मिश्रण होता है।
  • इसमें कण नग्न आँखों से नहीं देखे जा सकते।
  • विलयन स्थिर होता है; समय के साथ घटक अलग नहीं होते।
  • विलयन से प्रकाश सरलता से गुजर सकता है।
उदाहरण: पानी में चीनी मिलाने से बना मिश्रण एक समांगी विलयन होता है।

मिश्र धातुएँ क्या होती हैं?

जब दो या दो से अधिक धातुओं (या एक धातु और एक अधातु) को एक निश्चित अनुपात में पिघलाकर मिलाया जाता है और ठंडा करके ठोस बनाया जाता है, तो उसे मिश्र धातु कहा जाता है। यह एक समांगी मिश्रण होता है जिसमें धातुओं के गुणों को और बेहतर बनाने की कोशिश की जाती है, जैसे- मजबूती, जंग से सुरक्षा, रंग, कठोरता आदि।

मिश्र धातुएँ दिखने में एक समान होती हैं, परंतु वे भी मिश्रण ही होती हैं क्योंकि उन्हें उनके घटक अवयवों में रासायनिक प्रक्रिया द्वारा नहीं, बल्कि भौतिक विधियों से ही अलग किया जा सकता है।

प्रमुख उदाहरण:

  • पीतल (Brass) = तांबा (Cu) + जस्ता (Zn)
  • कांसा (Bronze) = तांबा (Cu) + टिन (Sn)
  • स्टेनलेस स्टील = लोहा (Fe) + क्रोमियम (Cr) + निकेल (Ni)
  • सोल्डर = सीसा (Pb) + टिन (Sn)

नोट: मिश्र धातुओं का उपयोग रोजमर्रा के उपकरणों, मशीनों, सिक्कों, आभूषणों और औद्योगिक उत्पादों में बड़े पैमाने पर किया जाता है।

विलयन के उदाहरण

विलयन एक समांगी मिश्रण होता है जिसमें दो या दो से अधिक पदार्थ इस प्रकार मिश्रित होते हैं कि वे एकसार प्रतीत होते हैं। इसमें विलायक (solvent) और विलेय (solute) शामिल होते हैं।

मुख्य बिंदु:

  • विलयन हमेशा पारदर्शी होता है।
  • कण नग्न आंखों से नहीं देखे जा सकते।
  • विलयन समय के साथ परत में नहीं बंटता।

विलयन के कुछ सामान्य उदाहरण:

  • नमक या चीनी का पानी में घुलना: यह एक ठोस-तरल विलयन है जिसमें नमक/चीनी विलेय हैं और पानी विलायक है।
  • सिरका (acetic acid + water): यह तरल-तरल विलयन का उदाहरण है।
  • शराब का पानी में घुलना: तरल-तरल विलयन।
  • हवा: गैस-गैस विलयन जिसमें कई गैसें जैसे ऑक्सीजन, नाइट्रोजन आदि मिश्रित होती हैं।
  • कार्बोनेटेड ड्रिंक: इसमें CO₂ गैस पानी में घुली होती है – गैस-तरल विलयन।
  • टिंचर आयोडीन: यह एक ठोस-तरल विलयन है जिसमें आयोडीन (ठोस) एल्कोहल (तरल) में घुला होता है।
  • ब्रास (पीतल): यह ठोस-ठोस विलयन है जिसमें तांबा और जस्त मिलाए जाते हैं।

निष्कर्ष:

विलयन हमारे दैनिक जीवन में बहुत सामान्य हैं, चाहे वह चाय हो, हवा हो या कार्बोनेटेड पेय। यह रासायनिक मिश्रण का महत्वपूर्ण प्रकार है, जिससे हमें पदार्थों की प्रकृति को समझने में सहायता मिलती है।

विलयन के गुण

विलयन एक समांगी मिश्रण होता है जिसमें दो या दो से अधिक पदार्थ इस प्रकार मिले होते हैं कि वे एकसार प्रतीत होते हैं। नीचे विलयन के मुख्य गुण दिए गए हैं:

1. समांगी प्रकृति: विलयन पूरी तरह से एकसार होता है। उसके सभी भागों में कणों का वितरण समान होता है।
2. स्थायित्व: विलयन समय के साथ अलग नहीं होता। यदि विलयन स्थिर है, तो लंबे समय तक भी कण नीचे नहीं बैठते।
3. कण नग्न आँखों से नहीं देखे जा सकते: विलयन में घुले पदार्थ के कण अति सूक्ष्म होते हैं, जिन्हें नग्न आँखों से नहीं देखा जा सकता।
4. प्रकाश विक्षेप नहीं करता: विलयन में टyndall प्रभाव नहीं होता, यानी उस पर प्रकाश डालने पर वह प्रकाश को नहीं बिखेरता।
5. विलायक और विलेय का अनुपात: विलयन में एक पदार्थ विलायक (अधिक मात्रा में) और दूसरा विलेय (कम मात्रा में) होता है।

उदाहरण: नमक का पानी, चीनी का पानी, शर्बत आदि।

विलयन की सान्द्रता (Concentration of Solution)

विलयन की सान्द्रता यह दर्शाती है कि किसी विलयन में विलेय (solute) की कितनी मात्रा मौजूद है। दूसरे शब्दों में, यह विलेय और विलायक के अनुपात को दर्शाता है।

सान्द्र विलयन (Concentrated Solution): वह विलयन जिसमें विलेय की मात्रा अधिक हो।

उदाहरण: अधिक चीनी मिला हुआ पानी।

विरल विलयन (Dilute Solution): वह विलयन जिसमें विलेय की मात्रा कम हो।

उदाहरण: हल्का नमक मिला हुआ पानी।

सान्द्रता मापने के तरीके:

1. प्रतिशत द्वारा (% w/w, w/v, v/v):
w/w: 100 ग्राम विलयन में विलेय की ग्राम में मात्रा।
w/v: 100 मिलीलीटर विलयन में विलेय की ग्राम में मात्रा।
v/v: 100 मिलीलीटर विलयन में विलेय की मिलीलीटर में मात्रा।
2. मोलरता (Molarity – M):
एक लीटर विलयन में उपस्थित विलेय के मोल्स की संख्या।
सूत्र: M = moles of solute / volume of solution (in L)
3. द्रव्यमान प्रतिशत (Mass Percentage):
(विलेय का द्रव्यमान / कुल विलयन का द्रव्यमान) × 100
4. अंश मोलता (Mole Fraction):
विलेय के मोल / (विलेय के मोल + विलायक के मोल)

नोट: विद्यालय स्तर पर आमतौर पर प्रतिशत सान्द्रता और मोलरता का ही प्रयोग किया जाता है।

निलंबन क्या है?

निलंबन (Suspension) एक प्रकार का विषमांगी मिश्रण होता है जिसमें ठोस कण किसी द्रव में समान रूप से फैले होते हैं, लेकिन वे उस द्रव में घुलते नहीं हैं।

ये कण थोड़ी देर बाद नीचे बैठ जाते हैं यदि मिश्रण को स्थिर छोड़ दिया जाए। इसलिए इसे स्थिर नहीं कहा जाता और उपयोग से पहले इसे हिलाना आवश्यक होता है।

उदाहरण:

  • रेत और पानी का मिश्रण
  • सरसों का तेल और पानी
  • मिट्टी और पानी

मुख्य विशेषताएँ:

  • यह एक विषमांगी मिश्रण है।
  • ठोस कण नग्न आँखों से देखे जा सकते हैं।
  • कण तल में बैठ सकते हैं।
  • प्रकाश किरण इस मिश्रण से गुजरने पर टिंडल प्रभाव दिखाता है।

निलंबन के प्रमुख गुणधर्म

  • यह विषमांगी मिश्रण होता है।
  • ठोस कण नग्न आँखों से देखे जा सकते हैं।
  • थोड़े समय बाद कण तल में बैठ जाते हैं।
  • प्रकाश पर टyndall प्रभाव दिखाते हैं।
  • फ़िल्ट्रेशन द्वारा पृथक किया जा सकता है।

गुणधर्म निलंबन विलयन
प्रकृति विषमांगी समांगी
दृश्यता कण नग्न आंखों से दिखते हैं कण नहीं दिखते
स्थिरता स्थिर नहीं, कण बैठ जाते हैं स्थिर
फ़िल्ट्रेशन फ़िल्टर किया जा सकता है फ़िल्टर नहीं किया जा सकता
Tyndall प्रभाव दिखाता है नहीं दिखाता

कोलाइडल विलयन क्या है?

कोलाइडल विलयन एक प्रकार का मिश्रण होता है जिसमें एक पदार्थ बहुत छोटे कणों के रूप में दूसरे पदार्थ में फैला होता है। यह ना तो सच्चा विलयन होता है और ना ही निलंबन, बल्कि इन दोनों के बीच की अवस्था होती है।

फैक्ट:
कोलाइडल विलयनों में कणों का आकार लगभग 1 नैनोमीटर से 1000 नैनोमीटर के बीच होता है, जो नग्न आंखों से नहीं देखे जा सकते लेकिन माइक्रोस्कोप से देखे जा सकते हैं।

कोलाइडल विलयन के प्रमुख उदाहरण:

कोलाइड विकिरण माध्यम उदाहरण
झाग (Foam) गैस में ठोस रेबर झाग, फोम
एयरोसोल गैस में तरल या ठोस परफ्यूम स्प्रे, धुआं
जेल ठोस में तरल जेली, बालों का जेल
सोल तरल में ठोस रंग, स्याही
नोट: कोलाइडल विलयनों में टyndall प्रभाव दिखाई देता है, जिससे प्रकाश की किरणें फैलती हैं और हमें दिखाई देती हैं।

कोलाइड्स के सामान्य उदाहरण

परिक्षिप्त प्रावस्था परिक्षेपण माध्यम प्रकार उदाहरण
द्रव गैस एरोसोल कोहरा, बादल, कुहासा
ठोस गैस एरोसोल धुआँ, स्वचालित वाहन का निःश्वास (exhaust)
गैस द्रव फ्रोम शेविंग क्रीम
द्रव द्रव इमल्शन दूध, फ्रेश क्रीम
ठोस द्रव सोल मैग्नेशिया-मिल्क, कीचड़
गैस ठोस फ्रोम फोम, रबड़, स्पंज, प्यूमिस
द्रव ठोस जेल जेली, पनीर, मक्खन
ठोस ठोस ठोस सोल रंगी रत्न पत्थर, दूधिया काँच

NCERT कक्षा 9 विज्ञान – अध्याय 2
क्या हमारे आसपास के पदार्थ शुद्ध हैं?

प्रश्न 1: उदाहरण के साथ समांगी एवं विषमांगी मिश्रणों में विभेद कीजिए।

बिंदु समांगी मिश्रण विषमांगी मिश्रण
1. परिभाषा वह मिश्रण जिसमें सभी घटक एक समान रूप से मिले हों। वह मिश्रण जिसमें घटक असमान रूप में दिखाई देते हैं।
2. घटकों की पहचान घटकों को अलग से पहचानना कठिन होता है। घटकों को आसानी से पहचाना जा सकता है।
3. उदाहरण नमक का जल में घोल, वायु दूध में अनाज, बालू और पानी

प्रश्न 2: विलयन, निलंबन और कोलाइड एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?

गुण विलयन निलंबन कोलाइड
घटक के कण 0.1 nm से छोटे 100 nm से बड़े 1 nm – 100 nm
फिल्ट्रेशन द्वारा पृथक्करण नहीं किया जा सकता किया जा सकता है नहीं किया जा सकता
उदाहरण चीनी का घोल रेत और पानी दूध, धुआँ

प्रश्न 3: एक संतृप्त विलयन बनाने के लिए 36 g सोडियम क्लोराइड को 100g जल में 293K पर घोला जाता है। इस तापमान पर इसकी सांद्रता प्राप्त करें।

हल:

सांद्रता (Concentration) = (घुला हुआ पदार्थ / कुल घोल का द्रव्यमान) × 100

= (36 g / (36 g + 100 g)) × 100

= (36 / 136) × 100

= 26.47%

उत्तर: विलयन की सांद्रता 26.47% है।

 

कोलाइड के गुणधर्म

कोलाइड एक विषमांगी मिश्रण होता है, जिसमें एक पदार्थ के सूक्ष्म कण दूसरे पदार्थ में समान रूप से फैले रहते हैं। इसके कण इतने छोटे होते हैं कि वे नग्न आंखों से नहीं देखे जा सकते, लेकिन प्रकाश के साथ विशेष व्यवहार करते हैं।

क्या आप जानते हैं?
कोलाइड के कणों का आकार 1nm से 100nm के बीच होता है और ये फिल्टर पेपर से नहीं हटाए जा सकते।
गुणधर्म विवरण
1. कणों का आकार 1nm – 100nm
2. नग्न आंखों से दृश्यता नहीं देखे जा सकते
3. टyndall प्रभाव प्रकाश की किरणें फैलती हैं, जिससे रास्ता दिखाई देता है
4. स्थायित्व स्थिर होते हैं, कण नीचे नहीं बैठते
5. फिल्ट्रेशन साधारण फिल्टर से अलग नहीं किए जा सकते
6. द्वि-विलयन (Brownian Movement) कोलाइड कण तरल में लगातार गतिशील रहते हैं
7. चार्ज कोलाइड कणों पर धनात्मक या ऋणात्मक आवेश होता है जो उन्हें एक-दूसरे से दूर रखता है
उदाहरण:
दूध, धुंध, झाग, मक्खन, जेली, रक्त — ये सभी कोलाइड के उदाहरण हैं।

भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन

भौतिक परिवर्तन वे परिवर्तन होते हैं जिनमें पदार्थ की केवल भौतिक विशेषताएँ (जैसे आकार, रूप, घनत्व, अवस्था आदि) बदलती हैं, लेकिन उसका रासायनिक संघटन वही रहता है।

रासायनिक परिवर्तन वे परिवर्तन होते हैं जिनमें एक या अधिक नए पदार्थ बनते हैं और मूल पदार्थ की रासायनिक प्रकृति बदल जाती है।

ध्यान दें: भौतिक परिवर्तन सामान्यतः उलटने योग्य (reversible) होते हैं, जबकि रासायनिक परिवर्तन सामान्यतः अपरिवर्तनीय (irreversible) होते हैं।

भौतिक परिवर्तन के उदाहरण:

  • बर्फ का पिघलना
  • कागज़ को काटना
  • पानी का भाप में बदलना

रासायनिक परिवर्तन के उदाहरण:

  • कागज़ का जलना
  • लोहे में जंग लगना
  • दूध का खट्टा होना

भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन में अंतर

क्र.सं. भौतिक परिवर्तन रासायनिक परिवर्तन
1 केवल भौतिक गुण बदलते हैं रासायनिक गुण भी बदलते हैं
2 कोई नया पदार्थ नहीं बनता नए पदार्थ बनते हैं
3 अक्सर उलटने योग्य होते हैं अक्सर अपरिवर्तनीय होते हैं
4 उदा: पिघलती बर्फ उदा: दहन
नोट: कभी-कभी एक परिवर्तन दोनों प्रकार के लक्षण प्रदर्शित कर सकता है, लेकिन मुख्य पहचान नए पदार्थ का निर्माण ही मानी जाती है।

भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन

भौतिक परिवर्तन: ऐसे परिवर्तन जिनमें पदार्थ की रासायनिक संरचना नहीं बदलती है। केवल रूप, अवस्था या आकार में परिवर्तन होता है। ये परिवर्तन आमतौर पर पलटे जा सकते हैं।
रासायनिक परिवर्तन: ऐसे परिवर्तन जिनमें नए पदार्थ बनते हैं और रासायनिक संरचना बदल जाती है। इन परिवर्तनों को आमतौर पर पलटा नहीं जा सकता।

1. निम्न को रासायनिक और भौतिक परिवर्तनों में वर्गीकृत करें:

क्र.सं. घटना प्रकार
1 पेड़ों को काटना भौतिक परिवर्तन
2 मक्खन का एक बर्तन में पिघलना भौतिक परिवर्तन
3 अलमारी में जंग लगना रासायनिक परिवर्तन
4 जल का उबलकर वाष्प बनना भौतिक परिवर्तन
5 सोना शुद्ध पदार्थ (धातु)
6 विद्युत तरंग का जल में प्रवाहित होना तथा उसका हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों में विघटित होना रासायनिक परिवर्तन
7 जल में साधारण नमक का घुलना भौतिक परिवर्तन
8 फलों से सलाद बनाना भौतिक परिवर्तन
9 लकड़ी और कागज़ का जलना रासायनिक परिवर्तन

2. अपने आस-पास की चीज़ों को शुद्ध पदार्थों या मिश्रण से अलग करने का प्रयत्न करें:

चीज़ शुद्ध पदार्थ / मिश्रण
नल का जल मिश्रण
दूध कोलाइड मिश्रण
शुद्ध लोहा शुद्ध पदार्थ
नमक-चीनी मिश्रण विषमांगी मिश्रण

शुद्ध पदार्थों के प्रकार: तत्त्व एवं यौगिक

शुद्ध पदार्थ वे पदार्थ होते हैं जिनकी रचना एक ही प्रकार के कणों से होती है और जिनके रासायनिक गुण निश्चित होते हैं। शुद्ध पदार्थ दो प्रकार के होते हैं: तत्त्व और यौगिक

 तत्त्व (Elements): वे शुद्ध पदार्थ जो केवल एक ही प्रकार के परमाणु से मिलकर बने होते हैं। इन्हें किसी साधारण रासायनिक प्रक्रिया द्वारा सरल पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता।
 यौगिक (Compounds): वे शुद्ध पदार्थ जो दो या दो से अधिक तत्त्वों के निश्चित अनुपात में रासायनिक रूप से संयोजन से बनते हैं। इन्हें रासायनिक विधियों से उनके मूल तत्त्वों में विभाजित किया जा सकता है।
तुलना आधार तत्त्व यौगिक
रचना केवल एक प्रकार के परमाणु दो या अधिक तत्त्वों के निश्चित अनुपात में रासायनिक संयोजन
विभाजन सरल पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता रासायनिक विधियों से मूल तत्त्वों में विभाजित किया जा सकता है
उदाहरण हाइड्रोजन (H), ऑक्सीजन (O), आयरन (Fe) पानी (H₂O), कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂), सोडियम क्लोराइड (NaCl)
नोट: तत्त्वों को उनकी भौतिक प्रकृति के आधार पर धातु, अधातु और उपधातु में वर्गीकृत किया जा सकता है। जबकि यौगिकों को जैविक (organic) और अजैविक (inorganic) यौगिकों में बाँटा जाता है।

तत्त्व क्या हैं?

तत्त्व वे शुद्ध पदार्थ होते हैं जो केवल एक ही प्रकार के परमाणुओं से बने होते हैं और उन्हें किसी भौतिक या रासायनिक विधि से सरल पदार्थों में नहीं तोड़ा जा सकता।

परिभाषा:
तत्त्व वह मूलभूत शुद्ध पदार्थ है, जो केवल एक ही प्रकार के परमाणु से मिलकर बना होता है और उसे किसी अन्य साधारण पदार्थ में विभाजित नहीं किया जा सकता।

तत्त्वों के प्रमुख गुणधर्म

गुणधर्म विवरण
एक ही प्रकार के परमाणु तत्त्व केवल एक ही प्रकार के परमाणुओं से मिलकर बने होते हैं।
रासायनिक रूप से अपरिवर्तनीय इन्हें किसी रासायनिक क्रिया द्वारा और सरल पदार्थों में नहीं तोड़ा जा सकता।
धातु, अधातु, उपधातु तत्त्वों को उनकी विशेषताओं के आधार पर इन तीन श्रेणियों में बाँटा जाता है।
विशिष्ट गुण प्रत्येक तत्त्व के भिन्न-भिन्न भौतिक और रासायनिक गुण होते हैं जैसे गलनांक, क्वथनांक, चालकता आदि।

उदाहरण:

  • धातु: लोहा (Fe), ताँबा (Cu), सोना (Au)
  • अधातु: ऑक्सीजन (O2), नाइट्रोजन (N2), कार्बन (C)
  • उपधातु: बोरॉन (B), सिलिकॉन (Si)

यौगिक क्या है?

जब दो या दो से अधिक तत्व एक निश्चित अनुपात में रासायनिक रूप से संयोजित होते हैं, तो जो शुद्ध पदार्थ बनता है उसे यौगिक (Compound) कहते हैं। यौगिकों के निर्माण में शामिल तत्व अपनी मूलभूत विशेषताओं को खो देते हैं और यौगिक नई विशेषताओं को प्रदर्शित करता है।

उदाहरण:
• जल (H2O) – हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बना है।
• कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) – कार्बन और ऑक्सीजन से बना है।
• नमक (NaCl) – सोडियम और क्लोरीन से बना है।

यौगिकों के गुणधर्म

गुणधर्म विवरण
1. शुद्ध पदार्थ यौगिक एक शुद्ध पदार्थ होता है जिसकी रचना समान होती है।
2. निश्चित अनुपात यौगिक बनाने वाले तत्व निश्चित अनुपात में होते हैं।
3. नए गुण यौगिक के गुण इसमें उपस्थित तत्वों से भिन्न होते हैं।
4. रासायनिक विधियों से पृथक्करण यौगिकों को केवल रासायनिक विधियों द्वारा ही उनके तत्वों में विभाजित किया जा सकता है।
5. उबलने व गलनांक यौगिक का एक निश्चित गलनांक एवं क्वथनांक होता है।

मिश्रण और यौगिक में अंतर

परिभाषा:
मिश्रण दो या अधिक पदार्थों का भौतिक सम्मिश्रण होता है जिसमें वे अपने गुणों को बनाए रखते हैं।
यौगिक दो या अधिक तत्त्वों के रासायनिक संयोजन से बनने वाला पदार्थ है जिसमें नये गुण उत्पन्न हो जाते हैं।
मापदंड मिश्रण यौगिक
1. संरचना अस्थिर होती है निश्चित अनुपात में होती है
2. घटकों को अलग करना भौतिक विधियों से संभव केवल रासायनिक विधियों से
3. गुणधर्म घटकों के गुण बने रहते हैं नए गुणधर्म उत्पन्न होते हैं
4. ऊर्जा परिवर्तन सामान्यतः नहीं होता ऊर्जा अवशोषित या मुक्त हो सकती है
5. उदाहरण नमक का जल में घोल, हवा, मिट्टी पानी (H2O), CO2, NaCl

आपने क्या सीखा

  • मिश्रण में एक से अधिक पदार्थ (तत्व तथा/अथवा यौगिक) किसी भी अनुपात में मिले होते हैं।
  • मिश्रणों को उचित विधियों से पृथक कर शुद्ध पदार्थों में बदला जा सकता है।
  • विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण होता है।
  • विलयन में बड़े अवयव को विलायक तथा छोटे को विलेय कहते हैं।
  • विलयन की सांद्रता का अर्थ है – इकाई आयतन में उपस्थित विलेय का द्रव्यमान अथवा आयतन।
  • निलंबन एक विषमांगी मिश्रण होता है, जिसमें अघुलनशील कण होते हैं जिन्हें आँखों से देखा जा सकता है।
  • कोलाइड एक विषमांगी मिश्रण है, जिसमें कण बहुत छोटे होते हैं और प्रकाश का फैलाव कर सकते हैं।
  • कोलाइड के दो घटक होते हैं – परिक्षिप्त अवस्था (dispersed phase) और परिक्षेपण माध्यम (dispersion medium)।
  • शुद्ध पदार्थ दो प्रकार के होते हैं – तत्त्व और यौगिक
  • तत्त्व पदार्थ का वह रूप है जिसे रासायनिक विधियों से सरल पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता।
  • यौगिक दो या दो से अधिक तत्त्वों के निश्चित अनुपात में रासायनिक संयोजन से बनते हैं।
  • यौगिक के गुण उसके अवयव तत्त्वों से अलग होते हैं, जबकि मिश्रण में हर अवयव अपने गुणों को बनाए रखता है।

अभ्यास प्रश्नों के उत्तर (पाठ – शुद्ध पदार्थ और मिश्रण)

1. निम्नलिखित को पृथक् करने के लिए अपनाई जाने वाली विधियाँ:

क्रम प्रश्न पृथक्करण की विधि
(a) सोडियम क्लोराइड को जल के विलयन से वाष्पीकरण
(b) अमोनियम क्लोराइड को सोडियम क्लोराइड और अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण से उष्मी अपसादन (Sublimation)
(c) धातु के छोटे टुकड़े को इंजन ऑयल से छानना या चुंबक द्वारा (यदि टुकड़ा लोहे का हो)
(d) दही से मक्खन निकालने के लिए घर्षण (Churning)
(e) जल से तेल निकालने के लिए पर्तन कीप (Separating Funnel)
(f) चाय से चाय पत्तियाँ निस्यंदन (Filtration)
(g) बालू से लोहे की पिनें चुंबक द्वारा पृथक्करण
(h) भूसे से गेहूँ के दाने पवन छनाई (Winnowing)
(i) पानी में तैरते महीन मिट्टी के कण ग्रहण (Decantation) या निस्यंदन
(j) पुष्प की पंखुड़ियों से रंजकों का पृथक्करण क्रोमैटोग्राफी

2. चाय बनाने की प्रक्रिया और संबन्धित शब्दों का प्रयोग:

चरण: चाय बनाने की प्रक्रिया में हम पानी को गर्म करते हैं जो विलायक (Solvent) होता है। फिर उसमें चाय की पत्तियाँ, चीनी और दूध मिलाते हैं, जो विलेय (Solute) होते हैं। ये सभी मिलकर एक विलयन (Solution) बनाते हैं।

घुलनशील पदार्थ (जैसे चीनी) पानी में घुल जाते हैं और घोल में शामिल हो जाते हैं। जबकि चाय की पत्तियाँ अघुलनशील होती हैं, जिन्हें हम निस्यंदन (Filtration) द्वारा अलग कर देते हैं। जो तरल भाग छनकर नीचे आता है, उसे घुलेय (Filtrate) कहते हैं और जो ऊपर छननी पर बचता है, वह अवशेष (Residue) कहलाता है।

प्रश्न 3: प्रज्ञा ने तीन अलग-अलग पदार्थों की घुलनशीलताओं को विभिन्न तापमानों पर जाँचा तथा नीचे दिए गए आँकड़ों को प्राप्त किया।

(a) 50g जल में 313K पर पोटैशियम नाइट्रेट के संतृप्त विलयन को प्राप्त करने हेतु कितने ग्राम पोटैशियम नाइट्रेट की आवश्यकता होगी?

उत्तर: 313K पर 100g जल में पोटैशियम नाइट्रेट की घुलनशीलता = 62g है।
तो, 50g जल में = (62 × 50) ÷ 100 = 31g पोटैशियम नाइट्रेट की आवश्यकता होगी।

(b) प्रज्ञा 353K पर पोटैशियम क्लोराइड का एक संतृप्त विलयन तैयार करती है और विलयन को कमरे के तापमान पर ठंडा होने के लिए छोड़ देती है। जब विलयन ठंडा होगा तो वह क्या अवलोकित करेगी? स्पष्ट करें।

उत्तर: 353K पर पोटैशियम क्लोराइड की घुलनशीलता = 54g है,
और यदि वह कमरे के तापमान (लगभग 293K) पर ठंडा होता है, तो उस तापमान पर घुलनशीलता केवल 35g है।
अवलोकन: विलयन ठंडा होने पर अतिरिक्त घुला हुआ पोटैशियम क्लोराइड बाहर आ जाएगा और तलछट के रूप में दिखाई देगा। यह अवसादन कहलाता है।

(c) 293K पर प्रत्येक लवण की घुलनशीलता का परीक्षण करें। इस तापमान पर कौन-सा लवण सबसे अधिक घुलनशील होगा?

लवण घुलनशीलता (293K पर) g/100g जल
पोटैशियम नाइट्रेट 32
सोडियम क्लोराइड 36
पोटैशियम क्लोराइड 35
अमोनियम क्लोराइड 37

उत्तर: 293K पर अमोनियम क्लोराइड (37g) सबसे अधिक घुलनशील है।

(d) तापमान में परिवर्तन से लवणों की घुलनशीलता पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर: अधिकतर लवणों की घुलनशीलता तापमान बढ़ने पर बढ़ जाती है। तालिका में दिए गए आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, अधिकांश लवण जैसे पोटैशियम नाइट्रेट, पोटैशियम क्लोराइड और अमोनियम क्लोराइड की घुलनशीलता में वृद्धि होती है। जबकि सोडियम क्लोराइड की घुलनशीलता में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होता।

प्रश्न 4: निम्नलिखित को पृथक् करने के लिए आप किन विधियों को अपनाएँगे?

क्रम प्रक्रिया उपयुक्त विधि
(a) सोडियम क्लोराइड को जल के विलयन से पृथक करना वाष्पीकरण (Evaporation)
(b) अमोनियम क्लोराइड को सोडियम क्लोराइड तथा अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण से पृथक करना उद्वाष्पन (Sublimation)
(c) धातु के छोटे टुकड़े को कार के इंजन आयल से पृथक करना छानना (Filtration) या चुम्बकीय पृथक्करण
(d) दही से मक्खन निकालना अपकेन्द्रण (Centrifugation)
(e) जल से तेल निकालना प्रवाहक पात्र (Separating Funnel)
(f) चाय से चाय की पत्तियों को पृथक करना छानना (Filtration)
(g) बालू से लोहे की पिनों को पृथक करना चुम्बकीय पृथक्करण (Magnetic Separation)
(h) भूसे से गेहूँ के दानों को पृथक करना फटकना (Winnowing)
(i) पानी में तैरते हुए महीन मिट्टी के कणों को पानी से अलग करना द्रवण (Decantation) या छानना
(j) पुष्प की पंखुड़ियों के निचोड़ से विभिन्न रंजकों को पृथक करना क्रोमैटोग्राफी (Chromatography)

प्रश्न 5: चाय तैयार करने के लिए आप किन-किन चरणों का प्रयोग करेंगे?

चाय बनाने की प्रक्रिया में निम्न चरण होते हैं:

  1. पानी को उबालते हैं (विलायक – Solvent)।
  2. चाय पत्ती और चीनी मिलाते हैं (विलेय – Solute)।
  3. ये चाय के पानी में घुल जाते हैं (घुलनशील पदार्थ – Soluble Substances)।
  4. दूध मिलाने पर वह मिश्रण बनता है (अघुलनशील घटक – Insoluble Component)।
  5. फिर छानने पर चाय की पत्तियाँ बच जाती हैं (अवशेष – Residue)।
  6. छना हुआ द्रव कप में आता है (घुलेय – Filtrate)।
  7. यह पूरा मिश्रण एक विलयन कहलाता है।

प्रश्न 6: निम्न की उदाहरण सहित व्याख्या करें:

(a) संतृप्त विलयन: ऐसा विलयन जिसमें और अधिक विलेय नहीं घुल सकता।
उदाहरण: चीनी का संतृप्त घोल।

(b) शुद्ध पदार्थ: जिसमें केवल एक ही प्रकार का कण उपस्थित होता है।
उदाहरण: जल, सोडियम क्लोराइड।

क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं?
नहीं, अधिकांश पदार्थ मिश्रण होते हैं, पूर्णतः शुद्ध नहीं होते।

(c) कोलाइड: ऐसा मिश्रण जिसमें कण इतने छोटे होते हैं कि वे तलछट नहीं बनाते और प्रकाश को प्रकीर्णित करते हैं।
उदाहरण: दूध, कोहरा।

(d) निलंबन: ऐसा मिश्रण जिसमें कण बड़े होते हैं और तलछट बना लेते हैं।
उदाहरण: मिट्टी-पानी का मिश्रण।

प्रश्न 7: निम्नलिखित को समांगी और विषमांगी मिश्रणों में वर्गीकृत करें:

पदार्थ मिश्रण का प्रकार
सोडा जल समांगी मिश्रण
लकड़ी विषमांगी मिश्रण
बर्फ समांगी (यदि शुद्ध) / विषमांगी (यदि अशुद्ध)
वायु समांगी मिश्रण
मिट्टी विषमांगी मिश्रण
सिरका समांगी मिश्रण
छनी हुई चाय समांगी मिश्रण

प्रश्न 8: आप किस प्रकार पुष्टि करेंगे कि दिया हुआ रंगहीन द्रव शुद्ध जल है?

शुद्ध जल की पुष्टि निम्न तरीकों से की जा सकती है:

  • उसका क्वथनांक 100°C होना चाहिए।
  • उसका हिमांक 0°C होना चाहिए।
  • उसमें कोई रंग, गंध या अशुद्धता न हो।
  • विद्युत चालकता न के बराबर होनी चाहिए।

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन-सी वस्तुएँ शुद्ध पदार्थ हैं?

पदार्थ शुद्ध / अशुद्ध
(a) बर्फ़ शुद्ध (यदि केवल H₂O हो)
(b) दूध अशुद्ध (कोलाइड)
(c) लोहा शुद्ध पदार्थ
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल शुद्ध (यदि शुद्ध रूप में हो)
(e) कैल्सियम ऑक्साइड शुद्ध पदार्थ
(f) पारा शुद्ध पदार्थ
(g) ईंट अशुद्ध (मिश्रण)
(h) लकड़ी अशुद्ध (विषमांगी मिश्रण)
(i) वायु अशुद्ध (मिश्रण)

प्रश्न 9: निम्नलिखित मिश्रणों में से विलयन की पहचान करें:

उत्तर: विलयन एक समांगी मिश्रण होता है, जिसमें कण बहुत सूक्ष्म होते हैं और स्पष्ट रूप से अलग नहीं किए जा सकते।
मिश्रण वर्गीकरण कारण
(a) मिट्टी निलंबन अवसादन होता है, असमांगी
(b) समुद्री जल विलयन नमक और जल का समांगी मिश्रण
(c) वायु विलयन विभिन्न गैसों का समांगी मिश्रण
(d) कोयला शुद्ध पदार्थ मुख्य रूप से कार्बन का बना
(e) सोडा जल विलयन CO₂ गैस का जल में विलयन

प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन टिनडल प्रभाव को प्रदर्शित करेगा?

उत्तर: टिनडल प्रभाव केवल कोलाइडल विलयनों में देखा जाता है, जिसमें प्रकाश की किरण बिखर जाती है।
पदार्थ टिनडल प्रभाव कारण
दूध हाँ कोलाइड है
सिरका नहीं विलयन है
स्टार्च का घोल हाँ कोलाइड है

प्रश्न 11: निम्नलिखित को तत्व, यौगिक तथा मिश्रण में वर्गीकृत करें:

पदार्थ वर्गीकरण कारण
(a) चीनी का घोल मिश्रण (विलयन) चीनी और जल का समांगी मिश्रण
(b) चाँदी तत्त्व एक धातु तत्त्व
(c) कैल्सियम कार्बोनेट यौगिक Ca, C और O से बना
(d) टिन तत्त्व एक धातु तत्त्व
(e) सिलिकन तत्त्व अधातु तत्त्व

बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)

  1. निम्न में से कौन शुद्ध पदार्थ है?
    उत्तर: (b) जल
  2. समांगी मिश्रण का एक उदाहरण है –
    उत्तर: (a) नमक का जल में घोल
  3. टिंडल प्रभाव किसमें देखा जाता है?
    उत्तर: (c) कोलॉयड
  4. निम्न में से कौन मिश्रण है?
    उत्तर: (d) दूध
  5. कणों का फैलाव केवल कोलॉयड में होता है क्योंकि –
    उत्तर: (a) उनके कण प्रकाश को प्रकीर्णित करते हैं
  6. दूध किस प्रकार का मिश्रण है?
    उत्तर: (b) कोलॉयड
  7. हेटरोजीनियस मिश्रण का उदाहरण है –
    उत्तर: (c) तेल और जल
  8. सोडा जल एक है –
    उत्तर: (b) गैस में द्रव विलयन
  9. विलयन में विलायक वह पदार्थ होता है –
    उत्तर: (a) जिसमें अन्य पदार्थ घुलते हैं
  10. निम्न में से कौन कोलॉयड नहीं है?
    उत्तर: (d) चीनी का घोल
  11. वायु एक है –
    उत्तर: (a) समांगी मिश्रण
  12. निम्न में से कौन तत्व है?
    उत्तर: (b) टिन
  13. चीनी का घोल किस श्रेणी में आता है?
    उत्तर: (a) यौगिक
  14. प्रदूषित जल किस प्रकार का मिश्रण होता है?
    उत्तर: (c) विषमांगी मिश्रण
  15. निम्न में से कौन यौगिक है?
    उत्तर: (c) कैल्सियम कार्बोनेट
  16. निम्न में से किसमें टिंडल प्रभाव नहीं दिखाई देगा?
    उत्तर: (b) नमक का घोल
  17. निम्न में से कौन सा पदार्थ कोलॉयड है?
    उत्तर: (a) धुआँ
  18. दूध में वसा किस रूप में होती है?
    उत्तर: (b) छोटे कणों के रूप में निलंबित
  19. तत्वों को कितने प्रकार में वर्गीकृत किया गया है?
    उत्तर: (c) तीन – धातु, अधातु, मेटलॉइड
  20. फ्रूट सलाद किसका उदाहरण है?
    उत्तर: (d) हेटरोजीनियस मिश्रण

 

कृपया यहां से पहले अध्याय को पढ़ें – हमारे आसपास के पदार्थ

 

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