सजीव जगत में विविधता ही सभी जीवों के लिए उनकी जरूरतों जैसे भोजन, रहन सहन, आवास के लिए योग्य बनाती है।
अध्याय 2: सजीव जगत में विविधता (Diversity in the Living World)
हमारे चारों ओर अनेक प्रकार के जीव पाए जाते हैं – पेड़, पौधे, जानवर, पक्षी, कीट, मछलियाँ आदि। ये सभी सजीव प्राणी अपने-अपने वातावरण में जीवित रहने के लिए अलग-अलग विशेषताएँ रखते हैं। इन सजीवों में विविधता पाई जाती है, जिसे समझने के लिए वैज्ञानिकों ने इनका वर्गीकरण किया है।
सजीवों की पहचान कैसे करें?
- बढ़ना (Growth)
- श्वसन करना (Respiration)
- प्रजनन करना (Reproduction)
- आंदोलन (Movement)
- उत्तेजना की प्रतिक्रिया (Response to stimuli)
- अपशिष्ट निकालना (Excretion)
सजीवों की विविधता के कारण
- आवास में भिन्नता (जैसे – जल, थल, वायु)
- आकार और रंग में भिन्नता
- खानपान की आदतों में अंतर
- अनुकूलन की क्षमता
वर्गीकरण (Classification)
विभिन्न प्रकार के जीवों को विशेषताओं के आधार पर समूह में बाँटने की प्रक्रिया को वर्गीकरण कहते हैं। वर्गीकरण के माध्यम से हम सजीव जगत में विविधता का अध्ययन आसानी से कर सकते है।
सजीवों के प्रमुख समूह
- पादप (Plants)
- प्राणी (Animals)
- सूक्ष्मजीव (Microorganisms)
आवास (Habitat)
जीवों के रहने की प्राकृतिक जगह को आवास कहा जाता है। जीव अपने आवास में अनुकूलन के साथ रहते हैं।
- स्थलीय आवास: जंगल, रेगिस्तान, पहाड़
- जलवासी आवास: समुद्र, झील, नदी
- वायवीय जीव: हवा में उड़ने वाले जीव जैसे – पक्षी
महत्वपूर्ण शब्दावली
- विविधता: विभिन्न प्रकार के जीवों का पाया जाना
- सजीव: वे प्राणी जो जीवन क्रियाएँ करते हैं
- निर्जीव: वे वस्तुएँ जिनमें जीवन नहीं होता
- आवास: जहाँ जीव रहते हैं
- वर्गीकरण: जीवों को वर्गों में बाँटना
📝 5 महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
- प्रश्न: सजीव और निर्जीव में अंतर कैसे पहचाना जाता है?
उत्तर: जीवन क्रियाओं के आधार पर। - प्रश्न: अनुकूलन क्या है?
उत्तर: जीवों द्वारा अपने आवास के अनुसार ढलने की प्रक्रिया। - प्रश्न: वर्गीकरण क्यों जरूरी है?
उत्तर: सजीव जगत में विविधता एवं जीवों का अध्ययन सरल बनाने के लिए। - प्रश्न: स्थलीय और जलवासी जीवों में क्या अंतर है?
उत्तर: स्थलीय जीव भूमि पर और जलवासी जल में रहते हैं। - प्रश्न: उदाहरण दीजिए – एक स्थलीय और एक जलवासी जीव का।
उत्तर: ऊँट – स्थलीय, मछली – जलवासी।
हमारे आसपास के पौधों और जंतुओं में विविधता
हम जहाँ भी रहते हैं, वहाँ हमें अनेक प्रकार के पौधे और जानवर देखने को मिलते हैं। यह अध्याय हमें उनके प्रकार, विशेषताएँ और वर्गीकरण को समझने में मदद करता है। सजीवों में यह विविधता उनके रहने के स्थान, शरीर की बनावट, खान-पान आदि के कारण होती है।
पौधों के प्रकार
- 1. जड़ी-बूटी (Herbs): छोटे, कोमल तने वाले पौधे
जैसे – तुलसी, धनिया - 2. झाड़ी (Shrubs): छोटी लेकिन Woody शाखाओं वाले पौधे
जैसे – गुलाब, करौंदा - 3. वृक्ष (Trees): मजबूत और मोटे तने वाले बड़े पौधे
जैसे – आम, नीम - 4. लता (Creepers): जमीन पर फैलने वाले पौधे
जैसे – तरबूज - 5. बेल (Climbers): सहारे की सहायता से चढ़ने वाले पौधे
जैसे – लौकी, अंगूर
जंतुओं के प्रकार
- पालतू जानवर (Domestic animals): जैसे – गाय, बकरी, कुत्ता
- जंगली जानवर (Wild animals): जैसे – शेर, हिरण, भालू
- जलचर (Aquatic animals): जैसे – मछली, ऑक्टोपस
- स्थलचर (Terrestrial animals): जैसे – हाथी, कुत्ता
- उभयचर (Amphibians): जो जल और भूमि दोनों में रहते हैं – जैसे मेंढक
- वायवीय (Aerial animals): जैसे – पक्षी, चमगादड़
वर्गीकरण के लाभ
- विविध जीवों को समझने में सुविधा
- अध्ययन में सरलता
- समान गुणों वाले जीव एक ही समूह में
पौधों और जंतुओं की तुलना
बिंदु | पौधे | जंतु |
---|---|---|
आंदोलन | स्थिर रहते हैं | चल-फिर सकते हैं |
खानपान | खुद भोजन बनाते हैं (प्रकाश संश्लेषण) | अन्य जीवों पर निर्भर |
कोशिका भित्ति | उपस्थित | अनुपस्थित |
प्रश्नोत्तर
- प्रश्न: पौधों को कितने प्रकारों में बांटा गया है?
उत्तर: पाँच – जड़ी-बूटी, झाड़ी, वृक्ष, लता, बेल - प्रश्न: जलचर और स्थलचर में क्या अंतर है?
उत्तर: जलचर जल में रहते हैं, स्थलचर भूमि पर - प्रश्न: बेल और लता में क्या अंतर है?
उत्तर: बेलें सहारे से चढ़ती हैं, लताएँ ज़मीन पर फैलती हैं - प्रश्न: उभयचर का उदाहरण क्या है?
उत्तर: मेंढक - प्रश्न: पालतू और जंगली जानवरों में अंतर बताइए
उत्तर: पालतू जानवर इंसान के साथ रहते हैं, जंगली जंगल में
पौधों और जंतुओं के समूह कैसे बनाएं?
प्रकृति में जीवों की संख्या लाखों में है। अगर हम उन्हें अनियमित रूप से पढ़ने लगें तो समझना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए वैज्ञानिकों ने उनकी विशेषताओं के आधार पर उन्हें समूहों में बाँटने की विधि बनाई जिसे “वर्गीकरण” कहते हैं। वर्गीकरण के माध्यम से हम सजीव जगत की विविधता को समझ और उनकी और अधिक जानकारी जुटा सकते है।
पौधों को समूह में कैसे बाँटें?
- तने की बनावट (कोमल या कठोर)
- आकार और ऊँचाई (छोटे, मध्यम, ऊँचे)
- पत्तियों की बनावट और संख्या
- फूल या फल होना/न होना
- पानी की आवश्यकता
इन आधारों पर पौधों को जड़ी-बूटी, झाड़ी, वृक्ष, लता, बेल जैसे समूहों में बाँटा जाता है।
जंतुओं को समूह में कैसे बाँटें?
- रहने का स्थान (जल, थल, वायु)
- खान-पान (शाकाहारी, मांसाहारी)
- शरीर की बनावट (दो पैर, चार पैर, उड़ने वाले आदि)
- पालतू या जंगली
- प्रजनन का तरीका (अंडे या बच्चे)
इन आधारों पर जंतुओं को जलचर, स्थलचर, उभयचर, वायवीय, पालतू, जंगली आदि समूहों में बाँटा जाता है।
समूह बनाने के लाभ
- समान जीवों को एक साथ समझना आसान होता है।
- अध्ययन और खोज में सुविधा मिलती है।
- हर जीव की विशेषता जल्दी समझी जा सकती है।
विभिन्न परिवेश में पौधे और जंतु
पृथ्वी पर जीवन कई प्रकार के परिवेश (Environment) में पाया जाता है – जैसे पानी, जमीन, पहाड़, रेगिस्तान आदि। इन परिवेशों में रहने वाले पौधे और जंतु समय के साथ अपने वातावरण के अनुसार ढल गए हैं। इसे “अनुकूलन” (Adaptation) कहते हैं।
प्रमुख परिवेश के प्रकार
- स्थलीय परिवेश (Terrestrial Habitat): भूमि पर रहने वाले जीवों का परिवेश
- जल परिवेश (Aquatic Habitat): जल में रहने वाले जीवों का परिवेश
- वायवीय परिवेश (Aerial): हवा में उड़ने वाले जीवों का परिवेश
स्थलीय परिवेश में पौधे
- रेगिस्तानी पौधे: जैसे – कैक्टस (पानी की कमी सहने वाले)
- जंगलों के पौधे: जैसे – साल, सागौन (लंबे और बड़े पत्तों वाले)
- पर्वतीय पौधे: जैसे – देवदार, चीड़ (कोनाकार और मोमयुक्त पत्तियाँ)
स्थलीय परिवेश में जंतु
- रेगिस्तान के जंतु: ऊँट, छिपकली
- जंगल के जंतु: बाघ, हिरण, बंदर
- पर्वतीय जंतु: याक, हिम तेंदुआ
जल परिवेश में पौधे
- फूलने वाले जलीय पौधे: कमल, जलकुंभी
- जल में तैरने वाले पौधे: वालिसनेरिया, हाइड्रिला
- जल में डूबे रहने वाले पौधे: कबम्बा
जल परिवेश में जंतु
- मीठे पानी के जीव: मछली, मेंढक, झींगा
- समुद्री जीव: डॉल्फिन, व्हेल, ऑक्टोपस
अनुकूलन (Adaptation) क्या है?
अनुकूलन जीवों की वह विशेषता है जिसके कारण वे अपने परिवेश में जीवित रह पाते हैं।
- रेगिस्तानी पौधों में काँटे और मोटे तने
- जल के पौधों में हल्के और तैरने योग्य पत्तियाँ
- वायवीय पक्षियों में पंख, खोखली हड्डियाँ।
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
- प्रश्न: स्थलीय और जल परिवेश में क्या अंतर है?
उत्तर: स्थलीय जीव भूमि पर रहते हैं जबकि जलवासी जल में। - प्रश्न: रेगिस्तान में पौधे कैसे जीवित रहते हैं?
उत्तर: वे पानी को संग्रह करते हैं और पत्तियाँ काँटों में बदल जाती हैं। - प्रश्न: मछली को पानी में सांस लेने में मदद कौन करता है?
उत्तर: गलफड़े (gills) - प्रश्न: अनुकूलन किसे कहते हैं?
उत्तर: जीवों की वह विशेषताएँ जिससे वे अपने वातावरण में जीवित रहते हैं। - प्रश्न: समुद्री जीवों का उदाहरण दें।
उत्तर: व्हेल, डॉल्फिन
प्रमुख शब्दों पर टिप्पणी
- अनुकूलन (Adaptation): किसी जीव की वह विशेषताएँ, जिनकी मदद से वह अपने वातावरण में जीवित रह पाता है।
- एकबीजपत्री पौधे (Monocot plants): वे पौधे जिनके बीज में केवल एक बीजपत्र होता है। जैसे – गेहूं, मक्का।
- द्विबीजपत्री पौधे (Dicot plants): वे पौधे जिनके बीज में दो बीजपत्र होते हैं। जैसे – आम, चना।
- बीजपत्र (Cotyledon): बीज के अंदर पाए जाने वाले पोषक अंग, जो अंकुरण के समय पौधे को भोजन प्रदान करते हैं।
- उभयचर (Amphibian): ऐसे जंतु जो जल और थल दोनों में जीवन यापन कर सकते हैं। जैसे – मेंढक।
- जलीय (Aquatic): वे पौधे या जंतु जो जल में रहते हैं।
- थलीय (Terrestrial): वे जीव जो भूमि पर रहते हैं।
- आवास (Habitat): वह स्थान जहाँ कोई जीव स्वाभाविक रूप से रहता है।
- शिरा-विन्यास (Venation): पत्तियों की नसों या शिराओं का फैलाव।
- समांतर शिरा-विन्यास (Parallel Venation): जब पत्ती की शिराएँ समानांतर होती हैं। जैसे – घास।
- जालिकारूपी शिरा-विन्यास (Reticulate Venation): जब पत्ती की शिराएँ जाल की तरह फैली होती हैं। जैसे – आम, गुलाब।
- झाड़ियाँ (Shrubs): छोटे आकार के Woody पौधे जिनमें कई शाखाएँ नीचे से ही निकलती हैं।
- वृक्ष (Trees): लंबे और मोटे तने वाले पौधे। जैसे – पीपल, आम।
- शाक (Herbs): छोटे और कोमल तने वाले पौधे। जैसे – धनिया, तुलसी।
- मूसला जड़ (Tap Root): एक मोटी मुख्य जड़ जिसमें से छोटी-छोटी पार्श्व जड़ें निकलती हैं।
- झकड़ा/रेशेदार जड़ (Fibrous Root): जड़ों का गुच्छा जो एक ही जगह से निकलती हैं। जैसे – घास।
- जैव विविधता (Biodiversity): पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी जीवों और पौधों की विविधता।
- पवित्र उपवन (Sacred Groves): ऐसे जंगल या वृक्ष समूह जिन्हें धार्मिक और सांस्कृतिक कारणों से संरक्षित किया जाता है।
प्रश्नोत्तर (सजीव जगत में विविधता)
1. यहाँ दो प्रकार के बीज दिए गए हैं। आप इनके पौधों की जड़ों और पत्तियों के शिरा-विन्यास में क्या अंतर पाते हैं?
उत्तर: गेहूँ एक एकबीजपत्री पौधा है, जबकि राजमा एक द्विबीजपत्री पौधा है।
- गेहूँ की जड़ें – रेशेदार जड़
- गेहूँ की पत्तियाँ – समांतर शिरा-विन्यास
- राजमा की जड़ें – मूसला जड़
- राजमा की पत्तियाँ – जालिकारूपी शिरा-विन्यास
2. नीचे कुछ जंतुओं के नाम दिए गए हैं। उनके आवास के अनुसार उन्हें स्थल परिवेश और वायवीय परिवेश वाले दो समूहों में बाँटिए।
उत्तर:
- स्थलीय जंतु: गाय, हिरण, भालू, बकरी, मेंढक (आंशिक), कुत्ता, शेर, लोमड़ी, तेंदुआ, घोड़ा
- वायवीय जंतु: तोता, कबूतर, डॉल्फिन (जलचर), चील, गरुड़, चमगादड़, बाज़
नोट: डॉल्फिन को आमतौर पर जलचर में ही गिना जाता है, लेकिन यदि प्रश्न सिर्फ स्थल/वायवीय है, तो जलचर को अलग ग्रुप में भी रखा जा सकता है।
3. मुनु की माँ की एक शाकवाटिका (किचन गार्डन) है। एक दिन मुनु ने मूली उखाड़ी। माँ ने बताया कि मूली एक प्रकार की जड़ है। आप मूली को सायंस प्रयोगशाला में देखें और बताएं कि किस प्रकार की जड़ है? मूली के पौधे की पत्तियों में आपको किस प्रकार का शिरा-विन्यास दिखाई देगा?
उत्तर: मूली में मूसला जड़ पाई जाती है और इसकी पत्तियों में जालिकारूपी शिरा-विन्यास होता है। यह द्विबीजपत्री पौधा है।
4. नीचे दिए गए चित्रों में पर्वतीय बकरी और मैदानी बकरी को देखें। उनके बीच समानताओं और अंतर बताइए। साथ ही यह भी बताइए कि इन अंगों के क्या कारण हैं?
उत्तर:
- समानताएँ: दोनों स्तनधारी हैं, चार पैर हैं, शाकाहारी हैं, दूध देती हैं।
- अंतर: पर्वतीय बकरी के खुर मजबूत और टेढ़े होते हैं जिससे वह ढलानों पर आसानी से चल सके। मैदानी बकरी के खुर सीधे होते हैं क्योंकि उसे समतल ज़मीन पर चलना होता है।
- कारण: यह अंतर उनके परिवेश में अनुकूलन के कारण होता है।
5. पाठ में चर्चा की गई विशेषताओं के अतिरिक्त किसी अन्य विशेषता के आधार पर नीचे लिखित जंतुओं के दो समूह बनाइए:
गाय, तितलियाँ (कंकशोप), कबूतर, चमगादड़, केकड़ा, मेंढक, मछली, टिड्डा, छिपकली
उत्तर: दो समूह –
- (क) पंख वाले/उड़ने वाले: तितली, कबूतर, चमगादड़, टिड्डा
- (ख) बिना पंख वाले: गाय, केकड़ा, मेंढक, मछली, छिपकली
6. जनसंख्या के बढ़ने और मनुष्यों द्वारा अधिक सुविधा जनक जीवन की चाह में विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वन और पहाड़ियाँ काटी जा रही हैं। यह हमारे आस-पास के जीवों को किस प्रकार प्रभावित कर सकता है?
उत्तर: जंगलों और पहाड़ियों को काटने से पशु-पक्षियों का प्राकृतिक आवास नष्ट हो रहा है। इससे:
- जैव विविधता कम हो रही है
- जीवों की प्रजातियाँ विलुप्त हो रही हैं
- पर्यावरण असंतुलन हो रहा है
- मनुष्य को भी जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है
7. स्त्रोतों का विश्लेषण करो। इसमें ‘क’, ‘ख’ और ‘ग’ को कौन-कौन से उदाहरण हो सकते हैं?
उत्तर: यह प्रश्न पिछले वेन डायग्राम (क – गेहूं, ख – राजमा, ग – दोनों में समानता) से संबंधित है।
- ‘क’ (गेहूँ) की विशेषता: रेशेदार जड़, समांतर शिरा-विन्यास
- ‘ख’ (राजमा) की विशेषता: मूसला जड़, जालिकारूपी शिरा-विन्यास
- ‘ग’ (दोनों में समानता): दोनों बीज हैं, पौधों में पत्तियाँ होती हैं, भोजन स्रोत हैं
प्रश्न 8:
राज अपने मित्र संजय से तर्क करता है, “गुड़हल का पौधा एक झाड़ी है।” संजय इसके स्पष्टीकरण के लिए कौन-से प्रश्न पूछ सकता है?
उत्तर:
संजय निम्नलिखित प्रश्न पूछ सकता है:
- गुड़हल के पौधे की ऊँचाई कितनी है?
- क्या इसकी शाखाएँ तने के नीचे वाले भाग से निकलती हैं?
- क्या यह वृक्ष की तरह बहुत ऊँचा होता है या झाड़ी की तरह मध्यम आकार का?
इन प्रश्नों से यह स्पष्ट हो सकता है कि गुड़हल एक झाड़ी (Shrub) है, न कि वृक्ष या शाक।
प्रश्न 9:
तालिका में कुछ आँकड़े दिए गए हैं। आँकड़ों के समूह के आधार पर इन पौधों के उदाहरण का पता लगाइए।
समूह | बीज का प्रकार | जड़ का प्रकार | उदाहरण |
---|---|---|---|
क | द्विबीजपत्री | मूसला जड़ | राजमा, चना, आम |
ख | एकबीजपत्री | झकड़ा जड़ | गेहूँ, धान, घास |
(I) समूह ‘क’ के पौधों में और क्या समानताएँ हैं?
- जालिकारूपी शिरा-विन्यास
- दो बीजपत्र
- गहरी मुख्य जड़ और शाखाएँ
(II) समूह ‘ख’ के पौधों में और क्या समानताएँ हैं?
- समांतर शिरा-विन्यास
- एक बीजपत्र
- रेशेदार (झकड़ा) जड़ें
प्रश्न 10:
नीचे दिए गए चित्र में बत्तख के नामांकित भाग को देखें। बत्तख के पंज़ों में अन्य पक्षियों की तुलना में आपको क्या भिन्नता दिखाई देती है? बत्तख अपने इस भाग का उपयोग करके कौन-सी गतिविधि करने में सक्षम होगी?
उत्तर:
- बत्तख के पंजों में झिल्ली पाई जाती है, जिसे झिल्लीयुक्त पंजे कहते हैं।
- अन्य पक्षियों जैसे कबूतर में यह झिल्ली नहीं होती।
- झिल्लीयुक्त पंजे पानी में तैरने में सहायक होते हैं।
इसलिए: बत्तख पानी में आसानी से तैर सकती है और यह जलचर पक्षी कहलाती है।
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