पाठ 6 – नियंत्रण एवं समन्वय
हमारा शरीर एक जटिल मशीन की तरह है, जो विभिन्न कार्यों को बहुत ही व्यवस्थित ढंग से करता है। जब हम डरते हैं, तो हमारी धड़कन तेज़ हो जाती है; जब हम खुश होते हैं, तो चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। ये सब अचानक नहीं होता, बल्कि एक अद्भुत तंत्र – नियंत्रण एवं समन्वय (Control and Coordination) – की मदद से होता है। इस पाठ में हम जानेंगे कि हमारा शरीर किस प्रकार बाहरी और आंतरिक परिवर्तनों के अनुसार प्रतिक्रिया करता है और शरीर के विभिन्न भाग आपस में कैसे तालमेल बनाए रखते हैं।
एक औसत व्यक्ति की तंत्रिका कोशिकाएँ (Neurons) लगभग 100 मीटर प्रति सेकंड की गति से संदेश भेजती हैं।
मानव तंत्रिका तंत्र (Human Nervous System)
तंत्रिका तंत्र हमारे शरीर की संवेदी और प्रत्युत्तर क्रियाओं का संचालन करता है। इसमें मुख्यतः तीन भाग होते हैं:
भाग | कार्य |
---|---|
मस्तिष्क | शरीर की उच्च स्तरीय क्रियाओं का नियंत्रण – सोच, याददाश्त, निर्णय |
रीढ़ की हड्डी | प्रतिवर्ती क्रियाओं (reflex actions) का संचालन |
तंत्रिकाएँ | संदेशों को शरीर के विभिन्न भागों तक ले जाना |
हार्मोन और अंतःस्रावी ग्रंथियाँ
हार्मोन रसायन होते हैं जो शरीर की वृद्धि, विकास, चयापचय और व्यवहार को प्रभावित करते हैं। ये अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित होते हैं। कुछ प्रमुख ग्रंथियाँ और उनके हार्मोन:
ग्रंथि | हार्मोन | कार्य |
---|---|---|
पीयूष ग्रंथि (Pituitary) | विकास हार्मोन | शरीर की वृद्धि को नियंत्रित करता है |
थाइरॉयड | थाइरॉक्सिन | ऊर्जा उत्पादन और चयापचय |
अग्न्याशय | इंसुलिन | शरीर में ग्लूकोज स्तर को नियंत्रित करता है |
हार्मोन की अधिकता या कमी से कई बीमारियाँ हो सकती हैं, जैसे – थायरॉयड की कमी से गोइटर।
पौधों में नियंत्रण एवं समन्वय
पौधों में कोई तंत्रिका तंत्र नहीं होता, फिर भी वे प्रकाश, गुरुत्वाकर्षण, जल आदि की दिशा में प्रतिक्रिया करते हैं। यह प्रक्रिया **प्लांट हार्मोन** द्वारा नियंत्रित होती है। प्रमुख हार्मोन हैं:
- ऑक्सिन: प्रकाश की ओर वृद्धि को प्रेरित करता है (फोटोट्रॉपिज़्म)।
- जिबरेलिन: बीज अंकुरण में सहायक।
- एथीलीन: फल पकने में सहायक।
जंतु तंत्रिका तंत्र (Animal Nervous System)
जंतुओं में शरीर के विभिन्न अंगों को आपस में जोड़कर उनकी क्रियाओं को नियंत्रित करने वाला एक विशेष तंत्र होता है, जिसे तंत्रिका तंत्र (Nervous System) कहा जाता है। यह तंत्र बाहरी एवं आंतरिक परिवर्तनों की जानकारी प्राप्त करता है और उनके अनुसार त्वरित प्रतिक्रिया देता है।
मानव शरीर में लगभग 86 अरब तंत्रिका कोशिकाएँ (Neurons) होती हैं, जो विद्युत संकेतों के माध्यम से संदेशों का आदान-प्रदान करती हैं।
तंत्रिका तंत्र की मुख्य इकाई: न्यूरॉन (Neuron)
न्यूरॉन तंत्रिका तंत्र की मूल संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई होती है। यह विद्युत संकेतों के रूप में संदेशों का संचरण करता है।
न्यूरॉन का भाग | कार्य |
---|---|
सेल बॉडी (Cell Body) | न्यूरॉन का केंद्र; माइटोकॉन्ड्रिया, न्यूक्लियस आदि उपस्थित |
डेंड्राइट (Dendrite) | संदेशों को ग्रहण करता है और सेल बॉडी की ओर भेजता है |
एक्सॉन (Axon) | संदेशों को अन्य न्यूरॉनों या मांसपेशियों तक ले जाता है |
👉 आप चाहें तो यहां न्यूरॉन की संरचना का चित्र जोड़ सकते हैं (Neuron diagram)।
जंतु तंत्रिका तंत्र के प्रमुख भाग
उच्च श्रेणी के जंतुओं (जैसे मानव) में तंत्रिका तंत्र मुख्यतः तीन भागों में विभाजित होता है:
- मस्तिष्क (Brain): सोचने, याद रखने, निर्णय लेने आदि के लिए जिम्मेदार।
- रीढ़ की हड्डी (Spinal Cord): प्रतिवर्ती क्रियाओं (Reflex Actions) का नियंत्रण करती है।
- तंत्रिकाएँ (Nerves): संदेशों का आदान-प्रदान करती हैं।
तंत्रिका तंत्र का कार्य (Functions of Nervous System)
- बाह्य और आंतरिक परिवर्तनों का अनुभव करना (Stimuli receive करना)
- संदेशों को संसाधित करना और निर्णय लेना
- अन्य अंगों को प्रतिक्रिया के लिए निर्देश देना
- शरीर के अंगों के बीच समन्वय बनाए रखना
अगर अचानक कोई गर्म वस्तु छू लें, तो आपका हाथ बिना सोचे हट जाता है – इसे प्रतिवर्ती क्रिया (Reflex Action) कहते हैं और यह रीढ़ की हड्डी द्वारा नियंत्रित होती है।
प्रतिवर्ती क्रिया की प्रक्रिया (Reflex Action Pathway)
- उत्तेजना का अनुभव संवेदी अंग (Sensory organ) करता है
- संदेश संवेदी तंत्रिका (Sensory Nerve) द्वारा रीढ़ तक जाता है
- रीढ़ की हड्डी निर्णय लेती है
- प्रेरक तंत्रिका (Motor Nerve) द्वारा मांसपेशियों को कार्य का निर्देश मिलता है
- त्वरित प्रतिक्रिया होती है
प्रतिवर्ती क्रिया (Reflex Action)
प्रतिवर्ती क्रिया एक तेज़, स्वचालित और अनैच्छिक प्रतिक्रिया है, जो शरीर किसी अचानक उत्तेजना (Stimulus) पर देता है। इस प्रक्रिया में मस्तिष्क शामिल नहीं होता; कार्य रीढ़ की हड्डी (Spinal Cord) द्वारा किया जाता है, जिससे प्रतिक्रिया बहुत तेज़ होती है।
प्रतिवर्ती क्रिया की प्रक्रिया:
चरण | विवरण |
---|---|
1. उत्तेजना (Stimulus) | जैसे गरम वस्तु को छूना |
2. संवेदी तंत्रिका (Sensory Nerve) | संदेश को त्वचा से रीढ़ की हड्डी तक ले जाती है |
3. रीढ़ की हड्डी (Spinal Cord) | संदेश का विश्लेषण कर निर्णय लेती है |
4. प्रेरक तंत्रिका (Motor Nerve) | निर्णय को मांसपेशियों तक पहुंचाती है |
5. प्रतिक्रिया (Response) | मांसपेशियाँ कार्य करती हैं – जैसे हाथ हटाना |
मानव मस्तिष्क (Human Brain)
मानव मस्तिष्क हमारे शरीर का सबसे जटिल और महत्त्वपूर्ण अंग है। यह तंत्रिका तंत्र का प्रमुख नियंत्रण केंद्र है, जो न केवल सोचने, याद रखने और निर्णय लेने जैसे कार्य करता है, बल्कि शरीर की सभी क्रियाओं जैसे चलना, बोलना, सुनना, भावनाएँ व्यक्त करना आदि को भी नियंत्रित करता है।
मानव मस्तिष्क का वजन लगभग 1.3 से 1.5 किलोग्राम होता है और इसमें लगभग 86 अरब न्यूरॉन होते हैं।
मस्तिष्क की संरचना (Structure of Brain)
मानव मस्तिष्क मुख्यतः तीन भागों में विभाजित होता है:
भाग | कार्य |
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सिरा मस्तिष्क (Forebrain) | बुद्धि, स्मृति, भावनाएँ, संवेदी जानकारी का विश्लेषण, सोचने-समझने की क्षमता |
मध्य मस्तिष्क (Midbrain) | नेत्र और श्रवण प्रतिक्रियाओं का नियंत्रण |
पश्च मस्तिष्क (Hindbrain) | चलने-फिरने की गति, संतुलन, श्वसन, हृदय गति जैसे कार्यों का नियंत्रण |
मस्तिष्क के आवरण (Coverings of Brain)
मस्तिष्क को त्रिस्तरीय झिल्लियों द्वारा सुरक्षित किया गया है जिन्हें मेनिंजेस (Meninges) कहते हैं। इनके बीच सेरेब्रोस्पाइनल द्रव (CSF) भरा होता है जो मस्तिष्क को झटकों और संक्रमण से बचाता है।
मस्तिष्क के अंग और उनका कार्य:
- सेरीब्रल हेमिस्फियर (Cerebrum): सोचने, बोलने, याददाश्त, निर्णय आदि का केंद्र।
- सेरिबेलम (Cerebellum): शरीर का संतुलन और गतिविधियों का समन्वय करता है।
- मेडुला ऑब्लोंगेटा: हृदय गति, श्वसन, छींकना, खांसी जैसी अनैच्छिक क्रियाओं को नियंत्रित करता है।
सिरा मस्तिष्क (Forebrain) = सोचने वाला भाग
पश्च मस्तिष्क (Hindbrain) = स्वतः क्रियाओं को नियंत्रित करने वाला भाग
मध्य मस्तिष्क (Midbrain) = इंद्रियों से संबंधित प्रतिक्रिया का नियंत्रण
मानव मस्तिष्क की विशेषताएँ (Key Features of Human Brain)
- शरीर की सभी स्वेच्छिक और अनैच्छिक क्रियाओं को नियंत्रित करता है
- याददाश्त, तर्क और समस्या समाधान की क्षमता
- संवेदनाओं और भावनाओं का अनुभव कराता है
- शरीर के अंगों के बीच समन्वय स्थापित करता है
मानव मस्तिष्क शरीर का प्रमुख नियंत्रण केंद्र है जो सोचने से लेकर सांस लेने तक हर क्रिया को नियंत्रित करता है। इसकी जटिल संरचना और कार्यप्रणाली ही हमें अन्य जीवों से अलग बनाती है।
तंत्रिका तंत्र कैसे क्रिया करता है?
तंत्रिका तंत्र (Nervous System) शरीर के भीतरी और बाहरी परिवर्तनों को पहचानकर, उसका विश्लेषण करता है और उचित अंगों को प्रतिक्रिया देने का संकेत देता है। यह संपूर्ण प्रक्रिया बहुत तेजी से होती है और विद्युत तथा रासायनिक संकेतों के माध्यम से होती है।
तंत्रिका तंत्र का मुख्य कार्य है — संदेशों को संवेदी अंगों से लेकर मस्तिष्क/रीढ़ तक पहुंचाना और फिर वहां से प्रतिक्रिया को प्रेरक अंगों तक भेजना।
💠 क्रिया की प्रक्रिया:
तंत्रिका तंत्र निम्नलिखित चरणों में कार्य करता है:
चरण | विवरण |
---|---|
1. उत्तेजना का अनुभव | संवेदी अंग (जैसे त्वचा, आँखें) किसी परिवर्तन (Stimulus) को पहचानते हैं। |
2. संदेश संचरण | संवेदी तंत्रिकाएँ संदेश को मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी तक पहुंचाती हैं। |
3. संदेश विश्लेषण | मस्तिष्क या रीढ़ संदेश का विश्लेषण कर निर्णय लेते हैं। |
4. आदेश भेजना | प्रेरक तंत्रिकाएँ संदेश को संबंधित अंग (जैसे मांसपेशी या ग्रंथि) तक पहुंचाती हैं। |
5. प्रतिक्रिया | अंग आदेश के अनुसार कार्य करता है – जैसे हाथ हटा लेना या दौड़ना। |
तंत्रिका तंत्र संदेशों का आदान-प्रदान करके संपूर्ण शरीर को एक साथ संचालित करता है। यह हमें पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाता है और त्वरित प्रतिक्रिया की क्षमता प्रदान करता है।
पाठ्यनिहित प्रश्नों के उत्तर:-
- प्रतिवर्ती क्रिया तथा टहलने के बीच क्या अंतर है?
उत्तर: प्रतिवर्ती क्रिया एक अनैच्छिक और त्वरित प्रतिक्रिया है जो रीढ़ की हड्डी द्वारा नियंत्रित होती है, जैसे – गर्म वस्तु छूते ही हाथ हटा लेना।
जबकि टहलना एक स्वैच्छिक क्रिया है जिसे हम अपने मस्तिष्क द्वारा सोच-समझकर करते हैं। - दो तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन) के मध्य अंतर्ग्रथन (Synapse) में क्या होता है?
उत्तर: एक न्यूरॉन के अक्षांश (axon terminal) से रासायनिक संदेश (neurotransmitter) स्रावित होते हैं जो अगली कोशिका के डेंड्राइट (dendrite) तक पहुंचते हैं। इसी प्रक्रिया को अंतर्ग्रथन या सिनेप्स कहते हैं। इससे तंत्रिका संदेश आगे बढ़ता है। - मस्तिष्क का कौन-सा भाग शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है?
उत्तर: मस्तिष्क का सेरिबेलम (Cerebellum) भाग शरीर की गतिविधियों में संतुलन, तालमेल और स्थिति बनाए रखने का कार्य करता है। - हम एक अगरबत्ती की गंध का पता कैसे लगाते हैं?
उत्तर: अगरबत्ती से निकलने वाली गंध की गैसें नासिका (नाक) के अंदर स्थित संवेदी कोशिकाओं को उत्तेजित करती हैं। ये कोशिकाएं संदेश को तंत्रिकाओं के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुंचाती हैं, जिससे हमें गंध का अनुभव होता है। - प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की क्या भूमिका है?
उत्तर: प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की कोई भूमिका नहीं होती, यह पूरी तरह से रीढ़ की हड्डी द्वारा नियंत्रित की जाती है। इसका उद्देश्य शरीर को तुरंत संभावित खतरे से बचाना होता है।
पादपों में समन्वय (Coordination in Plants)
पादपों में भी जीवों की तरह बाह्य उत्तेजनाओं के प्रति प्रतिक्रिया होती है, लेकिन उनके पास तंत्रिका तंत्र या मस्तिष्क नहीं होता। पादपों में समन्वय रासायनिक माध्यमों (जैसे हार्मोन) द्वारा होता है। यह समन्वय उनके विकास, दिशा, और प्रतिक्रिया में मदद करता है।
पादपों में कोई मस्तिष्क नहीं होता, फिर भी वे प्रकाश, गुरुत्व, स्पर्श आदि के प्रति प्रतिक्रिया कर सकते हैं।
1. पादप प्रतिक्रियाएँ (Plant Movements)
पादपों की दो मुख्य प्रतिक्रियाएँ होती हैं:
प्रतिक्रिया | विवरण | उदाहरण |
---|---|---|
नैस्टिक गति (Nastic Movements) | उत्तेजना की दिशा पर निर्भर नहीं | छुईमुई के पत्तों का सिकुड़ना |
ट्रॉपिक गति (Tropic Movements) | उत्तेजना की दिशा पर निर्भर | जड़ का गुरुत्व की ओर बढ़ना |
2. ट्रॉपिक गति के प्रकार
- जैविक गति (Phototropism): प्रकाश की दिशा में बढ़ना (तना)
- गुरुत्व गति (Geotropism): गुरुत्व की दिशा में बढ़ना (जड़)
- रासायनिक गति (Chemotropism): रसायनों की दिशा में बढ़ना (परागनलिका)
- स्पर्श गति (Thigmotropism): स्पर्श की दिशा में बढ़ना (मटर की लता)
नैस्टिक गति में प्रतिक्रिया की दिशा उत्तेजना की दिशा से निर्भर नहीं होती है, जबकि ट्रॉपिक गति में होती है।
3. पादप हार्मोन (Plant Hormones)
पादपों में विभिन्न प्रकार के हार्मोन होते हैं जो उनके विकास और समन्वय को नियंत्रित करते हैं।
हार्मोन | कार्य |
---|---|
ऑक्सिन (Auxin) | कोशिका वृद्धि को बढ़ावा देना, फोटोट्रॉपिज्म में सहायक |
जिबरेलिन (Gibberellin) | बीजांकुरण और तने की वृद्धि में सहायक |
साइटोकाइनिन (Cytokinin) | कोशिका विभाजन को प्रेरित करता है |
एब्सिसिक एसिड (Abscisic Acid) | पत्तियों का गिरना, बीजों की निष्क्रियता |
पादपों में समन्वय तंत्रिका तंत्र के बिना भी संभव होता है, और यह मुख्य रूप से हार्मोन व संवेदनशीलता के आधार पर होता है। उनकी प्रतिक्रियाएं बाह्य वातावरण के अनुसार नियंत्रित होती हैं, जो उन्हें जीवित रहने में मदद करती हैं।
जंतुओं में हार्मोन (Hormones in Animals)
जंतुओं में शरीर की क्रियाओं का समन्वय केवल तंत्रिका तंत्र से ही नहीं होता, बल्कि हार्मोन (Hormones) नामक रासायनिक दूतों द्वारा भी किया जाता है। ये हार्मोन अंतःस्रावी ग्रंथियों (Endocrine glands) द्वारा स्रावित होते हैं और सीधे रक्त में मिलकर लक्ष्य अंगों तक पहुंचते हैं।
हार्मोन शरीर की वृद्धि, विकास, चयापचय, प्रजनन, मूड और अन्य शारीरिक क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।
हार्मोन की विशेषताएँ
- ये रासायनिक दूत होते हैं।
- इनका प्रभाव दूरस्थ अंगों पर होता है।
- ये बहुत ही कम मात्रा में प्रभावशाली होते हैं।
- ये केवल विशिष्ट लक्ष्य अंगों पर कार्य करते हैं।
मुख्य अंतःस्रावी ग्रंथियाँ और उनके हार्मोन
ग्रंथि (Gland) | हार्मोन | मुख्य कार्य |
---|---|---|
पीयूष ग्रंथि (Pituitary) | विभिन्न नियंत्रक हार्मोन (GH, TSH आदि) | अन्य ग्रंथियों को नियंत्रित करना, वृद्धि को बढ़ाना |
अधिवृक्क ग्रंथि (Adrenal) | एड्रेनालिन | तनाव या डर में शरीर को तैयार करना (फाइट-ऑर-फ्लाइट) |
अग्न्याशय (Pancreas) | इंसुलिन | रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करना |
थाइरॉइड ग्रंथि | थाइरॉक्सिन | शरीर के चयापचय (Metabolism) को नियंत्रित करना |
जनन ग्रंथियाँ (Testes/Ovaries) | टेस्टोस्टेरोन, एस्ट्रोजन | लैंगिक विशेषताओं का विकास |
जंतुओं में हार्मोन रक्त के माध्यम से शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुंचकर उन्हें नियंत्रित और समन्वित करते हैं। ये शरीर की समग्र कार्यप्रणाली में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
पाठ्य निहित प्रश्नों के उत्तर:-
- पादप हॉर्मोन क्या हैं?
उत्तर: पादप हॉर्मोन (Plant Hormones) रासायनिक पदार्थ होते हैं जो पादपों की वृद्धि, विकास, एवं विभिन्न प्रकार की क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। ये पादपों में बहुत कम मात्रा में बनते हैं लेकिन अत्यधिक प्रभावी होते हैं। - छुई-मुई पादप की पत्तियों की गति, प्रकाश की ओर प्ररोह की गति से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:
– छुई-मुई की पत्तियाँ **नैस्टिक गति** (Nastic Movement) दिखाती हैं जो उत्तेजना की दिशा पर निर्भर नहीं होती।
– जबकि प्रकाश की ओर प्ररोह की गति **ट्रॉपिक गति** (Phototropism) है, जो उत्तेजना (प्रकाश) की दिशा पर निर्भर होती है। - एक पादप हॉर्मोन का उदाहरण दीजिए जो वृद्धि को बढ़ाता है।
उत्तर: **ऑक्सिन (Auxin)** एक पादप हार्मोन है जो कोशिकाओं की वृद्धि को बढ़ावा देता है। यह प्रकाश की दिशा में प्ररोह की वृद्धि में सहायक होता है। - किसी सहारे के चारों ओर एक प्रतान की वृद्धि में ऑक्सिन किस प्रकार सहायक है?
उत्तर: जब प्रतान एक सहारे से स्पर्श करता है, तो उस भाग में ऑक्सिन की मात्रा कम हो जाती है, जिससे उस ओर वृद्धि रुक जाती है। असामान्य वृद्धि के कारण प्रतान मुड़ता है और सहारे को लपेट लेता है। इस प्रकार ऑक्सिन प्रतान को सहारे के चारों ओर लपेटने में सहायता करता है। - जलानुवर्तन दर्शाने के लिए एक प्रयोग की अभिकल्पना कीजिए।
उत्तर:- एक बीज को अंकुरित करें और उसकी जड़ों को दो विपरीत दिशाओं में फैला दें।
- एक दिशा में गीली रूई रखें और दूसरी दिशा में सूखी रूई।
- कुछ समय बाद आप देखेंगे कि जड़ गीली रूई की दिशा में बढ़ रही है।
- यह दर्शाता है कि जड़ें जल की दिशा में बढ़ती हैं – इसे **जलानुवर्तन (Hydrotropism)** कहते हैं।
महिला एवं पुरुष हार्मोन – नाम और कार्य
महिला और पुरुष शरीर में हार्मोन का निर्माण अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा होता है। ये हार्मोन शारीरिक विकास, प्रजनन, मानसिक स्थिति और यौन विशेषताओं के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। नीचे दी गई तालिका में प्रमुख हार्मोन और उनके कार्य दिए गए हैं:
ग्रंथि | हार्मोन का नाम | लिंग (पुरुष/महिला) | मुख्य कार्य |
---|---|---|---|
अंडाशय (Ovaries) | एस्ट्रोजन (Estrogen) | महिला | स्त्रीत्व विशेषताओं का विकास, मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करना |
अंडाशय (Ovaries) | प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) | महिला | गर्भावस्था बनाए रखना, गर्भाशय की परत का विकास |
वृषण (Testes) | टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) | पुरुष | पुष्कल यौन विशेषताओं का विकास, शुक्राणु निर्माण, आवाज में बदलाव |
पीयूष ग्रंथि (Pituitary) | FSH (Follicle Stimulating Hormone) | दोनों | महिलाओं में अंडाणु और पुरुषों में शुक्राणु निर्माण में सहायक |
पीयूष ग्रंथि | LH (Luteinizing Hormone) | दोनों | महिलाओं में अंडोत्सर्ग और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन स्राव को उत्तेजित करता है |
अधिवृक्क ग्रंथि (Adrenal) | एड्रेनालिन (Adrenaline) | दोनों | तनाव के समय “लड़ो या भागो” प्रतिक्रिया देता है |
हाइपोथैलेमस | GnRH (Gonadotropin Releasing Hormone) | दोनों | FSH और LH स्राव को नियंत्रित करता है |
पियूष ग्रंथि | प्रोलैक्टिन (Prolactin) | महिला | दूध उत्पादन को उत्तेजित करता है (स्तन ग्रंथियों में) |
पियूष ग्रंथि | ऑक्सीटोसिन (Oxytocin) | महिला | गर्भाशय की पेशियों को संकुचित करता है, प्रसव में सहायक |
महिला एवं पुरुष दोनों के शरीर में कुछ हार्मोन सामान्य होते हैं और कुछ विशेष। ये हार्मोन न केवल यौन विकास और प्रजनन को नियंत्रित करते हैं बल्कि मनोभाव, चयापचय, स्तनपान और तनाव प्रतिक्रिया जैसी क्रियाओं को भी प्रभावित करते हैं।
जंतुओं में रासायनिक समन्वय – महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
- जंतुओं में रासायनिक समन्वय कैसे होता है?
उत्तर: जंतुओं में रासायनिक समन्वय अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित हार्मोनों की सहायता से होता है। ये हार्मोन रक्त द्वारा शरीर के विभिन्न भागों में पहुँचकर अंगों की कार्यप्रणाली को नियंत्रित और समन्वित करते हैं। इससे विकास, चयापचय, प्रजनन आदि क्रियाएँ नियंत्रित होती हैं। - आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह क्यों दी जाती है?
उत्तर: थायरॉइड ग्रंथि द्वारा थायरॉक्सिन हार्मोन के निर्माण के लिए आयोडीन आवश्यक होता है। यदि शरीर में आयोडीन की कमी हो जाए, तो थायरॉक्सिन का निर्माण नहीं हो पाता और घेंघा (Goitre) रोग हो सकता है। इसलिए आयोडीन युक्त नमक का सेवन आवश्यक होता है। - जब एड्रेनालिन रुधिर में स्रावित होती है तो हमारे शरीर में क्या अनुक्रिया होती है?
उत्तर: एड्रेनालिन हार्मोन तनाव, डर या उत्तेजना की स्थिति में अधिवृक्क ग्रंथि से स्रावित होता है। यह हार्मोन “फाइट ऑर फ्लाइट” प्रतिक्रिया उत्पन्न करता है। इसके प्रभाव से:- हृदय की धड़कन तेज हो जाती है
- श्वसन दर बढ़ जाती है
- मांसपेशियों में रक्त प्रवाह बढ़ता है
- अधिक ऊर्जा उपलब्ध कराई जाती है
- मधुमेह के कुछ रोगियों की चिकित्सा इंसुलिन का इंजेक्शन देकर क्यों की जाती है?
उत्तर: मधुमेह रोग तब होता है जब अग्न्याशय इंसुलिन हार्मोन का पर्याप्त निर्माण नहीं कर पाता। इंसुलिन रक्त में ग्लूकोज़ के स्तर को नियंत्रित करता है। जब यह हार्मोन शरीर में नहीं बनता, तो ग्लूकोज़ का स्तर बढ़ जाता है। इसलिए, मधुमेह रोगियों को बाहर से इंसुलिन का इंजेक्शन देकर इलाज किया जाता है।
आपने क्या सीखा
- हमारे शरीर में नियंत्रण एवं समन्वय का कार्य तंत्रिका तंत्र तथा हॉर्मोन द्वारा होता है।
- तंत्रिका तंत्र की अनुक्रिया को प्रतिवर्ती क्रिया, ऐच्छिक क्रिया या अनैच्छिक क्रिया में वर्गीकृत किया जा सकता है।
- संदेश संचारित करने के लिए तंत्रिका तंत्र विद्युत आवेग (electrical impulse) का प्रयोग करता है।
- तंत्रिका तंत्र हमारी ज्ञानेंद्रियों द्वारा सूचना प्राप्त करता है तथा हमारी पेशियों द्वारा क्रिया करता है।
- रासायनिक समन्वय पादप और जंतु दोनों में देखा जाता है।
- हॉर्मोन जीव के एक भाग में उत्पन्न होते हैं तथा दूसरे भाग में इच्छित प्रभाव उत्पन्न करने के लिए गति करते हैं।
- हॉर्मोन की क्रिया को पुनर्भरण क्रियाविधि (feedback mechanism) नियंत्रित करती है।
नियंत्रण एवं समन्वय – अभ्यास प्रश्नोत्तर
- निम्नलिखित में से कौन-सा पादप हॉर्मोन है?
उत्तर: (d) साइटोकाइनिन – यह एक पादप हार्मोन है जो कोशिका विभाजन को बढ़ावा देता है। - दो तंत्रिका कोशिका के मध्य खाली स्थान को कहते हैं
उत्तर: (b) सिनेप्स (Synapse) – यह दो न्यूरॉनों के बीच का स्थान होता है जहाँ संकेत रासायनिक माध्यम से पारित होते हैं। - मस्तिष्क उत्तरदायी है-
उत्तर: (d) उपरोक्त सभी – मस्तिष्क सोचने, हृदय की धड़कन और शरीर का संतुलन बनाने के लिए उत्तरदायी है। - हमारे शरीर में ग्राही का क्या कार्य है? ऐसी स्थिति पर विचार कीजिए जहाँ ग्राही उचित प्रकार से कार्य नहीं कर रहे हों।
उत्तर: ग्राही (Receptors) बाहरी वातावरण से सूचनाएँ प्राप्त करते हैं जैसे ताप, स्पर्श, गंध आदि। यदि ये ठीक से काम न करें तो शरीर को सही जानकारी नहीं मिल पाएगी, जिससे प्रतिक्रिया गलत या असामयिक हो सकती है। जैसे – किसी गर्म वस्तु को पकड़ने पर हाथ हटाने की क्रिया ना होना। - एक तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) की संरचना बनाइए तथा इसके कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: न्यूरॉन में तीन मुख्य भाग होते हैं – कोशिका निकाय (Cell body), द्रुमिका (Dendrites), एवं अक्षतंतु (Axon)। यह विद्युत संकेतों को शरीर के विभिन्न भागों में पहुंचाने का कार्य करता है। - पादप में प्रकाशानुवर्तन किस प्रकार होता है?
उत्तर: जब पौधा प्रकाश की दिशा में वृद्धि करता है तो उसे प्रकाशानुवर्तन (Phototropism) कहते हैं। तनों में यह सकारात्मक होता है (प्रकाश की ओर बढ़ते हैं), जबकि जड़ें इससे अप्रभावित रहती हैं। इसमें ऑक्सिन हार्मोन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। - मेरुरज्जु आघात में किन संकेतों के आने में व्यवधान होगा?
उत्तर: मेरुरज्जु (Spinal cord) आघात के कारण अनैच्छिक एवं प्रतिवर्ती क्रियाओं के संकेत अवरुद्ध हो सकते हैं। इससे अंगों में गति, संवेदना एवं नियंत्रण बाधित हो जाता है। - पादप में रासायनिक समन्वय किस प्रकार होता है?
उत्तर: पादपों में रासायनिक समन्वय पादप हार्मोनों के द्वारा होता है जैसे – ऑक्सिन, साइटोकाइनिन, जिबरेलिन आदि। ये हार्मोन विकास, प्रतिक्रिया, और कोशिका विभाजन को नियंत्रित करते हैं। - एक जीव में नियंत्रण एवं समन्वय के तंत्र की क्या आवश्यकता है?
उत्तर: नियंत्रण एवं समन्वय जीव को बाहरी एवं आंतरिक परिवर्तनों के अनुसार प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाता है। इससे शरीर संतुलित रूप से कार्य करता है और जीवन प्रक्रियाएँ सुचारू रहती हैं। - अनैच्छिक क्रियाएँ तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:- अनैच्छिक क्रिया: यह बिना सोच-विचार के लगातार होती रहती हैं जैसे – हृदय स्पंदन।
- प्रतिवर्ती क्रिया: अचानक उत्तेजना पर तेज प्रतिक्रिया जैसे – गर्म वस्तु छूने पर हाथ खींच लेना।
- दोनों में अंतर यह है कि प्रतिवर्ती क्रिया में मेरुरज्जु कार्य करती है, जबकि अनैच्छिक क्रियाएँ मस्तिष्क के बिना नियंत्रण होती हैं।
- जंतुओं में नियंत्रण एवं समन्वय के लिए तंत्रिका तथा हॉर्मोन क्रियाविधि की तुलना तथा व्यतिरेक कीजिए।
उत्तर:तंत्रिका तंत्र हार्मोन तंत्र तीव्र एवं तत्काल प्रतिक्रिया धीमी परंतु दीर्घकालिक प्रतिक्रिया विद्युत संकेतों द्वारा कार्य करता है रासायनिक संकेतों द्वारा कार्य करता है तंत्रिका कोशिकाओं का प्रयोग अंतःस्रावी ग्रंथियाँ कार्य करती हैं - छुई-मुई पादप में गति तथा हमारी टाँग में होने वाली गति के तरीके में क्या अंतर है?
उत्तर:- छुई-मुई की गति नैस्टिक गति है जो रासायनिक संकेतों द्वारा होती है और उत्तेजना की दिशा पर निर्भर नहीं होती।
- टाँग की गति तंत्रिका तंत्र द्वारा नियंत्रित होती है, जो विद्युत संकेतों पर आधारित होती है और मस्तिष्क या मेरुरज्जु के माध्यम से नियंत्रित होती है।
- पादपों में तंत्रिका तंत्र नहीं होता, जबकि मनुष्य में होता है।
नियंत्रण एवं समन्वय: टॉप 20 MCQs (उत्तर सहित)
- न्यूरॉन किस प्रकार के संकेतों को संचरित करता है?
(a) रासायनिक
(b) विद्युत
(c) यांत्रिक
(d) प्रकाशीय
उत्तर: (b) विद्युत - पादपों में प्रकाश की ओर बढ़ने वाली गति को क्या कहते हैं?
(a) जलानुवर्तन
(b) गुरुत्वानुवर्तन
(c) प्रकाशानुवर्तन
(d) रासायनिक समन्वय
उत्तर: (c) प्रकाशानुवर्तन - मनुष्य के शरीर में संतुलन बनाए रखने का कार्य कौन करता है?
(a) प्रमस्तिष्क
(b) अनुशिरा
(c) अनुमस्तिष्क
(d) मेरुरज्जु
उत्तर: (c) अनुमस्तिष्क - प्रतिवर्ती क्रिया का संचालन कौन करता है?
(a) प्रमस्तिष्क
(b) मेरुरज्जु
(c) अंतःस्रावी ग्रंथि
(d) तंत्रिका ग्रंथियाँ
उत्तर: (b) मेरुरज्जु - पादपों में कोशिका विभाजन को प्रोत्साहित करने वाला हार्मोन है–
(a) ऑक्सिन
(b) साइटोकाइनिन
(c) जिबरेलिन
(d) एब्सिसिक एसिड
उत्तर: (b) साइटोकाइनिन - इंसुलिन हार्मोन का कार्य है–
(a) रक्त में कैल्शियम को नियंत्रित करना
(b) रक्त में ग्लूकोज़ को नियंत्रित करना
(c) चयापचय को बढ़ाना
(d) वृद्धि करना
उत्तर: (b) रक्त में ग्लूकोज़ को नियंत्रित करना - दो तंत्रिका कोशिकाओं के बीच की खाली जगह को क्या कहते हैं?
(a) द्रुमिका
(b) सिनेप्स
(c) एक्सॉन
(d) न्यूरॉन
उत्तर: (b) सिनेप्स - पादप की जड़ों की गुरुत्व की दिशा में वृद्धि को क्या कहा जाता है?
(a) सकारात्मक प्रकाशानुवर्तन
(b) नकारात्मक गुरुत्वानुवर्तन
(c) सकारात्मक गुरुत्वानुवर्तन
(d) नकारात्मक प्रकाशानुवर्तन
उत्तर: (c) सकारात्मक गुरुत्वानुवर्तन - मनुष्य के शरीर में तंत्रिका तंत्र का कार्य है–
(a) ऊर्जा बनाना
(b) संदेशों को संचारित करना
(c) पाचन करना
(d) रक्त का शुद्धिकरण
उत्तर: (b) संदेशों को संचारित करना - थायरॉक्सिन हार्मोन की कमी से कौन-सा रोग होता है?
(a) मधुमेह
(b) घेंघा
(c) रिकेट्स
(d) स्कर्वी
उत्तर: (b) घेंघा - पियूष ग्रंथि से स्रावित हार्मोन है–
(a) एड्रेनालिन
(b) थायरॉक्सिन
(c) FSH
(d) इंसुलिन
उत्तर: (c) FSH - एड्रेनालिन हार्मोन किस ग्रंथि से स्रावित होता है?
(a) थायरॉयड
(b) अधिवृक्क ग्रंथि
(c) पियूष ग्रंथि
(d) अंडाशय
उत्तर: (b) अधिवृक्क ग्रंथि - प्रतिवर्ती क्रिया का उदाहरण है–
(a) भोजन करना
(b) चलना
(c) उबलते पानी से हाथ हटाना
(d) बोलना
उत्तर: (c) उबलते पानी से हाथ हटाना - पादपों में रासायनिक समन्वय होता है–
(a) तंत्रिकाओं द्वारा
(b) हार्मोनों द्वारा
(c) श्वसन द्वारा
(d) जड़ों द्वारा
उत्तर: (b) हार्मोनों द्वारा - मस्तिष्क के कौन से भाग से स्मृति और सोच जुड़ी होती है?
(a) प्रमस्तिष्क
(b) अनुमस्तिष्क
(c) अनुशिरा
(d) मस्तिष्कावरण
उत्तर: (a) प्रमस्तिष्क - छुई-मुई पादप की प्रतिक्रिया होती है–
(a) ट्रॉपिक गति
(b) नैस्टिक गति
(c) जड़ गति
(d) जलानुवर्तन
उत्तर: (b) नैस्टिक गति - तंत्रिका कोशिका का कार्य है–
(a) हार्मोन बनाना
(b) ग्लूकोज़ बनाना
(c) संदेशों का संचार
(d) ऊर्जा संग्रह
उत्तर: (c) संदेशों का संचार - मधुमेह के रोगियों को कौन-सा इंजेक्शन दिया जाता है?
(a) थायरॉक्सिन
(b) एड्रेनालिन
(c) इंसुलिन
(d) टेस्टोस्टेरोन
उत्तर: (c) इंसुलिन - ऑक्सिन का मुख्य कार्य है–
(a) कोशिका विभाजन
(b) वृद्धि
(c) परिपक्वता
(d) जल संतुलन
उत्तर: (b) वृद्धि - तंत्रिका तंत्र और हार्मोन दोनों मिलकर क्या करते हैं?
(a) पाचन
(b) नियंत्रण और समन्वय
(c) जल परिवहन
(d) ऑक्सीजन वितरण
उत्तर: (b) नियंत्रण और समन्वय
अगर आपने रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण तथा
अम्ल, क्षार एवं लवण अध्याय नहीं पढ़ा है, तो इन्हें ज़रूर पढ़ें। ये विज्ञान की समझ को और मज़बूत बनाते हैं।
यदि आप नियंत्रण एवं समन्वय से संबंधित अवधारणाओं को और गहराई से समझना चाहते हैं, तो आप निम्नलिखित भरोसेमंद शैक्षणिक वेबसाइटों का अध्ययन कर सकते हैं:
- 👉 NCERT Official Website – Class 10 Science (PDF और पाठ्यपुस्तकें)
- 👉 Khan Academy – Neuron and Nervous System (English, चित्रों के साथ)
- 👉 BYJU’S – Control and Coordination Notes (Competitive prep friendly)